जैसलमेर: अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद पूरी दुनिया अफगानिस्तान के नागरिकों और वहां के हालात को लेकर फिक्रमंद है. दुनियाभर के मुल्क तालिबानी सोच से अपने नागरिकों को बचाने के जतन कर रहे हैं. भारत ने भी अफगान स्थित अपने दूतावास को बंद कर दिया और राजनयिकों के साथ-साथ भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट करने का दौर चल रहा है.
इसी बीच भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सरहद पर राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. यह प्रतियोगिता इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय है. चर्चा इसलिए क्योंकि सरहदी गांव जैसुराना में हुई इस प्रतियोगिता में तालिबान क्लब के नाम से एक टीम ने हिस्सा लिया. टीम ने एक मैच जीत भी लिया. कुछ राष्ट्रवादी संगठनों की नजर जब टीम के नाम पर पड़ी तो उन्होंने एतराज जता दिया.
तालिबान क्लब के 11 खिलाड़ी
तालिबान क्लब क्रिकेट टीम में मठार खान (कप्तान), अबाल बाजीगर खान, अलादीन खान, अमीन खान, गुमानाराम, हाजी, जाको, जमाल खान, कमाल जंज, खामिश खान, माघे खान, महेश और मेराव खान हैं. टीम में अधिकतर भारतीय मुस्लिम युवा हैं. ऐसे में कुछ संगठनों ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि क्या कुछ युवा तालिबान जैसे आतंकी मिजाज के संगठन से प्रभावित हैं. बात सिर्फ खेल की नहीं, बल्कि सोच की है. अफगानिस्तान में एक लोकतांत्रिक सरकार को उजाड़ कर हथियार के बल सत्ता पर काबिज होने की मंशा रखने वाले तालिबान से भारतीय मुस्लिम क्या कोई इत्तेफाक रखता है. क्या तालिबान उसका आदर्श हो सकता है.
इन्हीं सवालों को लेकर तालिबान क्लब टीम के इर्द-गिर्द राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा होने लगी. इसके बाद विरोध के स्वर भी ऊंचे हो गए. नतीजा ये रहा कि क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन कराने वालों ने कार्रवाई करते हुए तालिबान क्लब को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया और सोशल मीडिया के जरिये देश के नागरिकों से माफी मांगी.
आयोजकों ने कहा कि प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन एंट्री होने के कारण उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया. लेकिन जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने पूरी टीम को ही प्रतियोगिता से हटा दिया है और टीम के सभी खिलाड़ियों को गांव में होने वाले आगामी टूर्नामेंटों के लिए भी बैन कर दिया है.
उद्घाटन मैच में तालिबान क्लब ने डाबला इलेवन को 5 विकेट से हराया
जानकारी के मुताबिक तालिबान क्लब ने उद्घाटन मैच में डाबला इलेवन के साथ मैच खेला था. जिसमे पहले बल्लेबाजी कर डाबला इलेवन ने 10 विकेट के नुकसान पर 105 रन बनाए थे. तालिबान इलेवन ने 5 विकेट खोकर 110 रन बनाकर जीत दर्ज की थी.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने भेजी मौके पर डीएसटी टीम
सीमावर्ती जिले में तालिबान के नाम से क्रिकेट टीम के प्रतियोगिता में क्रिकेट मैच खेलने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस प्रशासन भी हरकत में आया. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र चौधरी में डीएसटी टीम को मौके पर भेजा और इसकी पूरी जानकारी इकत्र कर जांच के निर्देश दिए.
जैसलमेर जिले में तालिबान के नाम से क्रिकेट टीम के सामने आने के बार हिंदूवादी संगठन भी सक्रिय हो गए. उन्होंने जिला कलक्टर पुलिस अधीक्षक को इस मामले को लेकर ज्ञापन भी सौंपा. बजरंग दल के विभाग संयोजक लालूसिंह सोढ़ा ने बताया कि जैसलमेर संवेदनशील क्षेत्र है. यहां राष्ट्र विरोधी गतिविधियां होती रहती हैं. उनका कहना है कि तालिबानी सोच को समर्थन करने वाले ये लोग भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. ऐसे में इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.