जैसलमेर. जिले के लाठी क्षेत्र की केरालिया गांव से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देख आप भी मुस्कुरा देंगे और संजीदा अंदाज में मानवता की इस तस्वीर को टकटकी लगाए लगातार (story of a deer cub) निहारते रहेंगे. दरअसल, गांव का एक मुस्लिम परिवार पिछले 5 माह से हिरण के शावक को अपने बच्चे की तरह पाल रहा था. बगैर मां के इस शावक को परिवार के लोग बोतल से गाय का दूध पिलाकर पाल रहे थे.
वहीं, केरालिया ग्राम निवासी हकीम खान (deer spinach hakim khan) ने बताया कि शावक की मां का आवारा कुत्तों के हमले में जान चली गई थी. जिसके बाद से ही वे और उनका परिवार उसे पाल रहे थे. हकीम ने बताया कि उन्होंने शावक हिरण का नाम 'मुस्कान' रखा. जिसे आखिरकार वन विभाग को सौंपना पड़ा. उन्होंने बताया कि वन विभाग को सौंपते वक्त उनका दिल भर आया. उनके परिवार के सभी सदस्यों की आंखें नम हो गई.
हकीम ने आगे बताया कि 'मुस्कान' को घर में रखना आसान नहीं था, लेकिन परिवार के बच्चों के साथ ही बड़े भी मुस्कान का ख्याल रखने लगे थे. जैसे-जैसे मुस्कान बड़ी हुई, वो भी हकीम खान के परिवार का हिस्सा बन गई थी. ऐसे में उसकी परिवार से जुदाई अब सभी को खल रही है. परिवार का कहना है कि आवारा कुत्तों के हमले का डर घर पर भी बना था. लिहाजा मुस्कान की सुरक्षा को देखते हुए उसे वन कर्मियों के हवाले कर दिया गया.