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जालोर: भीनमाल के बालसमंद बांध के विकास के लिए ग्रामीणों ने किया श्रमदान

भीनमाल के सबसे बड़े जल स्रोत बालसमंद बांध को विकसित करने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की ओर से सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं. जिसको लेकर श्रम दान कर कार्य का शुभारंभ किया गया.

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बालसमंद बांध के विकास में श्रमदान
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Published : Jun 22, 2020, 8:00 PM IST

भीनमाल (जालोर). स्थानीय करड़ा मार्ग पर स्थित बालसमंद बांध के सौंदर्यीकरण और उसे पिकनिक प्वाइंट के रूप में विकसित करने का कार्य गति पकड़ रहा है. बांध के विकास के लिए भामाशाह और दानदाता सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं और श्रम दान कर रहे हैं.

जानकारी के अनुसार बांध के सौंदर्यीकरण के लिए तहसीलदार कालूराम कुमार और नपा उपाध्यक्ष प्रेमराज बोहरा के नेतृत्व में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. तेज गर्मी के बावजूद शहर वासियों ने फावड़ा उठाकर भागीदारी निभाई. वहीं दानदाताओं के आर्थिक सहयोग से बुलडोजर लगाकर खड़ी बबूल की झाड़ी हटाई गई. इस अवसर पर बड़ी संख्या में कर्मचारी और नगरवासी मौजूद थे.

पढ़ें: संगठन और सरकार में रार! विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति देने पर कांग्रेस संगठन कर रहा विरोध

गौरतलब है कि बालसमंद बांध का विकास दिनभर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय रहा. इस कार्य के लिए उपखंड प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन के प्रयासों की सराहना की गई. साथ-साथ लोगों की ओर से बांध को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए उपखंड अधिकारी तहसीलदार, जल संसाधन विभाग और नगरपालिका प्रशासन सहित शहर वासियों से आगे आने की गुहार भी की गई. अगर यह बांध अतिक्रमण से मुक्त होता है, तो इसके सौंदर्यीकरण की वजह से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. साथ ही बांध के पड़ाव क्षेत्र में आने वाले सैकड़ों कृषि कुओं के जल स्तर में सुधार के साथ-साथ शहरवासियों को फ्लोराइड मुक्त शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा. इस योजना को सफल बनाने के लिए बांध के अंदर से गुजरने वाले भीनमाल मार्ग पर रेबारियों की ढाणी से गायत्री गौशाला निर्माण करने की आवश्यकता है.

भीनमाल (जालोर). स्थानीय करड़ा मार्ग पर स्थित बालसमंद बांध के सौंदर्यीकरण और उसे पिकनिक प्वाइंट के रूप में विकसित करने का कार्य गति पकड़ रहा है. बांध के विकास के लिए भामाशाह और दानदाता सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं और श्रम दान कर रहे हैं.

जानकारी के अनुसार बांध के सौंदर्यीकरण के लिए तहसीलदार कालूराम कुमार और नपा उपाध्यक्ष प्रेमराज बोहरा के नेतृत्व में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. तेज गर्मी के बावजूद शहर वासियों ने फावड़ा उठाकर भागीदारी निभाई. वहीं दानदाताओं के आर्थिक सहयोग से बुलडोजर लगाकर खड़ी बबूल की झाड़ी हटाई गई. इस अवसर पर बड़ी संख्या में कर्मचारी और नगरवासी मौजूद थे.

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गौरतलब है कि बालसमंद बांध का विकास दिनभर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय रहा. इस कार्य के लिए उपखंड प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन के प्रयासों की सराहना की गई. साथ-साथ लोगों की ओर से बांध को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए उपखंड अधिकारी तहसीलदार, जल संसाधन विभाग और नगरपालिका प्रशासन सहित शहर वासियों से आगे आने की गुहार भी की गई. अगर यह बांध अतिक्रमण से मुक्त होता है, तो इसके सौंदर्यीकरण की वजह से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. साथ ही बांध के पड़ाव क्षेत्र में आने वाले सैकड़ों कृषि कुओं के जल स्तर में सुधार के साथ-साथ शहरवासियों को फ्लोराइड मुक्त शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा. इस योजना को सफल बनाने के लिए बांध के अंदर से गुजरने वाले भीनमाल मार्ग पर रेबारियों की ढाणी से गायत्री गौशाला निर्माण करने की आवश्यकता है.

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