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पोकरण नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष, भाजपा और कांग्रेस कर रही बागियों को मनाने का प्रयास

पोकरण नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस में उठापटक जारी है. दोनों ही पार्टी निर्दलीय पार्षदों को एकजुट करने में जुटी हुई है.

Pokaran Municipality President Election,  Rajasthan News
पोकरण नगर पालिका
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Published : Feb 6, 2021, 4:04 AM IST

पोकरण (जैसलमेर). नगरपालिका अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर त्रिकोणीय संघर्ष होने के साथ ही स्थानीय लोगों की ओर से विभिन्न तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. जहां एक ओर भाजपा सर्वाधिक मत होने का दावा करते हुए आश्वस्त नजर आ रही है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नारायण रंगा और निर्दलीय उम्मीदवार रमेश माली भी अपनी दावेदारी को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं.

निर्दलीय प्रत्याशियों को रिंझाने का चल रहा है प्रयास

कांग्रेस में रमेश माली के विरोध के स्वर उठने के बाद से ही कांग्रेस खेमे में हलचल बढ़ गई है. रमेश माली के पार्टी छोड़ कर जाने के साथ ही कांग्रेस के अन्य नेता और पदाधिकारी इन दिनों निर्दलीय प्रत्याशियों को एकजुट करने में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों को रिझाने की पूरी कोशिश की जा रही है. दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी भी अपने निर्णय को खुला नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते कांग्रेस और भाजपा दोनों खेमों में हलचल बढ़ी हुई है.

पढ़ें- प्री बजट बैठक : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया भरोसा...कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देगा प्रदेश का बजट

कांग्रेस जुटी बागी रमेश माली को मनाने में...

नगरपालिका की अध्यक्ष की सीट को लेकर नाराज हुए कांग्रेस के कद्दावर नेता रमेश माली ने कांग्रेस के इस्तीफा दे दिया. साथ ही चुनावी रण में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी ताल ठोक दी. रमेश माली जहां इन दिनों अपने पास सर्वाधिक मत होने का दावा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता रमेश माली को मनाने के लिए तरह-तरह के जतन करते हुए नजर आ रहे हैं. रमेश माली से समझाइश करने और उन्हें बैठाने के लिए प्रदेशस्तरीय कांग्रेस के नेताओं की ओर से भी जोर लगाया जा रहा है.

भाजपा और कांग्रेस बागी उम्मीदवार को मनाने का कर रहे प्रयास

निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अध्यक्ष की दावेदारी कर रहे रमेश माली के कारण कांग्रेस के नेताओं को अंदरूनी घात का डर सताने लगा है. दूसरी ओर भाजपा में भी इन दिनों बागी उम्मीदवार होने के कारण असमंजस की स्थिति में पड़ गई है. वहीं, रमेश माली का जातिवाद समीकरण बैठता है तो निश्चित तौर पर भाजपा के दो प्रत्याशी भाजपा खेमे से बाहर हो सकते हैं.

भाजपा की ओर से इन दिनों निर्दलीय प्रत्याशियों की गणित निकालकर पालिका की सीट पर कब्जा जमाने का दावा कर रही है. दूसरी ओर रमेश माली के बागी होने के साथ ही कांग्रेस के उम्मीदवार और नेताओं को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है.

पोकरण (जैसलमेर). नगरपालिका अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर त्रिकोणीय संघर्ष होने के साथ ही स्थानीय लोगों की ओर से विभिन्न तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. जहां एक ओर भाजपा सर्वाधिक मत होने का दावा करते हुए आश्वस्त नजर आ रही है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नारायण रंगा और निर्दलीय उम्मीदवार रमेश माली भी अपनी दावेदारी को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं.

निर्दलीय प्रत्याशियों को रिंझाने का चल रहा है प्रयास

कांग्रेस में रमेश माली के विरोध के स्वर उठने के बाद से ही कांग्रेस खेमे में हलचल बढ़ गई है. रमेश माली के पार्टी छोड़ कर जाने के साथ ही कांग्रेस के अन्य नेता और पदाधिकारी इन दिनों निर्दलीय प्रत्याशियों को एकजुट करने में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों को रिझाने की पूरी कोशिश की जा रही है. दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी भी अपने निर्णय को खुला नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते कांग्रेस और भाजपा दोनों खेमों में हलचल बढ़ी हुई है.

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कांग्रेस जुटी बागी रमेश माली को मनाने में...

नगरपालिका की अध्यक्ष की सीट को लेकर नाराज हुए कांग्रेस के कद्दावर नेता रमेश माली ने कांग्रेस के इस्तीफा दे दिया. साथ ही चुनावी रण में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी ताल ठोक दी. रमेश माली जहां इन दिनों अपने पास सर्वाधिक मत होने का दावा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता रमेश माली को मनाने के लिए तरह-तरह के जतन करते हुए नजर आ रहे हैं. रमेश माली से समझाइश करने और उन्हें बैठाने के लिए प्रदेशस्तरीय कांग्रेस के नेताओं की ओर से भी जोर लगाया जा रहा है.

भाजपा और कांग्रेस बागी उम्मीदवार को मनाने का कर रहे प्रयास

निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अध्यक्ष की दावेदारी कर रहे रमेश माली के कारण कांग्रेस के नेताओं को अंदरूनी घात का डर सताने लगा है. दूसरी ओर भाजपा में भी इन दिनों बागी उम्मीदवार होने के कारण असमंजस की स्थिति में पड़ गई है. वहीं, रमेश माली का जातिवाद समीकरण बैठता है तो निश्चित तौर पर भाजपा के दो प्रत्याशी भाजपा खेमे से बाहर हो सकते हैं.

भाजपा की ओर से इन दिनों निर्दलीय प्रत्याशियों की गणित निकालकर पालिका की सीट पर कब्जा जमाने का दावा कर रही है. दूसरी ओर रमेश माली के बागी होने के साथ ही कांग्रेस के उम्मीदवार और नेताओं को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है.

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