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लॉकडाउन के बीच रानीवाड़ा और जसवंतपुरा में 18 हजार से अधिक लोगों को मिल रहा है मनरेगा में रोजगार - मनरेगा न्यूज

लॉकडाउन के बीच रानीवाड़ा और जसवंतपुरा में 18 हजार अधिक लोगों को मनरेगा में रोजगार मिल रहा है. अब इन लोगों को रोजी-रोटी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा. पढ़ें पूरी खबर...

जालोर न्यूज, jalore news
18 हजार से अधिक लोगों को मिल रहा है मनरेगा में रोजगार
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Published : May 16, 2020, 1:20 PM IST

रानीवाड़ा (जालोर). देशभर में कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं, जालोर जिले के रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के जसवंतपुरा उपखंड क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ती ही जा रही है. साथ ही कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार प्रयासरत हैं. देशभर में जब से लॉकडाउन की घोषणा हुई है, तब से उद्योग-धंधे प्रभावित हुए हैं.

18 हजार से अधिक लोगों को मिल रहा है मनरेगा में रोजगार

इस दौरान सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है. क्योंकि, दिहाड़ी मजदूर दिन भर मजदूरी करके शाम को उसी पैसों से अपना परिवार चलाता है. ऐसे में लॉकडाउन होने की वजह से दिहाड़ी मजदूर पर भारी मार पड़ी है. हालांकि, दिहाड़ी मजदूरों को राशन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए भामाशाह भी आगे आ रहे हैं और साथ ही साथ प्रशासन भी अपने स्तर पर भामाशाह का सहयोग लेकर कोई भूखा ना सोए इसको लेकर प्रशासन भी जमीनी स्तर पर काम कर रहा है.

इस बीच लॉकडाउन के चलते मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उनका जीवन-यापन ठप सा हो गया है. लेकिन राज्य सरकार की ओर से मजदूरों को राहत देने के लिए 15 दिन पूर्व मनरेगा के कार्यों को शुरू करने और अधिकाधिक श्रमिक नियोजित करने के आदेश दिए. फलस्वरूप, प्रत्येक ग्राम पंचायत में जरूरतमंद श्रमिकों की सूची बनवाकर श्रमिक नियोजित किए. जिसके फलस्वरूप रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के रानीवाड़ा और जसवंतपुरा पंचायत समिति में 18 हजार से अधिक लोगों को वर्तमान में अपने घर के समीप ही श्रमिक मनरेगा में कार्य कर रहे हैं.

पढ़ें- जालोर: CM की VC में चिकित्साकर्मियों के साथ पुलिस और नगरपालिका के अधिकारी ने की बदसलूकी

ऐसे में लोगों को अब रोजी-रोटी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा. इस बीच रानीवाड़ा पंचायत समिति में 9726 और जसवंतपुरा में 8288 श्रमिक कार्य कर रहे हैं. ऐसे में अब इन परिवारों को रोजी-रोटी के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं, वर्तमान में जिस तरह के हालात हैं, उसमें रोजगार का संकट पैदा हो गया है. ऐसे में मजदूरों की दशा को सुधारने के लिए और देश की आर्थिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मनरेगा सबसे बड़ा माध्यम है. हालांकि राज्य सरकार ने मनरेगा की मजदूरी दर में पहले ही इजाफा कर दिया है. अब समय रहते अधिकाधिक संख्या में श्रमिकों को नियोजित किया जाए, जिससे अन्य राज्यों से घर आए प्रवासियों को भी रोजगार मिल सके.

वहीं, अधिकाधिक व्यक्तिगत कार्यों को स्वीकृत किया जाए, जिससे लोगों को अपने खेत में कार्य मिल सके. जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा भी ना हो. साथ ही रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के जसवंतपुरा और रानीवाड़ा पंचायत समिति के अंतर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में शुरू किए गए महानरेगा कार्यों पर ग्राम विकास अधिकारी, रोजगार सहायक और मेट नित प्रतिदिन श्रमिकों को कोरोना वायरस के बचाव के उपाय बता रहे हैं. साथ ही सावधानी बरतने, सोशल डिस्टेंस रखने, साबुन से हाथ धोने और मास्क पहने की अपील कर रहे हैं. श्रमिक इसकी पालना भी कर रहे हैं. इस दौरान अधिकतर व्यक्तिगत कार्य होने से कम ही श्रमिक कार्य कर रहे है. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा भी कम है.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री ने जालोर कलेक्टर के आदेश को किया निरस्त, कहा- सरकार के ऐसे कोई निर्देश नहीं

रानीवाड़ा पंचायत समिति के विकास अधिकारी राजकुमार बड़जात्या ने बताया कि पंचायत समिति के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में 527 कामों पर 9726 श्रमिक कार्य कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना करते हुए व्यक्तिगत कार्यों पर विशेष फोकस दिया जा रहा है. ताकि, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो सके और उस परिवार को वही का वही काम दिया जाए. बड़जात्या ने बताया कि हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के राजस्व गांव में मनरेगा कार्य स्वीकृत कर वहां के स्थानीय श्रमिकों को नजदीक में रोजगार उपलब्ध हो सके.

श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन होने के बाद हमें मजदूरी नहीं मिल रही थी, लेकिन सरकार की ओर से मनरेगा कार्यों पर विशेष फोकस दिया गया, जिसके बाद हमें रोजगार उपलब्ध हो रहा है और रोजी रोटी का मोहताज नहीं होना पड़ रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि मनरेगा कार्य स्थलों पर विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी सहित कई संबंधित अधिकारी और कर्मचारी आकर उन्हें कोरोना से बचाव को लेकर जागरूक भी कर रहे हैं और साथ ही साथ सावधानी बरतने की हिदायत भी दे रहे हैं.

रानीवाड़ा (जालोर). देशभर में कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं, जालोर जिले के रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के जसवंतपुरा उपखंड क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ती ही जा रही है. साथ ही कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार प्रयासरत हैं. देशभर में जब से लॉकडाउन की घोषणा हुई है, तब से उद्योग-धंधे प्रभावित हुए हैं.

18 हजार से अधिक लोगों को मिल रहा है मनरेगा में रोजगार

इस दौरान सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है. क्योंकि, दिहाड़ी मजदूर दिन भर मजदूरी करके शाम को उसी पैसों से अपना परिवार चलाता है. ऐसे में लॉकडाउन होने की वजह से दिहाड़ी मजदूर पर भारी मार पड़ी है. हालांकि, दिहाड़ी मजदूरों को राशन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए भामाशाह भी आगे आ रहे हैं और साथ ही साथ प्रशासन भी अपने स्तर पर भामाशाह का सहयोग लेकर कोई भूखा ना सोए इसको लेकर प्रशासन भी जमीनी स्तर पर काम कर रहा है.

इस बीच लॉकडाउन के चलते मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उनका जीवन-यापन ठप सा हो गया है. लेकिन राज्य सरकार की ओर से मजदूरों को राहत देने के लिए 15 दिन पूर्व मनरेगा के कार्यों को शुरू करने और अधिकाधिक श्रमिक नियोजित करने के आदेश दिए. फलस्वरूप, प्रत्येक ग्राम पंचायत में जरूरतमंद श्रमिकों की सूची बनवाकर श्रमिक नियोजित किए. जिसके फलस्वरूप रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के रानीवाड़ा और जसवंतपुरा पंचायत समिति में 18 हजार से अधिक लोगों को वर्तमान में अपने घर के समीप ही श्रमिक मनरेगा में कार्य कर रहे हैं.

पढ़ें- जालोर: CM की VC में चिकित्साकर्मियों के साथ पुलिस और नगरपालिका के अधिकारी ने की बदसलूकी

ऐसे में लोगों को अब रोजी-रोटी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा. इस बीच रानीवाड़ा पंचायत समिति में 9726 और जसवंतपुरा में 8288 श्रमिक कार्य कर रहे हैं. ऐसे में अब इन परिवारों को रोजी-रोटी के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं, वर्तमान में जिस तरह के हालात हैं, उसमें रोजगार का संकट पैदा हो गया है. ऐसे में मजदूरों की दशा को सुधारने के लिए और देश की आर्थिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मनरेगा सबसे बड़ा माध्यम है. हालांकि राज्य सरकार ने मनरेगा की मजदूरी दर में पहले ही इजाफा कर दिया है. अब समय रहते अधिकाधिक संख्या में श्रमिकों को नियोजित किया जाए, जिससे अन्य राज्यों से घर आए प्रवासियों को भी रोजगार मिल सके.

वहीं, अधिकाधिक व्यक्तिगत कार्यों को स्वीकृत किया जाए, जिससे लोगों को अपने खेत में कार्य मिल सके. जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा भी ना हो. साथ ही रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के जसवंतपुरा और रानीवाड़ा पंचायत समिति के अंतर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में शुरू किए गए महानरेगा कार्यों पर ग्राम विकास अधिकारी, रोजगार सहायक और मेट नित प्रतिदिन श्रमिकों को कोरोना वायरस के बचाव के उपाय बता रहे हैं. साथ ही सावधानी बरतने, सोशल डिस्टेंस रखने, साबुन से हाथ धोने और मास्क पहने की अपील कर रहे हैं. श्रमिक इसकी पालना भी कर रहे हैं. इस दौरान अधिकतर व्यक्तिगत कार्य होने से कम ही श्रमिक कार्य कर रहे है. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा भी कम है.

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रानीवाड़ा पंचायत समिति के विकास अधिकारी राजकुमार बड़जात्या ने बताया कि पंचायत समिति के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में 527 कामों पर 9726 श्रमिक कार्य कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना करते हुए व्यक्तिगत कार्यों पर विशेष फोकस दिया जा रहा है. ताकि, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो सके और उस परिवार को वही का वही काम दिया जाए. बड़जात्या ने बताया कि हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के राजस्व गांव में मनरेगा कार्य स्वीकृत कर वहां के स्थानीय श्रमिकों को नजदीक में रोजगार उपलब्ध हो सके.

श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन होने के बाद हमें मजदूरी नहीं मिल रही थी, लेकिन सरकार की ओर से मनरेगा कार्यों पर विशेष फोकस दिया गया, जिसके बाद हमें रोजगार उपलब्ध हो रहा है और रोजी रोटी का मोहताज नहीं होना पड़ रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि मनरेगा कार्य स्थलों पर विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी सहित कई संबंधित अधिकारी और कर्मचारी आकर उन्हें कोरोना से बचाव को लेकर जागरूक भी कर रहे हैं और साथ ही साथ सावधानी बरतने की हिदायत भी दे रहे हैं.

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