जालोर. जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया है. लॉकडाउन के दौरान आवाजाही पर पूर्णतया रोक लगाने के बावजूद भी मजदूरों की आवाजाही लगातार जारी है. इसको लेकर प्रशासन ने अब सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. जिला प्रशासन ने लॉकडाउन को पुख्ता लागू करने को लेकर गुजरात की सीमा को सील कर दिया है. साथ ही मजदूरों को रोकने के लिए 3 क्वॉरेंटाइन कैंप बनाए गए हैं.
जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने कोरोना संक्रमण से बचाव की व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए बताया, कि गुजरात राज्य से सटी जिले की सीमा को सख्ती से सील कर दिया गया है. गुजरात से जुड़े सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि जिले की इंडस्ट्रीज में करीब 1500 श्रमिक हैं, जिनको पारिश्रमिक और खाद्य सामग्री प्रदान करने के लिए इण्डस्ट्रीज मालिकों को पाबंद किया गया है. यदि कोई इन निर्देशों की पालना नहीं करेगा तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें- 'कोरोना काल' में भाजपा नेता का Filmi song, संकट की घड़ी में संगीत से मनोरंजन के साथ जागरुकता संदेश भी
हिमांशु गुप्ता ने बताया कि जो मजदूर दूसरे राज्यों से आकर जालोर जिले में फंस गए हैं, उनके लिए जिले में 3 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इन सेंटरों में लोगों को आइसोलेट किया जाएगा. वहीं, पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष ने बताया कि जिले में लॉकडाउन को पुख्ता लागू करने के लिए पुलिस प्रशासन विशेष रूप से प्रयत्नशील है. कोरोना का संक्रमण कम्युनिटी में नहीं फैले, इसलिए पुलिस संयमित और शालीनता से व्यवहार करके व्यवस्थाओं को पुख्ता बनाए हुए हैं.
सांचोर, भीनमाल और जालोर में बनाए सेंटर
प्रशासन की ओर से सांचोर, चितलवाना और रानीवाड़ा के लिए सांचोर में, भीनमाल, जसवंतपुरा और बागोड़ा के लिए भीनमाल में और सायला व जालोर के लिए जालोर में सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं. इन असहाय मजदूरों को सुरक्षा और खाद्य सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. आइसोलेट लोगों के लिए प्रशासन की ओर से सुबह-शाम खाने और चिकित्सा सुविधा प्रशासन की ओर से उपलब्ध करवाई जाएगी.
अप्रैल महीने से 10 किलो गेहूं होगा वितरित
कलेक्टर ने बताया, कि गांवों में खाद्य सामग्री की कमी नहीं आए इसके लिए रसद विभाग पूरी तरह से कार्य कर रहा है. गांवों में उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र परिवारों को 5 किलो के स्थान पर 10 किलो गेहूं का अप्रैल महीने से वितरण किया जाएगा.