ETV Bharat / state

पोकरण: बाबा रामदेव जी के दरबार में बढ़ रहा है घोड़ों का कुनबा, लोगों में बना आकर्षण का केन्द्र

बाबा रामदेवजी के समाधिस्थल पर घोड़ों का कुनबा बढ़ रहा है. रूणीचा कुंआ पर स्वछन्द घूम रहे घोड़े श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गए हैं. देशभर के अलग-अलग हिस्सों के कई श्रद्धालु बाबा रामदेवजी की समाधि पर मन्नत पूरी होने पर घोड़े चढ़ाते हैं.

author img

By

Published : Mar 7, 2021, 1:54 PM IST

pokaran news, Baba Ramdev court
बाबा रामदेव जी के दरबार में बढ़ रहा है घोड़ों का कुनबा

पोकरण (जैसलमेर). साढ़े 600 वर्ष पूर्व राजपरिवार में अवतार लेकर सामाजिक समरसता का सन्देश देने वाले बाबा रामदेवजी के समाधिस्थल पर घोड़ों का कुनबा बढ़ रहा है. रूणीचा कुंआ पर स्वछन्द घूम रहे घोड़े श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केन्द्र बन गए हैं. देशभर के अलग-अलग हिस्सों के कई श्रद्धालु बाबा रामदेवजी की समाधि पर अपनी मन्नत पूर्ण होने पर श्रद्धालु जीवित घोड़े चढ़ा रहे हैं. पिछले तीन वर्षों में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और गुजरात से आए श्रद्धालुओं द्वारा यहां जीवित घोड़े चढाए गए हैं, जिनकी संख्या अब बढ़कर एक दर्जन के लगभग हो गई है. यहां रूणीचा कुआ पर घूमते यह घोड़े दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं.

बाबा रामदेव जी के दरबार में बढ़ रहा है घोड़ों का कुनबा

बाबा रामदेव समाधि समिति ने की व्यवस्था

समाधिस्थल पर चढ़ने वाले जीवित घोड़ों की देखरेख के लिए बाबा रामदेव समाधि समिति द्वारा व्यवस्था रूणीचा कुंआ पर की गई है. यहां इनकी देखभाल की जा रही है. यहां बनी घुड़साल में सभी घोड़ों को रखा गया है. यहां इनके सूखे और हरे चारे, दाने तथा पानी की व्यवस्था की गई है. वहीं इनकी उचित निगरानी और देखभाल के लिए घोड़ों के जानकार को नियुक्त किया गया है. जानकार द्वारा इनको समय समय पर चारा, दाना और पानी दिया जाता है और इनको घुमाया जाता है.

यह भी पढ़ें- 'आलाकमान ने Vasundhara Raje को CM प्रोजेक्ट नहीं किया तो BJP की सत्ता में नहीं होगी वापसी'

घोड़े पर है बाबा रामदेवजी की सवारी

जन-जन की आस्था के प्रतीक बाबा रामदेवजी की सवारी घोड़े की है. उनके घोड़े का नाम लीला घोड़ा था. बाबा रामदेवजी द्वारा समाधि लेने के बाद उनके साथ घोड़ा भी लोकप्रिय हो गया. बाबा रामदेवजी के श्रद्धालुओं की मन्नत पूर्ण होने पर वे अपनी श्रद्धानुसार घोड़े चढ़ाते हैं, जिसमे कपड़े, सोने, चांदी के घोड़े और जीवित घोड़े शामिल है. श्रद्धालुओं की आस्था को देखते आज रामदेवरा के बाजारों में दस रुपए से लेकर दो लाख रुपए तक के कपड़े और सोने चांदी से निर्मित घोड़े समाधिस्थल पर चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध है.

प्रतिवर्ष आते हैं 80 लाख श्रद्धालु

जैसलमेर जिले के रामदेवरा में जगविख्यात बाबा रामदेवजी का समाधिस्थल है. यहां उनकी समाधि पर प्रतिवर्ष 80 लाख के लगभग श्रद्धालु आते हैं. यहां हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई सभी धर्मों के लोग बिना भेदभाव के आते हैं और अपने आराध्यदेव की समाधि पर शीर्ष नवाते हैं.

पोकरण (जैसलमेर). साढ़े 600 वर्ष पूर्व राजपरिवार में अवतार लेकर सामाजिक समरसता का सन्देश देने वाले बाबा रामदेवजी के समाधिस्थल पर घोड़ों का कुनबा बढ़ रहा है. रूणीचा कुंआ पर स्वछन्द घूम रहे घोड़े श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केन्द्र बन गए हैं. देशभर के अलग-अलग हिस्सों के कई श्रद्धालु बाबा रामदेवजी की समाधि पर अपनी मन्नत पूर्ण होने पर श्रद्धालु जीवित घोड़े चढ़ा रहे हैं. पिछले तीन वर्षों में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और गुजरात से आए श्रद्धालुओं द्वारा यहां जीवित घोड़े चढाए गए हैं, जिनकी संख्या अब बढ़कर एक दर्जन के लगभग हो गई है. यहां रूणीचा कुआ पर घूमते यह घोड़े दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं.

बाबा रामदेव जी के दरबार में बढ़ रहा है घोड़ों का कुनबा

बाबा रामदेव समाधि समिति ने की व्यवस्था

समाधिस्थल पर चढ़ने वाले जीवित घोड़ों की देखरेख के लिए बाबा रामदेव समाधि समिति द्वारा व्यवस्था रूणीचा कुंआ पर की गई है. यहां इनकी देखभाल की जा रही है. यहां बनी घुड़साल में सभी घोड़ों को रखा गया है. यहां इनके सूखे और हरे चारे, दाने तथा पानी की व्यवस्था की गई है. वहीं इनकी उचित निगरानी और देखभाल के लिए घोड़ों के जानकार को नियुक्त किया गया है. जानकार द्वारा इनको समय समय पर चारा, दाना और पानी दिया जाता है और इनको घुमाया जाता है.

यह भी पढ़ें- 'आलाकमान ने Vasundhara Raje को CM प्रोजेक्ट नहीं किया तो BJP की सत्ता में नहीं होगी वापसी'

घोड़े पर है बाबा रामदेवजी की सवारी

जन-जन की आस्था के प्रतीक बाबा रामदेवजी की सवारी घोड़े की है. उनके घोड़े का नाम लीला घोड़ा था. बाबा रामदेवजी द्वारा समाधि लेने के बाद उनके साथ घोड़ा भी लोकप्रिय हो गया. बाबा रामदेवजी के श्रद्धालुओं की मन्नत पूर्ण होने पर वे अपनी श्रद्धानुसार घोड़े चढ़ाते हैं, जिसमे कपड़े, सोने, चांदी के घोड़े और जीवित घोड़े शामिल है. श्रद्धालुओं की आस्था को देखते आज रामदेवरा के बाजारों में दस रुपए से लेकर दो लाख रुपए तक के कपड़े और सोने चांदी से निर्मित घोड़े समाधिस्थल पर चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध है.

प्रतिवर्ष आते हैं 80 लाख श्रद्धालु

जैसलमेर जिले के रामदेवरा में जगविख्यात बाबा रामदेवजी का समाधिस्थल है. यहां उनकी समाधि पर प्रतिवर्ष 80 लाख के लगभग श्रद्धालु आते हैं. यहां हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई सभी धर्मों के लोग बिना भेदभाव के आते हैं और अपने आराध्यदेव की समाधि पर शीर्ष नवाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.