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सरकारी कारिंदों का कारनामा, जिंदा को घोषित कर दिया मृत, महिला ने खुद आकर कहा- 'मैं जिंदा हूं'

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Published : Oct 24, 2020, 1:50 PM IST

Updated : Oct 24, 2020, 2:42 PM IST

जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ स्थित उपनिवेशन विभाग एक बुजुर्ग महिला को मृत घोषित कर उसकी फाईल को बंद करने की तैयारी में लग गया. जिसके बाद महिला ने खुद मीडिया के कैमरे पर कहा कि वह जिंदा है. मेरा जो आवेदन निरस्त किया गया है उसे बहाल कर मुझे न्याय दिलाएं.

जैसलमरे का उपनिवेशन विभाग, Colonization department of jaisalmer
उपनिवेशन विभाग की ओर से मृत घोषित की गई महिला

जैसलमेर. कहते है कि किसी भी व्यक्ति का जीवन और मृत्यु सब उपर वाले के हाथ होती है लेकिन सरहदी जिले जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी इलाके में ऐसा नहीं है. क्योंकि यहां पर सरकारी विभाग की मर्जी चलती है कि किसको जिंदा रखना है और किसे मारना है. ये सब यहां पर सरकारी विभाग के अधिकारी तय करते है.

उपनिवेशन विभाग ने जिंदा महिल को किया मृत घोषित

जी हां मामला है नहरी भूमि आवंटन के लिये एक वृद्ध महिला के आवेदन का. जहां पर पिछले लंबे समय से लंबित पड़े इस आवेदन में विभाग के अधिकारियों ने महिला को मृत घोषित कर दिया और उसकी फाइल को निरस्त कर दिया, लेकिन ये महिला जिंदा है और कैमरे पर कहने लगी कि मैं जिंदा हूं और मेरा जो आवेदन निरस्त किया गया है उसे बहाल कर मुझे न्याय दिलाएं.

पढ़ेंः अलवर में शुरू हुए विकास कार्य, लेकिन बजट की कमी बन सकती है बाधा

मोहनगढ़ स्थित उपनिवेशन विभाग में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक बुजुर्ग महिला मीरा का आवेदन यह कह कर निरस्त कर दिया गया कि उसकी मौत हो गई है. जिसके बाद उसकी फाईल को बंद करने की तैयारी की गई, लेकिन जागरूक किसानों की जागरूकता के चलते मामला बाहर आया और जब मीरा से पूछा गया तो इसने स्वीकार किया कि उसकी तरफ से नहरी भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया गया है. जब इसे यह बताया कि आपका आवेदन इसलिये खारिज कर दिया गया है कि आपकी सरकारी कागजों में मौत हो चुकी है, तो महिला कैमरे पर कहने लगी कि मैं तो जिंदा हूं. ऐसे में नहरी अधिकारी कैसे मुझे मरा घोषित कर सकते हैं.

इस मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अधिकारियों ने ऐसे कितने आवंटियों को मृत घोषित कर उनके आवेदन निरस्त किए हैं. वहीं, किसानों का आरोप है कि नहरी भूमि आवंटन प्रक्रिया में कई पात्र किसानों को अपात्र घोषित कर दलालों को भूमि आवंटित कर दी गई है.

पढ़ेंः नगर निगम चुनाव की सरगर्मियां तेज, सांसद रामचरण बोहरा का दावा- भाजपा का बनेगा बोर्ड

इंदिरा गांधी नहर के आने के बाद जैसलमेर में इस इलाके में जमीनों की कीमतों में उछाल आया है और कृषि कार्य भी बढ़ा है, लेकिन इस इलाके की जमीनों पर विभाग के कुछ अधिकारियों और कुंडली मार कर बैठे दलालों ने कई सारे किसानों के हक का छीनने का काम भी शुरू कर दिया है. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद जब विभाग के अधिकारियों से बात करनी चाही तो कैमरे पर आने से मना करते हुए गलती को ठीक करने की बात कही, ऐसे में जब अधिकारी खुद जिम्मेदारी लेने से भागने लगें है तो विभाग का भगवान ही मालिक है.

जैसलमेर. कहते है कि किसी भी व्यक्ति का जीवन और मृत्यु सब उपर वाले के हाथ होती है लेकिन सरहदी जिले जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी इलाके में ऐसा नहीं है. क्योंकि यहां पर सरकारी विभाग की मर्जी चलती है कि किसको जिंदा रखना है और किसे मारना है. ये सब यहां पर सरकारी विभाग के अधिकारी तय करते है.

उपनिवेशन विभाग ने जिंदा महिल को किया मृत घोषित

जी हां मामला है नहरी भूमि आवंटन के लिये एक वृद्ध महिला के आवेदन का. जहां पर पिछले लंबे समय से लंबित पड़े इस आवेदन में विभाग के अधिकारियों ने महिला को मृत घोषित कर दिया और उसकी फाइल को निरस्त कर दिया, लेकिन ये महिला जिंदा है और कैमरे पर कहने लगी कि मैं जिंदा हूं और मेरा जो आवेदन निरस्त किया गया है उसे बहाल कर मुझे न्याय दिलाएं.

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मोहनगढ़ स्थित उपनिवेशन विभाग में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक बुजुर्ग महिला मीरा का आवेदन यह कह कर निरस्त कर दिया गया कि उसकी मौत हो गई है. जिसके बाद उसकी फाईल को बंद करने की तैयारी की गई, लेकिन जागरूक किसानों की जागरूकता के चलते मामला बाहर आया और जब मीरा से पूछा गया तो इसने स्वीकार किया कि उसकी तरफ से नहरी भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया गया है. जब इसे यह बताया कि आपका आवेदन इसलिये खारिज कर दिया गया है कि आपकी सरकारी कागजों में मौत हो चुकी है, तो महिला कैमरे पर कहने लगी कि मैं तो जिंदा हूं. ऐसे में नहरी अधिकारी कैसे मुझे मरा घोषित कर सकते हैं.

इस मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अधिकारियों ने ऐसे कितने आवंटियों को मृत घोषित कर उनके आवेदन निरस्त किए हैं. वहीं, किसानों का आरोप है कि नहरी भूमि आवंटन प्रक्रिया में कई पात्र किसानों को अपात्र घोषित कर दलालों को भूमि आवंटित कर दी गई है.

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इंदिरा गांधी नहर के आने के बाद जैसलमेर में इस इलाके में जमीनों की कीमतों में उछाल आया है और कृषि कार्य भी बढ़ा है, लेकिन इस इलाके की जमीनों पर विभाग के कुछ अधिकारियों और कुंडली मार कर बैठे दलालों ने कई सारे किसानों के हक का छीनने का काम भी शुरू कर दिया है. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद जब विभाग के अधिकारियों से बात करनी चाही तो कैमरे पर आने से मना करते हुए गलती को ठीक करने की बात कही, ऐसे में जब अधिकारी खुद जिम्मेदारी लेने से भागने लगें है तो विभाग का भगवान ही मालिक है.

Last Updated : Oct 24, 2020, 2:42 PM IST
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