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जैसलमेर से अब तक लगभग 35 हजार श्रमिकों का हो चुका है पलायन

जैसलमेर में लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार के निर्देशानुसार शनिवार शाम तक लगभग 35 हजार श्रमिक पलायन कर चुके हैं. इन श्रमिकों में 14 हजार राजस्थान के हैं और अन्य राज्यों के लगभग 21 हजार श्रमिक हैं.

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सरकार को दिया धन्यवाद
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Published : May 3, 2020, 5:27 PM IST

जैसलमेर. जिला प्रशासन के बेहतर प्रबन्धों और योजनाबद्ध प्रयासों की बदौलत कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन के कारण जैसलमेर में फंसे हुए लगभग 35 हजार श्रमिक अपने-अपने घर लौट चुके हैं.

35 हजार प्रवासी श्रमिक घरों के लिए रवाना

जिला कलक्टर नमित मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार के निर्देशानुसार जैसलमेर से शनिवार शाम तक लगभग 35 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह क्षेत्रों के लिए भेजा जा चुका है, जिनमें लगभग 14 हजार राजस्थान मूल के और लगभग 21 हजार अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिक शामिल थे.

जिला कलक्टर ने बताया कि इनमें से अधिकतर प्रवासी श्रमिक जैसलमेर के विभिन्न स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा संचालित आश्रय गृहों में ठहराए हुए थे. साथ ही इनके आवास, भोजन, पानी आदि सभी प्रकार की माकूल व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा कराई जा रही थी. साथ ही राजस्थान के लगभग 14 हजार प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश के 15 जिलों में भेजा जा चुका है, इनमें अधिकतर गंगानगर और हनुमानगढ़ मूल के प्रवासी श्रमिक थे.

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बसों को अच्छी तरह सैनिटाइज किया गया

पढ़ेंः आज जयपुर एयरपोर्ट पहुंचेगा शहीद जोगिंदर सिंह सोलंकी की पार्थिव देह

नमित मेहता ने बताया कि राजस्थान के बाहर के विभिन्न राज्यों के रहने वाले लगभग 21 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजा जा चुका है, जिनमें हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात के प्रवासी श्रमिक शामिल हैं. जिले में अब बिहार के लगभग 300 प्रवासी श्रमिक बचे हुए हैं, जिन्हें भेजने के प्रयास किए जा रहे है.

जिला प्रशासन की योजनाबद्ध एवं सुव्यवस्थित कार्यप्रणाली के साथ हर स्तर पर बेहतर प्रबन्धन का ही परिणाम रहा कि इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को सहजता और सरलतापूर्वक उनके अपने-अपने गृह क्षेत्रों में पहुंचाया गया है. ऐसे में जैसलमेर मूल के प्रवासी जो अन्य जिलों और अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, उनको उम्मीद है कि जिला प्रशासन जल्द ही उनकी घर वापसी सुनिश्चित करवाएगी.

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राज्य सरकार को दिया धन्यवाद

रवानगी से पूर्व एसओपी की पूर्ण पालना:

जैसलमेर जिले से रवानगी के समय एसओपी की पूरी-पूरी पालना कराते हुए इन्हें ले जाने वाली बसों को पूरी तरह सैनिटाइज किया गया है. सभी श्रमिकों की मेडिकल स्क्रीनिंग की गई है, हैण्डवाश का उपयोग कर हाथों को सैनिटइज किया गया है, मॉस्क वितरित किए गए है और हैण्ड सैनिटइजर दिए गए है. वहीं प्रवासी श्रमिकों को चाय-नाश्ता और भोजन के साथ ही यात्रा के दौरान रास्ते के लिए फूड पैकेट्स और पानी की व्यवस्था भी की गई है.

पढ़ेंः Lockdown में एकता का प्रतीक बनी 'सांझी रसोई', मिल-बांटकर पहुंचा रहे जरूरतमंदों तक खाना

प्रवासी श्रमिकों ने दिल से कहा- धन्यवाद जैसलमेर

जिला प्रशासन द्वारा सभी श्रेणियों के प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन, आवास सहित अन्य व्यवस्थाएं करने के साथ ही इनकी सुरक्षित रवानगी से पूर्व सभी प्रकार के ऐहतियाती उपाय सुनिश्चित किए है. इन्हीं का नतीजा है कि प्रवासी श्रमिकों ने रवानगी से पूर्व आश्रय गृहों में की गई व्यवस्थाओं और घर वापसी के लिए किए गए बेहतर प्रबन्धों की सराहना की और इसके लिए राज्य सरकार के साथ ही जैसलमेर जिला प्रशासन और व्यवस्थाओं में जुटे सभी अधिकारियों, कार्मिकों आदि के प्रति दिली आभार जताया.

टीम जैसलमेर के समन्वित प्रयासों का परिणाम:

जिला कलक्टर नमित मेहता के निर्देशन में इतना बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य सरलतापूर्वक सम्पन्न होने के पीछे सभी प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों का सामन्जस्य और सभी संबंधितों के अथक प्रयासों के साथ ही जिला कलक्टर द्वारा इन राज्यों से संबंधित रूट में आने वाले जिला कलक्टरों और इन प्रदेशों के उच्चाधिकारियों आदि से लगातार संचार सम्पर्क का भी बहुत बड़ा रोल रहा है. जिसकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी का लक्ष्य बिना किसी बाधा के पूर्ण हो सका है.

जैसलमेर. जिला प्रशासन के बेहतर प्रबन्धों और योजनाबद्ध प्रयासों की बदौलत कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन के कारण जैसलमेर में फंसे हुए लगभग 35 हजार श्रमिक अपने-अपने घर लौट चुके हैं.

35 हजार प्रवासी श्रमिक घरों के लिए रवाना

जिला कलक्टर नमित मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार के निर्देशानुसार जैसलमेर से शनिवार शाम तक लगभग 35 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह क्षेत्रों के लिए भेजा जा चुका है, जिनमें लगभग 14 हजार राजस्थान मूल के और लगभग 21 हजार अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिक शामिल थे.

जिला कलक्टर ने बताया कि इनमें से अधिकतर प्रवासी श्रमिक जैसलमेर के विभिन्न स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा संचालित आश्रय गृहों में ठहराए हुए थे. साथ ही इनके आवास, भोजन, पानी आदि सभी प्रकार की माकूल व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा कराई जा रही थी. साथ ही राजस्थान के लगभग 14 हजार प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश के 15 जिलों में भेजा जा चुका है, इनमें अधिकतर गंगानगर और हनुमानगढ़ मूल के प्रवासी श्रमिक थे.

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बसों को अच्छी तरह सैनिटाइज किया गया

पढ़ेंः आज जयपुर एयरपोर्ट पहुंचेगा शहीद जोगिंदर सिंह सोलंकी की पार्थिव देह

नमित मेहता ने बताया कि राजस्थान के बाहर के विभिन्न राज्यों के रहने वाले लगभग 21 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजा जा चुका है, जिनमें हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात के प्रवासी श्रमिक शामिल हैं. जिले में अब बिहार के लगभग 300 प्रवासी श्रमिक बचे हुए हैं, जिन्हें भेजने के प्रयास किए जा रहे है.

जिला प्रशासन की योजनाबद्ध एवं सुव्यवस्थित कार्यप्रणाली के साथ हर स्तर पर बेहतर प्रबन्धन का ही परिणाम रहा कि इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को सहजता और सरलतापूर्वक उनके अपने-अपने गृह क्षेत्रों में पहुंचाया गया है. ऐसे में जैसलमेर मूल के प्रवासी जो अन्य जिलों और अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, उनको उम्मीद है कि जिला प्रशासन जल्द ही उनकी घर वापसी सुनिश्चित करवाएगी.

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राज्य सरकार को दिया धन्यवाद

रवानगी से पूर्व एसओपी की पूर्ण पालना:

जैसलमेर जिले से रवानगी के समय एसओपी की पूरी-पूरी पालना कराते हुए इन्हें ले जाने वाली बसों को पूरी तरह सैनिटाइज किया गया है. सभी श्रमिकों की मेडिकल स्क्रीनिंग की गई है, हैण्डवाश का उपयोग कर हाथों को सैनिटइज किया गया है, मॉस्क वितरित किए गए है और हैण्ड सैनिटइजर दिए गए है. वहीं प्रवासी श्रमिकों को चाय-नाश्ता और भोजन के साथ ही यात्रा के दौरान रास्ते के लिए फूड पैकेट्स और पानी की व्यवस्था भी की गई है.

पढ़ेंः Lockdown में एकता का प्रतीक बनी 'सांझी रसोई', मिल-बांटकर पहुंचा रहे जरूरतमंदों तक खाना

प्रवासी श्रमिकों ने दिल से कहा- धन्यवाद जैसलमेर

जिला प्रशासन द्वारा सभी श्रेणियों के प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन, आवास सहित अन्य व्यवस्थाएं करने के साथ ही इनकी सुरक्षित रवानगी से पूर्व सभी प्रकार के ऐहतियाती उपाय सुनिश्चित किए है. इन्हीं का नतीजा है कि प्रवासी श्रमिकों ने रवानगी से पूर्व आश्रय गृहों में की गई व्यवस्थाओं और घर वापसी के लिए किए गए बेहतर प्रबन्धों की सराहना की और इसके लिए राज्य सरकार के साथ ही जैसलमेर जिला प्रशासन और व्यवस्थाओं में जुटे सभी अधिकारियों, कार्मिकों आदि के प्रति दिली आभार जताया.

टीम जैसलमेर के समन्वित प्रयासों का परिणाम:

जिला कलक्टर नमित मेहता के निर्देशन में इतना बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य सरलतापूर्वक सम्पन्न होने के पीछे सभी प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों का सामन्जस्य और सभी संबंधितों के अथक प्रयासों के साथ ही जिला कलक्टर द्वारा इन राज्यों से संबंधित रूट में आने वाले जिला कलक्टरों और इन प्रदेशों के उच्चाधिकारियों आदि से लगातार संचार सम्पर्क का भी बहुत बड़ा रोल रहा है. जिसकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी का लक्ष्य बिना किसी बाधा के पूर्ण हो सका है.

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