जयपुर. राजधानी जयपुर की पुलिस बैंक लूटने वाले बदमाशों के आगे बेबस नजर आ रही है. डीसीएम स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में 10.73 लाख रुपए की लूट के मामले में वारदात के 6 दिन बाद भी पुलिस को कामयाबी नहीं मिली है. पुलिस की जांच फिलहाल सीसीटीवी फुटेज खंगालने से आगे नहीं बढ़ पाई है. लगभग यही हालात बैंक लूट की पुरानी घटनाओं के भी हैं. 2017 और 2022 में हुई बैंक लूट की वारदातों का भी पुलिस आज तक खुलासा नहीं कर पाई है.
डीसीएम स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में 6 मार्च को सुबह घुसे दो लुटेरों ने स्टाफ को बंधक बनाकर 10.73 लाख रुपए लूट लिए थे. इसके साथ ही बैंक में आए ग्राहकों से भी बदमाशों ने रुपए छीन लिए थे. लेकिन छह दिन बाद भी श्याम नगर थाना पुलिस को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. हालांकि श्याम नगर थाना प्रभारी धीरेंद्र सिंह का कहना है कि बैंक लूट के मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस की टीमें लगी हुई हैं. उन्होंने यह भी बताया कि रविवार को उनकी ड्यूटी धरना-प्रदर्शन के चलते 22 गोदाम इलाके में लगी हुई है.
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सीसीटीवी जांच से आगे नहीं बढ़ी तफ्तीश : इंडियन ओवरसीज बैंक लूट के मामले में पुलिस की जांच फिलहाल सीसीटीवी फुटेज खंगालने से आगे नहीं बढ़ पाई है. इन फुटेज से पता चला है कि दोनों बदमाश एक बाइक से हीरापुरा और फिर मिनी बसों में बैठकर चारदीवारी की तरफ आए थे. ऐसे में अंदेशा यह भी जताया जा रहा है कि बदमाश वारदात के बाद शहर से बाहर निकल गए.
2022 में चौमू हाउस स्थित बैंक से 15 लाख की लूट : राजधानी के ही चौमू हाउस सर्किल स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 8 फरवरी 2022 को दो बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया था. हथियार के बल पर लुटेरों ने स्टाफ और बैंक में आए ग्राहकों को बंधक बनाकर 15 लाख रुपए लूट लिए थे. इस वारदात में भी बदमाशों ने ग्राहकों से भी रुपए छीने थे. लेकिन अब एक साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी पुलिस इस मामले में कोई सुराग नहीं जुटा पाई है.
2017 में राजापार्क में वारदात : राजधानी जयपुर के राजापार्क में भी दो बदमाशों ने हथियार के बल पर यूको बैंक में लूट की वारदात को अंजाम दिया था. हथियार लेकर बैंक में घुसे लुटेरों ने स्टाफ को बंधक बनाया और डराने के लिए गोली भी चलाई थी. इसके बाद वे 15 लाख रुपए लेकर भाग गए थे. इस वारदात को अंजाम देने के बाद भागने के लिए बदमाशों ने पावर बाइक का भी इस्तेमाल किया था. जानकारी के अनुसार, बदमाशों की पहचान नहीं होने के चलते पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दी.