जालोर. पिछले साल रबी की सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत गैर ऋणी किसानों ने ईमित्र से अपने रबी की फसल का बीमा करवाया था. इसमें करीब 14 हजार से ज्यादा पॉलिसी बुवाई प्रमाण पत्र के अभाव में कंपनी ने रिजेक्ट कर दी थी. इसके बाद ईटीवी भारत ने किसानों की आवाज को उठाया.
इसको लेकर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और जिला कृषि अधिकारी डॉ. आरबी सिंह भी लगातार बीमा कंपनी के संपर्क में रहे. कंपनी ने बुवाई प्रमाण पत्र की कमी बताई तो जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने अभियान चलाकर मात्र 24 घंटों में 14 हजार से ज्यादा किसानों के बुवाई प्रमाण पत्र एकत्रित कर कंपनी को भिजवाए. जिसके बाद अब अस्वीकृत पाॅलिसियों को बीमा कंपनी ने अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को भेजा है.
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कृषि विभाग के उप निदेशक डाॅ. आरबी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में जन सेवा केन्द्रों (सीएससी) और फार्मर एप के माध्यम से राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर सृजित गैर ऋणी कृषकों की फसल बीमा पाॅलिसियों को एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. की ओर से बुवाई प्रमाण पत्र के अभाव, बैंक विवरण में त्रुटि एवं भू-अभिलेख (जमाबंदी) की अनुपलब्धता या त्रुटिपूर्ण होने के कारण 14 हजार से भी ज्यादा पाॅलिसियां अस्वीकृत कर दी गई थी.
उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता की ओर से विशेष प्रयास कर अस्वीकृत किए गए कृषकों के बीमा पाॅलिसियों के बुवाई प्रमाण पत्र बीमा कंपनी एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस को उपलब्ध करवाए गए. बीमा कंपनी की ओर से 14 हजार 445 बीमा पाॅलिसियों को उपयुक्त पाए जाने पर राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को प्रेषित किया गया.
आयुक्त कृषि राजस्थान की ओर से उपयुक्त पाई गई बीमा पाॅलिसियों को अनुमोदन के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी कृषि सहकारिता और कृषक मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली को भेजा गया है. इसके अलावा शेष अस्वीकृत बीमा पाॅलिसियां जिनमें बुवाई प्रमाण पत्र का अभाव था, उनकी सूची बीमा कंपनी से प्राप्त कर उनकी जांच करवाई जा रही है. जिसके बाद उन अस्वीकृत पॉलिसियों में कमी पूरी कर कंपनी को भेजा जाएगा. उसके बाद कंपनी की ओर से इन 14 हजार से ज्यादा किसानों को उनका क्लेम दिया जाएगा.