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जैसलमेरः टिड्डी से हुए खराबे को लेकर किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

टिड्डी दलों की ओर से फसलों पर लगातार किए जा रहे हमलों को लेकर किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. साथ ही मांग की है कि नष्ट हुई फसलों का सर्वे किया जाए और किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए.

किसानों का मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, Farmers' memorandum to the Chief Minister
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Published : Nov 20, 2019, 9:02 PM IST

जैसलमेर. जिले के नहरी इलाकों में सीमा पार पाकिस्तान से आए टिड्डी दल भारी मात्रा में फसलों का नुकसान कर रहे हैं. जिसको लेकर बुधवार को मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के किसानों ने पुलिस थानाधिकारी मोहनगढ़ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

टिड्डी दलों के हमले से नष्ट हुई फसलों को लेकर किसानों ने दिया मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

ज्ञापन में रखी ये मांग

बता दें कि पिछले दिनों भी पाकिस्ता से आए टिड्डी दलों ने फसलों पर हमला कर फसलों को नष्ट कर दिया था. और यह दौर वर्तमान में भी जारी है. जिससे किसान लगातार परेशान हो रहे हैं. किसानों ने ज्ञापन में मांग की है कि टिड्डी हमले को आपदा मानते हुए सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलाया जाए साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम भी दिया जाए.

पढ़ें. सीएचओ के 2500 पदों पर निरस्त हुई भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर नर्सिंग छात्रों का प्रदर्शन

किसानों ने ज्ञापन में बताया कि टिड्डी दलों के हमलों से खरीफ की पूरी फसले नष्ट होने से किसानों को काफी नूकसान हुआ है. ऐसे में पटवारियों के माध्यम से गिरदावरी रिपोर्ट करवाकर टिड्डी हमले को आपदा मानते हुए उचित मुआवजा दिलाया जाए. साथ ही किसानों का कहना है कि किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के समय बैकों की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2017-18 का प्रीमियम काटा गया था और तहसील गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार खराब भी माना गया था लेकिन उसका क्लेम अभी तक नहीं मिला है. किसानों का कहना है कि उनकी मांगे 7 दिनों में नहीं मानी जाती हैं तो वे उग्र आंदोलन करेगें जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

जैसलमेर. जिले के नहरी इलाकों में सीमा पार पाकिस्तान से आए टिड्डी दल भारी मात्रा में फसलों का नुकसान कर रहे हैं. जिसको लेकर बुधवार को मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के किसानों ने पुलिस थानाधिकारी मोहनगढ़ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

टिड्डी दलों के हमले से नष्ट हुई फसलों को लेकर किसानों ने दिया मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

ज्ञापन में रखी ये मांग

बता दें कि पिछले दिनों भी पाकिस्ता से आए टिड्डी दलों ने फसलों पर हमला कर फसलों को नष्ट कर दिया था. और यह दौर वर्तमान में भी जारी है. जिससे किसान लगातार परेशान हो रहे हैं. किसानों ने ज्ञापन में मांग की है कि टिड्डी हमले को आपदा मानते हुए सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलाया जाए साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम भी दिया जाए.

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किसानों ने ज्ञापन में बताया कि टिड्डी दलों के हमलों से खरीफ की पूरी फसले नष्ट होने से किसानों को काफी नूकसान हुआ है. ऐसे में पटवारियों के माध्यम से गिरदावरी रिपोर्ट करवाकर टिड्डी हमले को आपदा मानते हुए उचित मुआवजा दिलाया जाए. साथ ही किसानों का कहना है कि किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के समय बैकों की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2017-18 का प्रीमियम काटा गया था और तहसील गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार खराब भी माना गया था लेकिन उसका क्लेम अभी तक नहीं मिला है. किसानों का कहना है कि उनकी मांगे 7 दिनों में नहीं मानी जाती हैं तो वे उग्र आंदोलन करेगें जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

Intro:Body:टिड्डी से हुए खराबे को लेकर किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

टिड्डी हमले को आपदा मान सर्वे करवाने की रखी मांग

फसल बीमा योजना में खरीफ 2017-18 का क्लेम भी नहीं मिला अबतक

जैसलमेर के नहरी इलाकों में पिछले लंबे समय से सीमा पार पाकिस्तान से आये टिड्डी दलों ने भारी मात्रा में फसलों का नुकसान किया था और अभी भी कई इलाकों में टिड्डी दलों के हमले जारी है। ऐसे में आज मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के किसानों ने एकत्रित होकर पुलिस थानाधिकारी मोहनगढ़ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप टिड्डी हमले को आपदा मानते हुए सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलाने एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम दिलाने की मांग की।

किसानों ने ज्ञापन में बताया कि टिड्डी दलों के हमलों से खरीफ की पूरी फसले नष्ट होने से किसानों को काफी नूकसान हुआ है ऐसे में पटवारियों के माध्यम से गिरदावरी रिपोर्ट करवाकर टिड्डी हमले को आपदा मानते हुए उचित मुआवजा दिलाया जाए। साथ ही किसानों का कहना है कि किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के समय बैकों द्धारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2017-18 का प्रीमियम काटा गया था और तहसील गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार खराबा भी माना गया लेकिन उसका क्लेम अभी तक नहीं मिला है। किसानों का कहना है कि उनकी मांगे 7 दिनों में नहीं मानी जाती है तो वे उग्र आंदोलन करेगें जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
बाईट-1-साभान खान, किसान Conclusion:
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