जैसलमेर. कोरोना महामारी के कहर के बीच चल रहे लॉकडाउन को सरकार के समाप्त किए जाने के बाद जहां बाजार एवं सार्वजनिक स्थल खोल दिए गए हैं. वहीं लोगों की आवाजाही समाज के लिए खतरे का कारण बन रही है.
सरहदी जिले जैसलमेर में भी अनलॉक-1 के बाद 2 माह से घरों में बंद लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उमड़ गए हैं. जिसको लेकर जिला प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं. प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि लोगों को सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन कर अपने परिवार और समाज की सुरक्षा में अपना योगदान देना चाहिए.
अनलॉक 1.0 के बाद सरहदी जिले जैसलमेर के शहरी और ग्रामीण इलाकों के बाजारों में एकाएक रौनक बढ़ गई है. पार्कों से लेकर बैंकों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर लोग अपने-अपने आवश्यक कार्यों के करने के लिए निकल रहे हैं. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है. कई लोग बिना मास्क लगाए ही बाजारों में घूमते दिखाई दे रहे हैं. वहीं सैनिटाइजर के उपयोग व हाथ धोने को लेकर भी लोग लापरवाह दिखाई दे रहे हैं.
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ऐसे में जिला कलेक्टर नमित मेहता ने लोगों से गंभीरता बरतने की अपील की है. जिला कलेक्टर का कहना है की अनलॉक के बाद अब लोगों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है. ऐसे में बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ बार-बार हाथ धोने से लोगों को नियमित अभ्यास में लाने की आवश्यकता है.
जिला कलेक्टर मेहता ने कहा कि जैसलमेर ने लॉकडाउन के दौरान कोरोना के खिलाफ जंग को मजबूती से लड़ा है, लेकिन अब अनलॉक होने के बाद प्रशासन के साथ-साथ लोगों को भी पूरी जिम्मेदारी के साथ इस वायरस के खिलाफ लड़ाई को लड़ना होगा.