जैसलमेर. राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास इन दिनों जैसलमेर दौरे पर हैं. गुरुवार को उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश में बढ़ते महिला अत्याचारों और दौसा जिले में पुजारी शंभू के अंतिम संस्कार पर बड़ा बयान दिया. व्यास ने कहा कि यदि बच्चों को उनके घरों में अच्छे संस्कार मिलेंगे तो प्रदेश में महिलाओं के प्रति अत्याचारों में कमी आएगी. कोई भी सरकार, पुलिस या अन्य कोई सरकारी तंत्र महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा सकता.
उन्होंने कहा कि इन दिनों लोगों का जो नैतिक पतन हो रहा है, यही प्रदेश में महिला अत्याचारों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है. व्यास ने कहा कि पहले एक मोहल्ले में बुजुर्ग या पढ़े लिखे व्यक्ति की इज्जत होती थी. लेकिन आजकल तो जो बेईमानी करता है उसकी इज्जत होती है. इसे बदलना होगा.
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष व्यास ने कहा कि यदि गली-मोहल्ले में किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ की जाती है तो उसको एक पुलिस वाला या नेता नहीं बल्कि समाज के लोग मिलकर रोक सकते हैं और ऐसा कोई मामला यदि किसी को दिखाई दे तो उसके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए. उन्होंने समाज के प्रत्येक व्यक्ति से अपील की है कि वे अपने घरों में ऐसे संस्कार उत्पन्न करें कि समाज में इस प्रकार के अत्याचार ना हो.
वहीं दौसा जिले के पुजारी शंभू के अंतिम संस्कार में हुई देरी पर आयोग अध्यक्ष व्यास ने कहा कि जिस तरीके से एक बच्चा जब अपनी माता के गर्भ में होता है तो उसके कुछ अधिकार होते हैं, उसी तरीके से मृत्यु के बाद शव का अंतिम संस्कार का अधिकार होता है और उसे जो रोकते है वो अपराध करते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता और भारतीय संविधान के अंतर्गत मृतक को अंतिम संस्कार का अधिकार है.