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स्पेशल रिपोर्ट: स्मार्ट सिटी में रहने वालों ये तस्वीर भी देखो...चिमनी की रोशनी के तले पढ़ रहा देश का भविष्य

जालोर के रानीवाड़ा से 21वीं सदी के भारत की हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां बच्चों को रात में पढ़ाई के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक तरफ सरकार हर घर बिजली पहुंचाने का दावा कर रही हैं. वहीं ये तस्वीर उस योजना को मुंह चिड़ाती नजर आ रही है. देखिए जालोर के रानीवाड़ा से स्पेशल रिपोर्ट...

घरेलू बिजली कनेक्शन, electricity connection in Raniwara,
चिमनी की रोशनी में पढ़ने को मजबूर
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Published : Dec 11, 2019, 3:44 PM IST

रानीवाड़ा(जालोर). एक तरफ सरकार हर घर में बिजली पहुंचाने का दावा कर रही है. वहीं जालोर के रानीवाड़ा की तस्वीर उस योजना को मुंह चिड़ाती नजर आ रही है, जहां हजारों करोड़ों रुपए विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च किए जा रहे हैं. रानीवाड़ा के भाटवास गांव के लोग आज भी घरेलू बिजली कनेक्शन की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन सरकारी नुमाइंदे उम्मीदों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे.

चिमनी की रोशनी में पढ़ने को मजबूर

भाटवास के विधार्थी रात में चिमनी, लालटेन, दीपक की रोशनी के तले पढ़ने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है, कि घरेलू विद्युत कनेक्शन के लिए वे पिछले 3 सालों से बिजली विभाग कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया, कि हमारे बच्चे चिमनी के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी मनमानी कर रहे हैं.

पढ़ें- 'बच्चों की परीक्षा है, बिजली कनेक्शन दो साहब'... नाराज ग्रामीणों की प्रदर्शन की चेतावनी

सूर्यास्त होते ही सन्नाटा
जिन घरों में बिजली के कनेक्शन नहीं हैं. वहां सूर्यास्त से पहले ही करीब-करीब घर के सभी काम कर लिए जाते हैं. भोजन बनाकर लोग खा लेते हैं. सूर्यास्त के कुछ समय बाद ही लोग सो जाते हैं. यदि किसी का कोई काम बच गया है तो चिमनी और लालटेन की रोशनी में ही करते हैं.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: 24 घंटे डर के साए में जीते हैं सरिस्का के जंगलों में रहने वाले लोग, गांव में पहली बार पहुंचा ईटीवी का कैमरा

विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई बनी चुनौती
बिजली के बिना बच्चों के लिए पढ़ना चुनौती बना हुआ है. आगामी दिनों में 8वीं, 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं. ऐसे में बच्चे जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. वे देर रात 11-12 बजे तक चिमनी और लालटेन की रोशनी में पढ़ रहे हैं.

रानीवाड़ा(जालोर). एक तरफ सरकार हर घर में बिजली पहुंचाने का दावा कर रही है. वहीं जालोर के रानीवाड़ा की तस्वीर उस योजना को मुंह चिड़ाती नजर आ रही है, जहां हजारों करोड़ों रुपए विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च किए जा रहे हैं. रानीवाड़ा के भाटवास गांव के लोग आज भी घरेलू बिजली कनेक्शन की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन सरकारी नुमाइंदे उम्मीदों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे.

चिमनी की रोशनी में पढ़ने को मजबूर

भाटवास के विधार्थी रात में चिमनी, लालटेन, दीपक की रोशनी के तले पढ़ने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है, कि घरेलू विद्युत कनेक्शन के लिए वे पिछले 3 सालों से बिजली विभाग कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया, कि हमारे बच्चे चिमनी के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी मनमानी कर रहे हैं.

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सूर्यास्त होते ही सन्नाटा
जिन घरों में बिजली के कनेक्शन नहीं हैं. वहां सूर्यास्त से पहले ही करीब-करीब घर के सभी काम कर लिए जाते हैं. भोजन बनाकर लोग खा लेते हैं. सूर्यास्त के कुछ समय बाद ही लोग सो जाते हैं. यदि किसी का कोई काम बच गया है तो चिमनी और लालटेन की रोशनी में ही करते हैं.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: 24 घंटे डर के साए में जीते हैं सरिस्का के जंगलों में रहने वाले लोग, गांव में पहली बार पहुंचा ईटीवी का कैमरा

विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई बनी चुनौती
बिजली के बिना बच्चों के लिए पढ़ना चुनौती बना हुआ है. आगामी दिनों में 8वीं, 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं. ऐसे में बच्चे जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. वे देर रात 11-12 बजे तक चिमनी और लालटेन की रोशनी में पढ़ रहे हैं.

Intro:रानीवाड़ा ( जालोर) - भाटवास गांव के लोग आज भी धरेलू विधुत कनेक्शन आने की उम्मीद संजोए हैं, लेकिन सरकारी नमुनदे उम्मीदों पर पानी फेरने मेें जुटे हैं।भाटवास के विघार्थी रात में चिमनी, लालटेन, दीपक आदि की रोशनी में पढऩे को मजबूर हैं।Body:रानीवाड़ा ( जालोर) - केंद्र सरकार हर घर विधुत बिजली पहुंचाने का दावा कर रही हैं। हजारों करोड़ों रुपए विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन जिले में बहुत से गांव ऐसे भी हैं जहां आज भी लोगों को उजाला नसीब नहीं हैं। रानीवाड़ा के भाटवास गांव के लोग आज भी धरेलू विधुत कनेक्शन आने की उम्मीद संजोए हैं, लेकिन सरकारी नमुनदे उम्मीदों पर पानी फेरने मेें जुटे हैं।
भाटवास के विघार्थी रात में चिमनी, लालटेन, दीपक आदि की रोशनी में पढऩे को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि घरेलू विद्युत कनेक्शन जारी करवाने को लेकर पिछले 3 वर्षों से विद्युत विभाग कार्यालय रानीवाड़ा के चक्कर काट रहे हैं लेकिन संतोषजनक जवाब व विद्युत कनेक्शन जारी नहीं किए जा रहे।
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि हमारे बच्चे चिमनी के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं। जिसको लेकर अब विभागीय अधिकारियों व रानीवाड़ा के सहायक अभियंता महोदय को अब कुंभकरण
की नींद में से उठकर इस बच्चों के आगामी बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए धरेलू विद्युत कनेक्शन जारी कर देना चाहिए। लेकिन विभागीय अधिकारी मनमानी से घरेलू विद्युत कनेक्शन जारी नहीं कर रहे हैं।

सूर्यास्त होते ही सन्नाटा

जिन घरों में बिजली के कनेक्शन नहीं है वहां सूर्यास्त से पहले ही करीब-करीब घर के सारे काम कर लिए जाते हैं। भोजन बनाकर लोग खा लेते हैं। सूर्यास्त के कुछ समय बाद ही लोग सो जाते हैं। यदि किसी का कोई काम बच गया है तो चिमनी और लालटेन की रोशनी में ही करते हैं।


विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई बनी चुनौती

बिजली के बिना बच्चों के लिए पढऩा चुनौती बना हुआ है। आगामी दिनों 8वीं, 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं होनी है। ऐसे में बच्चे जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। वे देर रात 11-12 बजे तक चिमनी और लालटेन की रोशनी में पढ़ रहे हैं, ताकि पेपर अच्छा कर सकें।

बोर्ड परीक्षा से पहले जारी कर पाते हैं घरेलू विद्युत कनेक्शन या फिर खिलवाड़


अब देखने वाली बात यह है कि क्या विद्युत विभाग रानीवाड़ा के सहायक अभियंता महोदय द्वारा विद्यार्थियों के बोर्ड परीक्षा से पहले घरेलू विद्युत कनेक्शन जारी कर पाते हैं या फिर विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं यह तो वक्त ही बताएगा।

बाइट -

राहुल सिंह राव
ग्रामीण

शैतान सिंह राव
ग्रामीण

किरण कंवर
विघार्थी

Conclusion:
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