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आहोर : किसानों पर पड़ी मौसम की मार, खड़ी जीरे की फसल बर्बाद

अचानक हुए मौसम के फेरबदल से आहोर उपखण्ड के किसानों पर मौसम की मार पड़ी है. किसानों ने बताया कि उनकी खड़ी जीरे की फसलों पर 100 दिन से की जा रही कड़ी मेहनत पर पानी फिर गया है.

Jalore news, जालोर की खबर
खराब मौसम के चलते जीरा की खड़ी फसलें बर्बाद
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Published : Mar 2, 2020, 9:48 PM IST

आहोर (जालोर). जिले के आहोर क्षेत्र में अचानक हुए मौसम में परिवर्तन ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. किसानों ने खराब जीरे की फसल दिखाते हुए बताया कि बांकली बांध से सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत आने वाले रेवड़ा कल्ला गांव में करीबन 100 दिनों से खड़ी जीरे की फसले मौसम बदलने से चौपट हो गई है.

खराब मौसम की वजह से जीरे की फसल खराब

इसके चलते किसानों के जीरे की फसल की बुवाई के लिए किसानों ने साहूकारों से ब्याज पर पैसा लाया और जीरे पर महंगी से महंगी दवाईयों का छिड़काव किया, लेकिन मौसम की मार ने खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया है.

पढ़ें- जालोरः किसान बाग में महापड़ाव तीसरे दिन भी जारी, किसानों के प्रतिनिधि मंडल से सचिवालय में वार्ता आज

रेवड़ा कल्ला से बांकली मार्ग पर आने वाले सभी किसानों के खेतों में जीरे की फसलें बर्बाद हो गई हैं. वरदाराम, कानाराम, गणेशाराम, मगलाराम, अशोक, मसराराम, चौथाराम, विरम समेत कई किसानों ने अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि समय पर अनुदान या बीमा नहीं मिला तो खेत बेचने को मजबूर होना पडे़गा.

आहोर (जालोर). जिले के आहोर क्षेत्र में अचानक हुए मौसम में परिवर्तन ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. किसानों ने खराब जीरे की फसल दिखाते हुए बताया कि बांकली बांध से सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत आने वाले रेवड़ा कल्ला गांव में करीबन 100 दिनों से खड़ी जीरे की फसले मौसम बदलने से चौपट हो गई है.

खराब मौसम की वजह से जीरे की फसल खराब

इसके चलते किसानों के जीरे की फसल की बुवाई के लिए किसानों ने साहूकारों से ब्याज पर पैसा लाया और जीरे पर महंगी से महंगी दवाईयों का छिड़काव किया, लेकिन मौसम की मार ने खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया है.

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रेवड़ा कल्ला से बांकली मार्ग पर आने वाले सभी किसानों के खेतों में जीरे की फसलें बर्बाद हो गई हैं. वरदाराम, कानाराम, गणेशाराम, मगलाराम, अशोक, मसराराम, चौथाराम, विरम समेत कई किसानों ने अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि समय पर अनुदान या बीमा नहीं मिला तो खेत बेचने को मजबूर होना पडे़गा.

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