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जैसलमेर में शहीद 'राजेन्द्र सिंह' के नाम पर हॉस्टल का हुआ था नामकरण, कॉलेज प्रशासन ने सफेदी पुतवा दी

पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के रामबन के पास आतंकियों से लोहा लेते हुए जैसलमेर के मोहनगढ़ कस्बे के रहने वाले राजेन्द्र सिंह शहीद हो गए थे. उसके बाद जैसलमेर के राजकीय महाविद्यालय में छात्र संघ ने अपने कॉलेज के हॉस्टल का नाम शहीद के नाम से रख दिया था. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने हॉस्टल के आगे लिखे शहीद के नाम पर सफेदी पोत दी.

Jaisalmer latest news, शहीद राजेन्द्रसिंह
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Published : Oct 22, 2019, 5:49 PM IST

जैसलमेर. पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के रामबन के पास आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जैसलमेर के मोहनगढ़ कस्बे के शहीद राजेन्द्र सिंह को लेकर देशभर में श्रद्धा और सम्मान के भाव से देखा गया था. वहीं, इसी श्रद्धा और सम्मान का प्रदर्शन करते हुए जैसलमेर के राजकीय महाविद्यालय के छात्र संघ ने भी कॉलेज परिसर की एक हॉस्टल का नाम शहीद के नाम से रख दिया था.

शहीद के नाम पर पोती सफेदी

लेकिन, कॉलेज प्रशासन की आपसी राजनीति के चलते यहां कुछ दिन पूर्व हॉस्टल के आगे एक समारोह का आयोजन कर शहीद को श्रद्धांजलि देकर हॉस्टल का नामकरण शहीद राजेन्द्र सिंह भाटी हॉस्टल किया गया था. यहां कॉलेज प्रशासन की ओर से अपने कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर हॉस्टल के आगे लिखे शहीद के नाम पर सफेदी पोत दी गई.

इस मामले पर कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्र संघ की ओर से हॉस्टल के नामकरण को लेकर कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं की गई थी. वहीं, छात्र संघ अध्यक्ष डूंगर सिंह दव का कहना है कि हॉस्टल के नामकरण से पहले कॉलेज प्रिंसिपल से बात की गई थी.

पढ़ें- जैसलमेरः दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों के मिले शव

इसमें उन्होंने नामकरण की अनुशंषा करने के साथ-साथ आगे की कार्रवाई में सहयोग करने की बात कही थी. कॉलेज प्रशासन की ओर से शहीद का नाम मिटाने के वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों का गुस्सा कॉलेज के प्रति देखने को मिल रहा है. जिसमें लोगों ने यह आरोप लगाया है कि एक तरफ शहीद को लेकर देशभर से लोग गर्व कर रहे हैं. वहीं, जैसलमेर के कॉलेज प्रशासन की ओर से शहीद के नाम पर सफेदी पोती जा रही है, जो कि शर्मनाक है.

जैसलमेर. पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के रामबन के पास आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जैसलमेर के मोहनगढ़ कस्बे के शहीद राजेन्द्र सिंह को लेकर देशभर में श्रद्धा और सम्मान के भाव से देखा गया था. वहीं, इसी श्रद्धा और सम्मान का प्रदर्शन करते हुए जैसलमेर के राजकीय महाविद्यालय के छात्र संघ ने भी कॉलेज परिसर की एक हॉस्टल का नाम शहीद के नाम से रख दिया था.

शहीद के नाम पर पोती सफेदी

लेकिन, कॉलेज प्रशासन की आपसी राजनीति के चलते यहां कुछ दिन पूर्व हॉस्टल के आगे एक समारोह का आयोजन कर शहीद को श्रद्धांजलि देकर हॉस्टल का नामकरण शहीद राजेन्द्र सिंह भाटी हॉस्टल किया गया था. यहां कॉलेज प्रशासन की ओर से अपने कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर हॉस्टल के आगे लिखे शहीद के नाम पर सफेदी पोत दी गई.

इस मामले पर कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्र संघ की ओर से हॉस्टल के नामकरण को लेकर कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं की गई थी. वहीं, छात्र संघ अध्यक्ष डूंगर सिंह दव का कहना है कि हॉस्टल के नामकरण से पहले कॉलेज प्रिंसिपल से बात की गई थी.

पढ़ें- जैसलमेरः दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों के मिले शव

इसमें उन्होंने नामकरण की अनुशंषा करने के साथ-साथ आगे की कार्रवाई में सहयोग करने की बात कही थी. कॉलेज प्रशासन की ओर से शहीद का नाम मिटाने के वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों का गुस्सा कॉलेज के प्रति देखने को मिल रहा है. जिसमें लोगों ने यह आरोप लगाया है कि एक तरफ शहीद को लेकर देशभर से लोग गर्व कर रहे हैं. वहीं, जैसलमेर के कॉलेज प्रशासन की ओर से शहीद के नाम पर सफेदी पोती जा रही है, जो कि शर्मनाक है.

Intro:Body:शहीद के नाम पर पोती सफेदी

जैसलमेर के राजकीय कॉलेज का मामला

छात्रसंघ ने कॉलेज हॉस्टल का किया था नामकरण

शहीद राजेन्द्रसिंह के नाम से रखा था हॉस्टल का नाम

लेकिन कॉलेज प्रशासन ने नाम पर पोती सफेदी

सोशल मीडिया पर कॉलेज की हरकत के बाद नाराजगी।

पिछले दिनों जम्मू कश्मीर के रामबन के पास आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जैसलमेर के मोहनगढ कस्बे के शहीद राजेन्द्रसिंह को लेकर देशभर में श्रद्धा और सम्मान का भाव देखा गया था वहीं इसी श्रद्धा और सम्मान का प्रदर्शन करते हुए सरहदी जिले जैसलमेर के राजकीय महाविद्यालय के छात्रसंघ ने भी कॉलेज परिसर की एक हॉस्टल का नाम शहीद के नाम से रख दिया था लेकिन कॉलेज प्रशासन की आपसी राजनीति के चलते जहां कुछ दिन पूर्व हॉस्टल के आगे एक समारोह का आयोजन कर शहीद को श्रद्धांजलि देकर हॉस्टल का नामकरण शहीद राजेन्द्रसिंह भाटी हॉस्टल किया गया था वहां कॉलेज प्रशासन द्वारा अपने कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर हॉस्टल के आगे लिखे शहीद के नाम पर सफेदी पोत दी गई।

इस प्रकरण पर कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्रसंघ द्वारा हॉस्टल के नामकरण को लेकर कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं की गई थी, वहीं छात्रसंघ अध्यक्ष डूंगरसिंह दव का कहना है कि हॉस्टल के नामकरण से पहले कॉलेज प्रिंसिपल से बात की गई थी जिसमें उन्होंने नामकरण की अनुशंषा करने के साथ-साथ आगे की कार्यवाही में सहयोग करने की बात कही थी। कॉलेज प्रशासन द्वारा शहीद का नाम मिटाने के वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों का गुस्सा कॉलेज के प्रति देखने को मिल रहा है जिसमें लोगों का यह भी कहना है कि एक तरफ शहीद को लेकर देशभर से लोग गर्व कर रहे हैं वहीं सहरदी जिले जैसलमेर के कॉलेज प्रशासन द्वारा शहीद के नाम पर सफेदी पोती जा रही है जो कि शर्मनाक है।
बाईट-1- डूंगरसिंह दव, छात्रसंघ अध्यक्ष Conclusion:
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