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जैसलमेरः बम विस्फोट में गंभीर रूप से घायल बच्चे को सफल ऑपरेशन के बाद भेजा गया घर

जैसलमेर जिले के पोकरण क्षेत्र के भादरिया गांव में कुछ दिन पहले दो बच्चे एक बम को खिलौना समझकर खेलने लगे थे. उसी समय बम फट गया, जिसमें से एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था, जबकी दूसरे बच्चे की मौत हो गई थी. घायल बच्चे का हॉस्पीटल में इलाज चल रहा था. जिसके उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ऐसे में सफल ऑपरेशन होने के बाद डाक्टरों ने आज उसे घर भेज दिया.

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जैसलमेर में बम विस्फोट से एक बच्चे की मौत, दुसरा बच्चा गंभीर रूप से घायल का हुआ सफल ऑपरेशन
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Published : Dec 21, 2020, 2:26 PM IST

(जैसलमेर) पोकरण. जिले के भादरिया गांव के पास कुछ दिन पहले बम विस्फोट हुआ था. जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई थी वहीं, एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था. घायल बच्चे का निजी अस्पताल में सफल ऑपरेशन किया गया. इलाज के बाद बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया.

पोकरण क्षेत्र के भादरिया गांव के पास कुछ दिन पहले दो बच्चे खिलौना समझ कर जिन्दा बम उठा लाये थे. उसे लेकर वह खेलने लगे इसके बाद खेलते समय बम विस्फोट हो गया था. जिसमें एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई थी. वहीं, दूसरा बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था. घायल बच्चे महिपाल सिंह उम्र -13 साल को गंभीर हालत में पोकरण के चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को इलाज के लिए जोधपुर रेफर कर दिया गया था. वहां से परिजन उसे पाल रोड स्थित बच्चों के निजी अस्पताल ले गए.

पढ़े. जनवरी में शुरू हो सकता है कोरोना से बचाव का टीकाकरण : डॉ. हर्षवर्धन

जिसके बाद हॉस्पीटल में बच्चों के सर्जन डॉ. डी एस राठौड़ ने सम्पूर्ण जांच की और पाया कि-बम के छर्रे बच्चे के पुरे शरीर में घुस गया है. जिस वजह से बच्चे का पूरा शरीर खून से लथ-पथ हो गया है. इन बम के छर्रों से बच्चे की छाती में 3 छेद हो गए थे. और साथ ही पेट की आंतों में भी 3 बड़े छेद हो गए थे. जिसके वजह से उसकी आंते बाहर निकल आयी. बच्चे के दोनों हाथों और पैरों में भी काफी चोटें आयी हुयी थी. इतनी चोटों के कारण बच्चे में खून कि कमी हो गयी थी. इसके बाद तुरंत खून कि व्यवस्था करके डॉ डी एस राठौड़ ने सर्जरी करने का निर्णय लिया. 6 घंटे की लम्बी सर्जरी के बाद सभी छर्रे निकाल कर फटी आंतों का इलाज किया गया.

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इसके बाद मिसेन्टरी में खून का रिसाव बंद किया गया. बाएं अंडकोष को भी इलाज किया गया. छाती और पेट में लगे सभी छर्रों को भी ऑपरेशन कर बाहर निकाला गया. जानकारी के अनूसार ऑपरेशन बहुत जटिल और चुनौतीपूर्ण था. क्योंकि शरीर पर बहुत जगह घाव होने से संक्रमण का खतरा ज्यादा हो गया था और इससे जान का जोखिम भी था. ऑपरेशन के पश्चात पोस्ट ऑपरेटिव केयर में डॉ अमरसिंह तथा डॉ बलदेव शर्मा ने बच्चे को किसी भी प्रकार के संक्रमण न होने से बचाए रखा. 10 दिन के बाद बच्चे के सम्पूर्ण स्वस्थ होने पर अब उसे हॉस्पीटल से डिस्चार्ज कर दिया गया. इसके बाद परिजन बच्चे के स्वस्थ होने पर खुशी जाहिर कि है.

(जैसलमेर) पोकरण. जिले के भादरिया गांव के पास कुछ दिन पहले बम विस्फोट हुआ था. जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई थी वहीं, एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था. घायल बच्चे का निजी अस्पताल में सफल ऑपरेशन किया गया. इलाज के बाद बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया.

पोकरण क्षेत्र के भादरिया गांव के पास कुछ दिन पहले दो बच्चे खिलौना समझ कर जिन्दा बम उठा लाये थे. उसे लेकर वह खेलने लगे इसके बाद खेलते समय बम विस्फोट हो गया था. जिसमें एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई थी. वहीं, दूसरा बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था. घायल बच्चे महिपाल सिंह उम्र -13 साल को गंभीर हालत में पोकरण के चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को इलाज के लिए जोधपुर रेफर कर दिया गया था. वहां से परिजन उसे पाल रोड स्थित बच्चों के निजी अस्पताल ले गए.

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जिसके बाद हॉस्पीटल में बच्चों के सर्जन डॉ. डी एस राठौड़ ने सम्पूर्ण जांच की और पाया कि-बम के छर्रे बच्चे के पुरे शरीर में घुस गया है. जिस वजह से बच्चे का पूरा शरीर खून से लथ-पथ हो गया है. इन बम के छर्रों से बच्चे की छाती में 3 छेद हो गए थे. और साथ ही पेट की आंतों में भी 3 बड़े छेद हो गए थे. जिसके वजह से उसकी आंते बाहर निकल आयी. बच्चे के दोनों हाथों और पैरों में भी काफी चोटें आयी हुयी थी. इतनी चोटों के कारण बच्चे में खून कि कमी हो गयी थी. इसके बाद तुरंत खून कि व्यवस्था करके डॉ डी एस राठौड़ ने सर्जरी करने का निर्णय लिया. 6 घंटे की लम्बी सर्जरी के बाद सभी छर्रे निकाल कर फटी आंतों का इलाज किया गया.

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इसके बाद मिसेन्टरी में खून का रिसाव बंद किया गया. बाएं अंडकोष को भी इलाज किया गया. छाती और पेट में लगे सभी छर्रों को भी ऑपरेशन कर बाहर निकाला गया. जानकारी के अनूसार ऑपरेशन बहुत जटिल और चुनौतीपूर्ण था. क्योंकि शरीर पर बहुत जगह घाव होने से संक्रमण का खतरा ज्यादा हो गया था और इससे जान का जोखिम भी था. ऑपरेशन के पश्चात पोस्ट ऑपरेटिव केयर में डॉ अमरसिंह तथा डॉ बलदेव शर्मा ने बच्चे को किसी भी प्रकार के संक्रमण न होने से बचाए रखा. 10 दिन के बाद बच्चे के सम्पूर्ण स्वस्थ होने पर अब उसे हॉस्पीटल से डिस्चार्ज कर दिया गया. इसके बाद परिजन बच्चे के स्वस्थ होने पर खुशी जाहिर कि है.

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