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जैसलमेर: ऊंट पालकों ने अधिकारियों पर लगाया लाखों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप

जिले के ऊंट पालकों ने जिला मुख्यालय स्थित पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक कार्यालय में कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. ऊंट पालकों ने एकत्रित होकर विभागीय अधिकारियों पर उष्ट्र विकास योजना के तहत ऊंटनी के प्रजनन के बाद मिलने वाली अनुदान राशि में भ्रष्टाचार का लगाया है.

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जैसलमेर
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Published : Mar 11, 2021, 5:08 PM IST

जैसलमेर. जिले के ऊंट पालकों ने जिला मुख्यालय स्थित पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक कार्यालय में कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. ऊंट पालकों ने एकत्रित होकर विभागीय अधिकारियों पर उष्ट्र विकास योजना के तहत ऊंटनी के प्रजनन के बाद मिलने वाली अनुदान राशि में भ्रष्टाचार का लगाया है. उन्होंने कई विभागीय अधिकारियों के नाम लिए और कहा कि योजना का लाभ दिलवाने की एवज में ऊंट पालकों से प्रति ऊंटनी 500 से 1000 रुपए लिए, लेकिन ऊंट पालकों को योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला.

ऊंट पालकों ने अधिकारियों पर लगाया लाखों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप...

जिस पर विभाग के संयुक्त निदेशक ने कहा कि मामले के संबंध में उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. मनोज माथुर ने इस पूरे मामले पर कहा कि विभाग की ओर से उष्ट्र विकास योजना के तहत करीब 4 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. उन्होंने कहा कि पशुपालकों की ओर से विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है.

पढ़ें: राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू, सीएम गहलोत ने विभिन्न जिलों में बाल कल्याण समितियों का किया गठन

पशु पालकों की ओर से योजनान्तर्गत भुगतान की गई राशि में फर्जी नामों के भी आरोप लगाए गए हैं. लेकिन, संयुक्त निदेशक का कहना है कि फील्ड से विभाग के चिकित्सकों की ओर से सर्टिफाई करने के बाद ही आवेदन लिए गए थे, साथ ही योजना के अंतर्गत जिन्हें भी इसका लाभ मिला है, उसकी पूरी जानकारी विभाग के पास है. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों एवं राज्य सरकार के निर्देशानुसार इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी और आवेदन पत्र में किसी कमी के चलते यदि वास्तविक ऊंट पालकों को योजना का लाभ नहीं मिला तो उन्हें प्राथमिकता से भुगतान करवाने की व्यवस्था की जाएगी.

जैसलमेर. जिले के ऊंट पालकों ने जिला मुख्यालय स्थित पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक कार्यालय में कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. ऊंट पालकों ने एकत्रित होकर विभागीय अधिकारियों पर उष्ट्र विकास योजना के तहत ऊंटनी के प्रजनन के बाद मिलने वाली अनुदान राशि में भ्रष्टाचार का लगाया है. उन्होंने कई विभागीय अधिकारियों के नाम लिए और कहा कि योजना का लाभ दिलवाने की एवज में ऊंट पालकों से प्रति ऊंटनी 500 से 1000 रुपए लिए, लेकिन ऊंट पालकों को योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला.

ऊंट पालकों ने अधिकारियों पर लगाया लाखों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप...

जिस पर विभाग के संयुक्त निदेशक ने कहा कि मामले के संबंध में उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. मनोज माथुर ने इस पूरे मामले पर कहा कि विभाग की ओर से उष्ट्र विकास योजना के तहत करीब 4 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. उन्होंने कहा कि पशुपालकों की ओर से विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है.

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पशु पालकों की ओर से योजनान्तर्गत भुगतान की गई राशि में फर्जी नामों के भी आरोप लगाए गए हैं. लेकिन, संयुक्त निदेशक का कहना है कि फील्ड से विभाग के चिकित्सकों की ओर से सर्टिफाई करने के बाद ही आवेदन लिए गए थे, साथ ही योजना के अंतर्गत जिन्हें भी इसका लाभ मिला है, उसकी पूरी जानकारी विभाग के पास है. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों एवं राज्य सरकार के निर्देशानुसार इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी और आवेदन पत्र में किसी कमी के चलते यदि वास्तविक ऊंट पालकों को योजना का लाभ नहीं मिला तो उन्हें प्राथमिकता से भुगतान करवाने की व्यवस्था की जाएगी.

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