जैसलमेर. इंदिरा गांधी नहर जो कि जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान के लिए वरदान साबित हुई है, उसी इंदिरा गांधी नहर में पंजाब से लेकर नहर के अंतिम छोर तक की मरम्मत के लिए हर साल होने वाली नहरबंदी इस बार 70 दिन की होगी. ये नहरबंदी 7 मार्च से शुरू हो गई है.
गर्मियों के शुरू होने के साथ ही इस बार की नहरबंदी में पेयजल विभाग और नहर विभाग पर्याप्त पानी सप्लाई करने के दावे कर रहे हैं. इंदिरा गांधी नहर विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता हरितलाल मीणा ने बताया की नहरबंदी तीन चरणों में होगी. जिसमें 7 मार्च से 21 मार्च तक पार्शियल क्लोजर होगा. उस दौरान राजस्थान को 3500 क्यूसेक पानी मिलेगा. वहीं 22 मार्च से 30 अप्रैल तक दूसरे क्लोजर में नहर को 2000 क्यूसेक पानी मिलेगा और 30 अप्रैल से 31 मई तक पूर्ण क्लोजर रहेगा. इस दौरान स्टोरेज वाटर से पीने के पानी की सप्लाई की जाएगी.
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आईजीएनपी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने बताया कि नहरबंदी के दौरान पीने की पानी की समस्या उत्पन्न ना हो, इसके लिए चीफ इंजीनियर रेगुलेशन की ओर से एक प्रोग्राम बनाया गया है. जिसके तहत जैसलमेर को 22 मार्च से 30 अप्रैल तक 384 क्यूसेक सप्लाई के साथ कुछ अतिरिक्त पानी मिलेगा. जिससे पॉण्ड में पानी स्टोर किया जाएगा और पीएचडी की डिग्गियों को भी भरा जाएगा.
उन्होंने बताया कि नहरबंदी के दौरान मुख्य नहर में पंजाब और हरीके बराज के पास मरम्मत का कार्य प्रमुख रूप से होगा. वहीं जैसलमेर जिले में वृहद स्तर पर कोई कार्य नहीं है लेकिन पूर्व में जो टेंडर हुए हैं. उसके अनुसार छोटी नहरों की मरम्मत और मिट्टी निकालने का कार्य किया जाएगा.