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5 महीने तक बच्चे की तरह पाला, बोतल से दूध भी पिलाया और आखिरकार 'मुस्कान' चली गई - deer spinach hakim khan

जैसलमेर के लाठी क्षेत्र की 'मुस्कान' की विदाई (Muskan of jaisalmer) ने उसके पालकों को रूला दिया. खैर, मुस्कान किसी लड़की का नाम नहीं, बल्कि एक हिरण शावक का नाम है. मुस्कान और उसकी मां अपने झुंड से बिझड़ गए थे. जिसके बाद कुत्तों ने मुस्कान की मां पर हमला कर दिया. जिसमें उसकी मौत हो गई थी. ऐसे में जंगल में बगैर मां के मुस्कान का जीना मुश्किल था. लेकिन तब उसे एक परिवार ने आवारा कुत्तों से न सिर्फ बचाया, बल्कि मातृत्व भाव से 5 महीने तक पाला पोसा भी...

Muskan of jaisalmer
मुस्कान' चली गई
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Published : Nov 2, 2022, 1:29 PM IST

जैसलमेर. जिले के लाठी क्षेत्र की केरालिया गांव से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देख आप भी मुस्कुरा देंगे और संजीदा अंदाज में मानवता की इस तस्वीर को टकटकी लगाए लगातार (story of a deer cub) निहारते रहेंगे. दरअसल, गांव का एक मुस्लिम परिवार पिछले 5 माह से हिरण के शावक को अपने बच्चे की तरह पाल रहा था. बगैर मां के इस शावक को परिवार के लोग बोतल से गाय का दूध पिलाकर पाल रहे थे.

वहीं, केरालिया ग्राम निवासी हकीम खान (deer spinach hakim khan) ने बताया कि शावक की मां का आवारा कुत्तों के हमले में जान चली गई थी. जिसके बाद से ही वे और उनका परिवार उसे पाल रहे थे. हकीम ने बताया कि उन्होंने शावक हिरण का नाम 'मुस्कान' रखा. जिसे आखिरकार वन विभाग को सौंपना पड़ा. उन्होंने बताया कि वन विभाग को सौंपते वक्त उनका दिल भर आया. उनके परिवार के सभी सदस्यों की आंखें नम हो गई.

'मुस्कान' चली गई

इसे भी पढ़ें - Amla Navami 2022: आंवला नवमी आज, जानें पूजा की विधि व शुभ मुहूर्त, ऐसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न

हकीम ने आगे बताया कि 'मुस्कान' को घर में रखना आसान नहीं था, लेकिन परिवार के बच्चों के साथ ही बड़े भी मुस्कान का ख्याल रखने लगे थे. जैसे-जैसे मुस्कान बड़ी हुई, वो भी हकीम खान के परिवार का हिस्सा बन गई थी. ऐसे में उसकी परिवार से जुदाई अब सभी को खल रही है. परिवार का कहना है कि आवारा कुत्तों के हमले का डर घर पर भी बना था. लिहाजा मुस्कान की सुरक्षा को देखते हुए उसे वन कर्मियों के हवाले कर दिया गया.

जैसलमेर. जिले के लाठी क्षेत्र की केरालिया गांव से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देख आप भी मुस्कुरा देंगे और संजीदा अंदाज में मानवता की इस तस्वीर को टकटकी लगाए लगातार (story of a deer cub) निहारते रहेंगे. दरअसल, गांव का एक मुस्लिम परिवार पिछले 5 माह से हिरण के शावक को अपने बच्चे की तरह पाल रहा था. बगैर मां के इस शावक को परिवार के लोग बोतल से गाय का दूध पिलाकर पाल रहे थे.

वहीं, केरालिया ग्राम निवासी हकीम खान (deer spinach hakim khan) ने बताया कि शावक की मां का आवारा कुत्तों के हमले में जान चली गई थी. जिसके बाद से ही वे और उनका परिवार उसे पाल रहे थे. हकीम ने बताया कि उन्होंने शावक हिरण का नाम 'मुस्कान' रखा. जिसे आखिरकार वन विभाग को सौंपना पड़ा. उन्होंने बताया कि वन विभाग को सौंपते वक्त उनका दिल भर आया. उनके परिवार के सभी सदस्यों की आंखें नम हो गई.

'मुस्कान' चली गई

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हकीम ने आगे बताया कि 'मुस्कान' को घर में रखना आसान नहीं था, लेकिन परिवार के बच्चों के साथ ही बड़े भी मुस्कान का ख्याल रखने लगे थे. जैसे-जैसे मुस्कान बड़ी हुई, वो भी हकीम खान के परिवार का हिस्सा बन गई थी. ऐसे में उसकी परिवार से जुदाई अब सभी को खल रही है. परिवार का कहना है कि आवारा कुत्तों के हमले का डर घर पर भी बना था. लिहाजा मुस्कान की सुरक्षा को देखते हुए उसे वन कर्मियों के हवाले कर दिया गया.

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