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महामारी के समय में राजस्थान सरकार राजनीति न करे, बल्कि समन्वित प्रयास से कार्य करे: सांसद देवजी पटेल

जालोर सिरोही लोकसभा सांसद देवजी एम पटेल ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कोविड-19 प्रबंधन के लिए जनसेवा का कार्य किया जा रहा है. जबकि राज्य सरकार कोरोना काल में भी राजनीति कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है.

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जालोर सिरोही लोकसभा सांसद देवजी एम पटेल ने साधा निशाना
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Published : May 12, 2021, 6:59 PM IST

रानीवाड़ा (जालोर). जालोर सिरोही लोकसभा सांसद देवजी एम पटेल ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार कोरोना पीड़ितों के लिए पूरा सहयोग दे रही है लेकिन राज्य सरकार राजनीति करने में ही व्यस्त है. प्रदेश सरकार व्यवस्था करने के बजाए लोगों को गुमराह कर रही है.

लोकसभा सांसद देवजी पटेल ने बताया कि मोदी सरकार की ओर से देश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन की आपूर्ति को सुनिचित करने के लिए तरल मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है. जहां 1 अगस्त, 2020 को 5700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा था, वहीं 26 अप्रैल, 2021 को बढ़ाकर 9219 मीट्रिक टन किया गया. जिसे 30 अप्रैल, 2021 को और बढ़ाकर 9350 मीट्रिक टन प्रतिदिन कर दिया गया हैं. देश में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ऑक्सीजन के इंडस्ट्रीज यूज के बजाय संपूर्ण ऑक्सीजन का उपयोग मेडिकल उपयोग में किया जा रहा है. एक वर्ष के अंतर्गत तरल मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को 10 गुना तक बढ़ाया जाएगा. ऑक्सीजन की आपूर्ति को शीघ्रता से सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे की ओर से 19 अप्रैल से ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई जा रही है तथा वर्तमान में 15 ऑक्सीजन ट्रेन संचालित है.

पढ़ें: राजस्थान से जांच के लिए पुणे भेजे गए सैंपल्स में यूके स्ट्रेन की पुष्टि: डॉ. रघु शर्मा

ऑक्सीजन टैंकरों के आवागमन में लगने वाले समय को कम करने के लिए भारतीय वायुसेना की ओर से हवाई मार्ग से खाली टेंकरों को ऑक्सिजन प्लांट तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. इससे आवागमन में आधे समय की बचत हो रही हैं. ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाने के उद्देय से प्रधानमंत्री मोदी की ओर से पीएम केयर से 1213 पीएसए स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई हैं. केंद्र सरकार की ओर से 1,02,400 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे जा चुके हैं तथा 1,27,000 सिलेण्डर खरीदने के ऑर्डर हो चुके हैं. इसके अतिरिक्त पीएम केयर फंड से 1 लाख ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी खरीदे जा रहे हैं.

केन्द्र सरकार रेमडेसिविर की कमी नहीं होने देगी

सांसद देवजी पटेल ने बताया कि कोरोना मरीजों पर रेमडेसिविर के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इसके उत्पादन को बढ़ाया गया. यद्यपि रेमडेसिविर कोरोना की अधिकृत दवा नहीं हैं. वर्तमान में 7 कंपनी रेमडेसिविर का निर्माण कर रही हैं. उत्पादन बढ़ाने के लिए फार्मा कंपनीज के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने मीटिंग कर उत्पादन बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं. जहां रेमडेसिविर बनाने के लिए अप्रैल के प्रथम सप्ताह में 10 प्लांट कार्य कर रहे थे. वर्तमान में इन्हें बढ़ाकर 55 किया गया है तथा उत्पादन को 30 लाख से बढ़ाकर 103 लाख प्रतिमाह किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त मदों से भी रेमडेसिविर का आयात किया जा रहा है. सांसद पटेल ने बताया कि कोविड की रोकथाम में भारत की दोनों ही वैक्सिन कोविशील्ड एवं कोवेक्सीन बहुत प्रभावी है. केंद्र सरकार की ओर से अबतक 16.33 करोड़ खुराकें निशुल्क उपलब्ध कराई गई हैं.

पढ़ें: बाड़ी चिकित्सालय में कोविड वार्ड फिर से शुरू, भामाशाहों ने दान किए ऑक्सीजन सिलेंडर

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पुनः शुरू

सांसद देवजी एम पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस कठिन समय में गरीब कल्याण को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मई-जून के लिए पुनः प्रारम्भ किया है. इस योजना के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को 5 किलो निशुल्क खाद्यान उपलब्ध कराया जाएगा. इस योजना पर 26,000 करोड़ रुपये का व्यय किया जायएगा.

आपदा राहत कोष की राशि अग्रीम जारी

मोदी सरकार की ओर से सभी राज्यों को वर्ष 2021 के लिए राज्य आपदा राहत कोष के केंद्रीय हिस्से की पहली किस्त को निर्धारित समय से पहले ही अग्रिम तौर पर जारी कर दी है. इसके तहत राजस्थान राज्य की भी पहलीकिस्त जारी कर दी गई है.

हर संभव सहायता उपलब्ध करवा रही केन्द्र सरकार

सांसद पटेल ने बताया कि आज कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरा देश संघर्ष कर रहा है. सरकार देशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के तमाम प्रयास कर हर संभव सहायता उपलब्ध करवा रही है. पीएम केयर फंड से शुरुआती समय में ही देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य केद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड मेडिकल ऑक्सिजन उत्पादन संयत्र लगाने के लिये 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाए गये. केंद्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन प्लांट की वित्तीय स्वीकृति के बाद भी राजस्थान सरकार कोई सुध नहीं ले रही, अन्यथा 1600 से अधिक ऑक्सीजन सिलेण्डर प्रतिदिन प्रदेश में उत्पादित किये जाते.

पढ़ें: कोरोना ने फिर छीनी रोजी रोटी, पश्चिमी राजस्थान से पलायन कर लौटने लगे मजबूर मजदूर

जामनगर से गुजरात ग्रीन कॉरीडोर बनाकर भारतीय वायुसेना की ओर से एयर लिफ्ट करके लिक्विड ऑक्सीजन जोधपुर पहुंचाई जा रही है. राजस्थान राज्य के लिए केंद्र की ओर से ऑक्सीजन के निर्धारित कोटे को निरंतर आवयकतानुसार बढ़ाया जा रहा है. 10 मई 2021 के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के लिए ऑक्सीजन का कोटा 435 मीट्रिक टन कर दिया गया है, परन्तु दुर्भाग्य का विषय है कि राज्य सरकार इस कोटे को भी पूरा नहीं मंगा पा रही है. सांसद पटेल ने बताया कि भारत सरकार ऑक्सीजन के आवागमन में टैंकरों की कमी को पूरा करने के लिए भी प्रयासरत है. इस संदर्भ में आस्ट्रेलिया से 40 मीट्रिक टन क्षमता वाले 30 आईएसआसे खरीदने की प्रक्रिया अतिम चरण में है.

राजस्थान में लगेंगे 16 नए ऑक्सीजन प्लान्ट

देशभर में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे भारत में 581 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया है. देशभर में लगने वाले इन प्लांट्स की लागत को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वहन किया जायेगा. इसमें राजस्थान में भी विभिन्न स्थानों पर 16 नये ऑक्सिजन प्लॉन्ट लगाये जाएंगे. इसके अतिरिक्त राजस्थान में 2 ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट स्थापित करने की भी केंद्र सरकार से स्वीकृति प्रदान की गई है.

पीएम केयर फंड से उपलब्ध करवाए गए वेंटिलेटर्स की अनदेखी

पीएम केयर फंड की सहायता से उच्च गुणवता के 30 हजार वेंटीलेटर बनाए गए हैं. एक वेंटीलेटर की लागत लगभग 4 लाख रुपये है. केंद्र सरकार की ओऱ से पीएमकेयर फंड के माध्यम से लगभग 60 करोड़ की लागत से राजस्थान में 1500 वेंटीलेटर उपलब्ध करवाए गए हैं. राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों के अनुसार 1475 वेंटीलेटर इंस्टाल किए जा चुके हैं, परन्तु प्रशासन की शिथिलता एवं अनदेखी के कारण वास्तविकता में यह संख्या काफी कम है तथा वेटींलेटर अनुपयोगी पड़े हुए हैं. ऐसी सूचना मिली है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान व पीएमकेयर को अनदेखा करने के लिए यूएस की हेमिलटन मेडिकल कंपनी के विदेश से वेंटीलेटर खरीदना चाह रही थी.

पढ़ें: COVID-19 : जानें किस जिले में कितने खाली बचे हैं ऑक्सीजन बेड, ICU और वेंटिलेटर्स

पीएमकेयर फंड के अंतर्गत उपलब्ध कराए गए ये वेंटीलेटर्स केरल, गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में सुचारु रूप से उपयोगिता में लिये जा रहे हैं, परन्तु राजस्थान में नॉन ऑप्रेनल होने के पीछे प्रदेश की कांग्रेस सरकार की संकीर्ण मानसिकता प्रर्दिशत होती है क्योंकि इन वेंटिलेटर के उपयोग करने से मोदी की लोकप्रियता को बढ़ावा मिलेगा. प्रशासन की ओर से यह कहा जा रहा है कि इन स्वदेशी वेंटिलेटर में आवयक उपकरणों का अभाव है. इसकी सत्यता यह है कि वेंटिलेटर बदलते समय उपयोग में आने वाला फ्लो सेंसर मात्र 300 रुपये में बाजार में उपलब्ध है.

सांसद फंड कोविड-19 के लिए जारी

केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष में कोविड-19 से संघर्ष के लिए सांसद को मिलने वाली संसदीय क्षेत्र विकास निधि की राशि को 2 वित्तीय वर्ष के लिए स्थगित करते हुए संपूर्ण राशि कोरोना से बचाव व उपचार के लिए उपयोग करने का निर्णय लिया था. वर्तमान में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप को मध्यनजर रखते हुए कोविड-19 से स्थानीय स्तर पर बचाव एवं उपचार के लिए केन्द्र सरकार की ओर से निर्णय लेते हुए 2019-20 के तहत संसदीय क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत 2.5 करोड़ की किस्त सभी लोकसभा एवं राज्य सभा सांसदों के लिए जारी की है. जिसका सांसद अपने क्षेत्र में कोविड-19 से संबंधित सुविधाएं प्रदान करने के लिए अनुशंसा कर सकते हैं. इससे ऑक्सीजन की स्थानीय स्तर पर उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए इस निधि का उपयोग सरकारी अस्पतालों एवं औषधालयों में स्वतंत्र ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने में भी किया जा सकता है.

सांसद देवजी पटेल ने भी दो करोड़ की राशि दी

जालोर-सिरोही लोकसभा सांसद देवजी पटेल ने सांसद निधि कोष से क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की रोकथम में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए आवयकतानुसार लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन सिलेण्डर, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, दवाइयों एवं इंजेक्शन सहित उपकरण व सामग्री क्रय करने के लिए 2 करोड़ रुपये की अनुशंसा जारी की है. जिला कलेक्टर्स की ओर से एक करोड़ की स्वीकृति जारी की गई तथा एक करोड़ और की शीघ्र स्वीकृति जारी की जाएगी.

राजस्थान सरकार फिलहाल राजनीति न कर समन्वित प्रयास से कार्य करे

जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने बताया कि इस कठिन संघर्ष में सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए. यह समय राजनीति करने का नहीं है बल्कि समन्वित प्रयास से कार्य करने का है. मेरी राजस्थान सरकार से अपेक्षा है कि राज्य में पीएम केयर की ओर से उपलब्ध कराए गए 1500 वेंटिलेटर्स को यथाशीघ्र इंस्टॉल कराने की व्यवस्था करें ताकि उनको उपयोग में लाकर अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके.

रानीवाड़ा (जालोर). जालोर सिरोही लोकसभा सांसद देवजी एम पटेल ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार कोरोना पीड़ितों के लिए पूरा सहयोग दे रही है लेकिन राज्य सरकार राजनीति करने में ही व्यस्त है. प्रदेश सरकार व्यवस्था करने के बजाए लोगों को गुमराह कर रही है.

लोकसभा सांसद देवजी पटेल ने बताया कि मोदी सरकार की ओर से देश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन की आपूर्ति को सुनिचित करने के लिए तरल मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है. जहां 1 अगस्त, 2020 को 5700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा था, वहीं 26 अप्रैल, 2021 को बढ़ाकर 9219 मीट्रिक टन किया गया. जिसे 30 अप्रैल, 2021 को और बढ़ाकर 9350 मीट्रिक टन प्रतिदिन कर दिया गया हैं. देश में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ऑक्सीजन के इंडस्ट्रीज यूज के बजाय संपूर्ण ऑक्सीजन का उपयोग मेडिकल उपयोग में किया जा रहा है. एक वर्ष के अंतर्गत तरल मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को 10 गुना तक बढ़ाया जाएगा. ऑक्सीजन की आपूर्ति को शीघ्रता से सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे की ओर से 19 अप्रैल से ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई जा रही है तथा वर्तमान में 15 ऑक्सीजन ट्रेन संचालित है.

पढ़ें: राजस्थान से जांच के लिए पुणे भेजे गए सैंपल्स में यूके स्ट्रेन की पुष्टि: डॉ. रघु शर्मा

ऑक्सीजन टैंकरों के आवागमन में लगने वाले समय को कम करने के लिए भारतीय वायुसेना की ओर से हवाई मार्ग से खाली टेंकरों को ऑक्सिजन प्लांट तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. इससे आवागमन में आधे समय की बचत हो रही हैं. ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाने के उद्देय से प्रधानमंत्री मोदी की ओर से पीएम केयर से 1213 पीएसए स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई हैं. केंद्र सरकार की ओर से 1,02,400 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे जा चुके हैं तथा 1,27,000 सिलेण्डर खरीदने के ऑर्डर हो चुके हैं. इसके अतिरिक्त पीएम केयर फंड से 1 लाख ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी खरीदे जा रहे हैं.

केन्द्र सरकार रेमडेसिविर की कमी नहीं होने देगी

सांसद देवजी पटेल ने बताया कि कोरोना मरीजों पर रेमडेसिविर के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इसके उत्पादन को बढ़ाया गया. यद्यपि रेमडेसिविर कोरोना की अधिकृत दवा नहीं हैं. वर्तमान में 7 कंपनी रेमडेसिविर का निर्माण कर रही हैं. उत्पादन बढ़ाने के लिए फार्मा कंपनीज के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने मीटिंग कर उत्पादन बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं. जहां रेमडेसिविर बनाने के लिए अप्रैल के प्रथम सप्ताह में 10 प्लांट कार्य कर रहे थे. वर्तमान में इन्हें बढ़ाकर 55 किया गया है तथा उत्पादन को 30 लाख से बढ़ाकर 103 लाख प्रतिमाह किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त मदों से भी रेमडेसिविर का आयात किया जा रहा है. सांसद पटेल ने बताया कि कोविड की रोकथाम में भारत की दोनों ही वैक्सिन कोविशील्ड एवं कोवेक्सीन बहुत प्रभावी है. केंद्र सरकार की ओर से अबतक 16.33 करोड़ खुराकें निशुल्क उपलब्ध कराई गई हैं.

पढ़ें: बाड़ी चिकित्सालय में कोविड वार्ड फिर से शुरू, भामाशाहों ने दान किए ऑक्सीजन सिलेंडर

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पुनः शुरू

सांसद देवजी एम पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस कठिन समय में गरीब कल्याण को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मई-जून के लिए पुनः प्रारम्भ किया है. इस योजना के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को 5 किलो निशुल्क खाद्यान उपलब्ध कराया जाएगा. इस योजना पर 26,000 करोड़ रुपये का व्यय किया जायएगा.

आपदा राहत कोष की राशि अग्रीम जारी

मोदी सरकार की ओर से सभी राज्यों को वर्ष 2021 के लिए राज्य आपदा राहत कोष के केंद्रीय हिस्से की पहली किस्त को निर्धारित समय से पहले ही अग्रिम तौर पर जारी कर दी है. इसके तहत राजस्थान राज्य की भी पहलीकिस्त जारी कर दी गई है.

हर संभव सहायता उपलब्ध करवा रही केन्द्र सरकार

सांसद पटेल ने बताया कि आज कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरा देश संघर्ष कर रहा है. सरकार देशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के तमाम प्रयास कर हर संभव सहायता उपलब्ध करवा रही है. पीएम केयर फंड से शुरुआती समय में ही देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य केद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड मेडिकल ऑक्सिजन उत्पादन संयत्र लगाने के लिये 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाए गये. केंद्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन प्लांट की वित्तीय स्वीकृति के बाद भी राजस्थान सरकार कोई सुध नहीं ले रही, अन्यथा 1600 से अधिक ऑक्सीजन सिलेण्डर प्रतिदिन प्रदेश में उत्पादित किये जाते.

पढ़ें: कोरोना ने फिर छीनी रोजी रोटी, पश्चिमी राजस्थान से पलायन कर लौटने लगे मजबूर मजदूर

जामनगर से गुजरात ग्रीन कॉरीडोर बनाकर भारतीय वायुसेना की ओर से एयर लिफ्ट करके लिक्विड ऑक्सीजन जोधपुर पहुंचाई जा रही है. राजस्थान राज्य के लिए केंद्र की ओर से ऑक्सीजन के निर्धारित कोटे को निरंतर आवयकतानुसार बढ़ाया जा रहा है. 10 मई 2021 के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के लिए ऑक्सीजन का कोटा 435 मीट्रिक टन कर दिया गया है, परन्तु दुर्भाग्य का विषय है कि राज्य सरकार इस कोटे को भी पूरा नहीं मंगा पा रही है. सांसद पटेल ने बताया कि भारत सरकार ऑक्सीजन के आवागमन में टैंकरों की कमी को पूरा करने के लिए भी प्रयासरत है. इस संदर्भ में आस्ट्रेलिया से 40 मीट्रिक टन क्षमता वाले 30 आईएसआसे खरीदने की प्रक्रिया अतिम चरण में है.

राजस्थान में लगेंगे 16 नए ऑक्सीजन प्लान्ट

देशभर में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे भारत में 581 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया है. देशभर में लगने वाले इन प्लांट्स की लागत को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वहन किया जायेगा. इसमें राजस्थान में भी विभिन्न स्थानों पर 16 नये ऑक्सिजन प्लॉन्ट लगाये जाएंगे. इसके अतिरिक्त राजस्थान में 2 ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट स्थापित करने की भी केंद्र सरकार से स्वीकृति प्रदान की गई है.

पीएम केयर फंड से उपलब्ध करवाए गए वेंटिलेटर्स की अनदेखी

पीएम केयर फंड की सहायता से उच्च गुणवता के 30 हजार वेंटीलेटर बनाए गए हैं. एक वेंटीलेटर की लागत लगभग 4 लाख रुपये है. केंद्र सरकार की ओऱ से पीएमकेयर फंड के माध्यम से लगभग 60 करोड़ की लागत से राजस्थान में 1500 वेंटीलेटर उपलब्ध करवाए गए हैं. राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों के अनुसार 1475 वेंटीलेटर इंस्टाल किए जा चुके हैं, परन्तु प्रशासन की शिथिलता एवं अनदेखी के कारण वास्तविकता में यह संख्या काफी कम है तथा वेटींलेटर अनुपयोगी पड़े हुए हैं. ऐसी सूचना मिली है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान व पीएमकेयर को अनदेखा करने के लिए यूएस की हेमिलटन मेडिकल कंपनी के विदेश से वेंटीलेटर खरीदना चाह रही थी.

पढ़ें: COVID-19 : जानें किस जिले में कितने खाली बचे हैं ऑक्सीजन बेड, ICU और वेंटिलेटर्स

पीएमकेयर फंड के अंतर्गत उपलब्ध कराए गए ये वेंटीलेटर्स केरल, गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में सुचारु रूप से उपयोगिता में लिये जा रहे हैं, परन्तु राजस्थान में नॉन ऑप्रेनल होने के पीछे प्रदेश की कांग्रेस सरकार की संकीर्ण मानसिकता प्रर्दिशत होती है क्योंकि इन वेंटिलेटर के उपयोग करने से मोदी की लोकप्रियता को बढ़ावा मिलेगा. प्रशासन की ओर से यह कहा जा रहा है कि इन स्वदेशी वेंटिलेटर में आवयक उपकरणों का अभाव है. इसकी सत्यता यह है कि वेंटिलेटर बदलते समय उपयोग में आने वाला फ्लो सेंसर मात्र 300 रुपये में बाजार में उपलब्ध है.

सांसद फंड कोविड-19 के लिए जारी

केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष में कोविड-19 से संघर्ष के लिए सांसद को मिलने वाली संसदीय क्षेत्र विकास निधि की राशि को 2 वित्तीय वर्ष के लिए स्थगित करते हुए संपूर्ण राशि कोरोना से बचाव व उपचार के लिए उपयोग करने का निर्णय लिया था. वर्तमान में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप को मध्यनजर रखते हुए कोविड-19 से स्थानीय स्तर पर बचाव एवं उपचार के लिए केन्द्र सरकार की ओर से निर्णय लेते हुए 2019-20 के तहत संसदीय क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत 2.5 करोड़ की किस्त सभी लोकसभा एवं राज्य सभा सांसदों के लिए जारी की है. जिसका सांसद अपने क्षेत्र में कोविड-19 से संबंधित सुविधाएं प्रदान करने के लिए अनुशंसा कर सकते हैं. इससे ऑक्सीजन की स्थानीय स्तर पर उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए इस निधि का उपयोग सरकारी अस्पतालों एवं औषधालयों में स्वतंत्र ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने में भी किया जा सकता है.

सांसद देवजी पटेल ने भी दो करोड़ की राशि दी

जालोर-सिरोही लोकसभा सांसद देवजी पटेल ने सांसद निधि कोष से क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की रोकथम में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए आवयकतानुसार लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन सिलेण्डर, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, दवाइयों एवं इंजेक्शन सहित उपकरण व सामग्री क्रय करने के लिए 2 करोड़ रुपये की अनुशंसा जारी की है. जिला कलेक्टर्स की ओर से एक करोड़ की स्वीकृति जारी की गई तथा एक करोड़ और की शीघ्र स्वीकृति जारी की जाएगी.

राजस्थान सरकार फिलहाल राजनीति न कर समन्वित प्रयास से कार्य करे

जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने बताया कि इस कठिन संघर्ष में सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए. यह समय राजनीति करने का नहीं है बल्कि समन्वित प्रयास से कार्य करने का है. मेरी राजस्थान सरकार से अपेक्षा है कि राज्य में पीएम केयर की ओर से उपलब्ध कराए गए 1500 वेंटिलेटर्स को यथाशीघ्र इंस्टॉल कराने की व्यवस्था करें ताकि उनको उपयोग में लाकर अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके.

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