जालोर. जिले में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कारण लॉकडाउन लागू किए करीबन डेढ़ माह बीतने के बाद शनिवार को प्रभारी मंत्री भंवर सिंह भाटी ने जिले की सुध ली. इस कड़ी में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके अधिकारियों से संवाद किया और कोरोना संक्रमण बचाव प्रबंधन, निगरानी और कानून व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति प्रबन्धन, महात्मा गांधी नरेगा योजना प्रबन्धन, कृषि उपज समर्थन मूल्य खरीद, टिड्डी दल नियंत्रण मुद्दों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की.
वहीं जिले में कोविड 19 के पॉजिटिव मामलों के आंकड़े और प्रवासियों को लेकर की गई व्यवस्थाओं के बारे में अधिकारियों से जाना. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रभारी मंत्री भंवर सिंह भाटी ने जिला कलेक्टर से कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव और काफी संख्या में बाहर से आए प्रवासियों की समुचित निगरानी, उन्हें चिकित्सा, खाद्य, पेयजल सुविधाओं, रखरखाव, होम क्वॉरेंटाइन और संस्थागत क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्तियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएं. जिले में कोरोना संक्रमण के प्रभाव को रोकने के प्रयास करें. वहीं कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में माकूल व्यवस्थाएं बनाए रखने पर जोर दिया.
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मनरेगा में अधिकाधिक श्रमिकों को रोजगार दें
उन्होंने कहा कि इस समय ग्रामीण श्रमिकों को जितनी अधिक संख्या में मनरेगा में काम दिया जाएगा, उतनी ही अधिक गरीब ग्रामीण श्रमिकों को राहत मिलेगी. प्रभारी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोविड-19 की परिस्थितियों को लेकर अधिक सजग सतर्क हैं. इसलिए उनकी मंशानुसार जिले में कोरोना संक्रमण बचाव प्रबन्धन को और प्रभावी बनाएं. साथ ही मनरेगा में श्रमिकों को अधिक से अधिक रोजगार देकर उन्हें राहत देने के समुचित प्रबन्ध करें. उन्होंने मनरेगा श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर समुचित छाया, पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था रखने के निर्देश भी दिए.
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गर्मी में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश
प्रभारी मंत्री ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता और अधिशाषी अभियंताओं से गर्मी में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने और ट्यूबवेल और हैण्डपम्पों की मरम्मत तत्काल करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने पेयजल आपूर्ति प्रबन्धन के संबंध में तैयार की गई कार्य योजना के बारे में विस्तार से जानकारी ली.
साथ ही गर्मी को देखते हुए कहा कि दूसरे शहर से भारी संख्या में आए प्रवासियों के लिए पेयजल प्रबंध करना चुनौती पूर्ण कार्य है. इसके लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की जानी चाहिए. जिससे उन्हें तकलीफ नहीं हो. जिन क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति प्रबंध करना हो, उन क्षेत्रों में तत्काल पानी पहुंचाएं. उन्होंने इस दृष्टि से पेयजल कंट्रोल रूम की व्यवस्थाओं और समस्याओं के निराकरण के प्रति संवेदनशील रह कर जिम्मेदारी से कार्य करने को कहा.
प्रभारी सचिव ने भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रभारी सचिव आशुतोष ने भी अधिकारियों को विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा की और जिले में कोविड-19 की जांच के लिए आरएनआई किट की सहायता उपलब्ध कराने के प्रति सहयोग करने के प्रति आश्वस्त किया. प्रभारी सचिव ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण, पेयजल आपूर्ति प्रबन्धन की दृष्टि से जालोर जिला हाई रिस्क जोन में नहीं आने पाए, इसको ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं पुख्ता रूप से करने की जरूरत है.
इस दौरान जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण की दृष्टि से जिले में 8 व्यक्ति पॉजिटिव चिंहित हो चुके हैं. इस दृष्टि से संबंधित क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया जाकर व्यवस्थाओं को माकूल बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 29 हजार 450 प्रवासी शुक्रवार तक आ चुके हैं. उनके लिए मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं.
होम क्वॉरेंटाइन और संस्थागत क्वॉरेंटाइन व्यक्तियों को समुचित चिकित्सा जांच सुविधाए उपलब्ध कराई जा रही हैं और संक्रमण की रोकथाम हेतु निगरानी व्यवस्थाओं को और अधिक संवेदनशील बनाया गया है.
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प्रवासियों एवं कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र में निवासरत व्यक्तियों के लिए पर्याप्त पेयजल, खाद्य और दूध आपूर्ति और स्क्रीनिंग की व्यवस्थाएं की गई हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंस में एसपी हिम्मत अभिलाष टांक, अतिरिक्त जिला कलेक्टर सीएल गोयल, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश कविया, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता ताराचंद कुलदीप सहित अन्य संबंधित विभागों के जिलाधिकारी उपस्थित थे.