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किसान महापड़ाव: अब तक 22 किसानों ने ली भूमि समाधि, 221 सामूहिक अनशन पर

जालोर के बागोड़ा क्षेत्र के दादाल गांव में किसान पिछले 10 दिन से महापड़ाव डाल कर एक्सप्रेस वे के निर्माण का विरोध कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान अब 22 किसानों ने भूमि समाधि ली है, जबकि 221 किसानों ने सामूहिक अनशन शुरू किया है.

जालोर खबर, Jalore news
22 किसानों ने ली भूमि समाधी
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Published : Mar 10, 2020, 10:42 PM IST

Updated : Mar 10, 2020, 10:47 PM IST

जालोर. जिले में एक तरफ होली का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ सैंकड़ों किसान महापड़ाव में भूमि समाधि और अनशन पर बैठकर बेरंग होली मना रहे है. किसानों का आरोप है कि पिछले 10 दिन से किसान महापड़ाव में आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है. जिसके कारण आक्रोशित किसानों ने अब अनशन शुरू कर दिया है.

22 किसानों ने ली भूमि समाधी

होली के दिन 22 किसानों ने भूमि समाधि ली, जबकि 221 किसानों ने सामूहिक अनशन शुरू किया. इसके साथ महापड़ाव के संयोजक रमेश दलाल का दावा है कि 16 मार्च तक किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो देशभर से 5 लाख किसान महापड़ाव में एकत्रित होंगे. जिसको संभालना सरकार के लिए भारी पड़ेगा.

पढ़ेंः भाजपा विधायक ने खेली पैतृक गांव में होली, कहा- इस होली में एमपी की सरकार 'डोली'

इस अनशन के दौरान किसानों ने बताया कि उनकी जमीन ही सब कुछ है, लेकिन सरकार की ओर से विकास के नाम पर निकाले जा रहे एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अवाप्त करके हमें भूमिहीन किया जा रहा है. किसानों ने बताया कि सरकार के पास में एक्सप्रेस-वे निकालने के लिए नेशनल हाइवे-69 विकल्प के तौर पर होने के बावजूद हमारी जमीन को क्यों बर्बाद किया जा रहा है.

5 जिलों के किसानों ने नहीं मनाई होली
भारतमाला परियोजना के तहत प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, बाड़मेर और जालोर जिले के किसानों की हजारों बीघा जमीन अवाप्ति कर रखी है. जिसमें सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन किसान जमीन अवाप्ति का विरोध जता रहे हैं. किसानों ने करीबन सप्ताह भर पहले उनकी मांगों को नहीं मानने पर होली नहीं मनाने का निर्णय लिया था, लेकिन सरकार की ओर से किसानों से वार्ता के लिए कड़े कदम नहीं उठाए गए. जिसके चलते 5 जिलों के सैंकड़ों किसानों ने होली बेरंग मनाई.

जालोर. जिले में एक तरफ होली का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ सैंकड़ों किसान महापड़ाव में भूमि समाधि और अनशन पर बैठकर बेरंग होली मना रहे है. किसानों का आरोप है कि पिछले 10 दिन से किसान महापड़ाव में आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है. जिसके कारण आक्रोशित किसानों ने अब अनशन शुरू कर दिया है.

22 किसानों ने ली भूमि समाधी

होली के दिन 22 किसानों ने भूमि समाधि ली, जबकि 221 किसानों ने सामूहिक अनशन शुरू किया. इसके साथ महापड़ाव के संयोजक रमेश दलाल का दावा है कि 16 मार्च तक किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो देशभर से 5 लाख किसान महापड़ाव में एकत्रित होंगे. जिसको संभालना सरकार के लिए भारी पड़ेगा.

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इस अनशन के दौरान किसानों ने बताया कि उनकी जमीन ही सब कुछ है, लेकिन सरकार की ओर से विकास के नाम पर निकाले जा रहे एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अवाप्त करके हमें भूमिहीन किया जा रहा है. किसानों ने बताया कि सरकार के पास में एक्सप्रेस-वे निकालने के लिए नेशनल हाइवे-69 विकल्प के तौर पर होने के बावजूद हमारी जमीन को क्यों बर्बाद किया जा रहा है.

5 जिलों के किसानों ने नहीं मनाई होली
भारतमाला परियोजना के तहत प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, बाड़मेर और जालोर जिले के किसानों की हजारों बीघा जमीन अवाप्ति कर रखी है. जिसमें सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन किसान जमीन अवाप्ति का विरोध जता रहे हैं. किसानों ने करीबन सप्ताह भर पहले उनकी मांगों को नहीं मानने पर होली नहीं मनाने का निर्णय लिया था, लेकिन सरकार की ओर से किसानों से वार्ता के लिए कड़े कदम नहीं उठाए गए. जिसके चलते 5 जिलों के सैंकड़ों किसानों ने होली बेरंग मनाई.

Last Updated : Mar 10, 2020, 10:47 PM IST
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