पोकरण (जैसलमेर). क्षेत्र के गोमट गांव के पास सेना के एक वाहन की टक्कर से हुई पिता-पुत्र की मौत के बाद गर्माया माहौल 56 घंटे बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद शांत हो सका. परिजनों ने तीन दिन से जारी धरना समाप्त कर दिया. साथ ही शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया.
जानकारी के मुताबिक 10 अक्टूबर को वार्ड संख्या एक निवासी मजदूर रहमतुल्ला पुत्र नसीरखां व उसका पुत्र फिरोज मोटरसाइकिल से गोमट की तरफ जा रहे थे. इस दौरान गोमट गांव के तालाब के पास सामने से आ रहे एक सेना के वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी. हादसे के बाद पिता-पुत्र को सेना के वाहन से उतरे चार सैनिकों ने उन्हें गाड़ी में डाल दिया तथा अपने साथ ले गए. मौके पर खड़े लोगों ने हादसे व उन्हें गाड़ी में डालकर ले जाने की घटना देखी. प्रत्यक्षदर्शियों की सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण व परिजन अस्पताल पहुंच गए, लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी कोई अस्पताल नहीं पहुंचा. जिस पर उन्हें शक हुआ. लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने चार घंटे की मशक्कत कर पिता-पुत्र के शवों को चाचा से ओढ़ाणिया जाने वाले मार्ग पर झाडिय़ों में बरामद किया. लेकिन सेना का वाहन व सैनिक नहीं मिले थे.
जिला पुलिस अधीक्षक डॉ.अजय सिंह के निर्देशन पर मंगलवार को भी दिनभर सर्च ऑपरेशन जारी रहा. पुलिस उपाधीक्षक मोटाराम गोदारा व पोकरण थानाधिकारी महेन्द्रसिंह खींची के नेतृत्व में पुलिस बल ने जिलेभर में अलग-अलग पुलिस थानों के कार्मिकों की ओर से दबिशें दी गई. इस बीच शाम करीब 5 बजे लाठी थानांतर्गत केरालिया गांव के पास से घटना के पांच आरोपियों और उन्हें सहयोग देने वाले एक आरोपी को दस्तयाब कर लिया. साथ ही हादसे में प्रयुक्त सेना के वाहन को जब्त किया गया. आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है.
इससे पहले राजस्थान सरकार के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद सोमवार रात धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने धरनार्थियों से मुलाकात कर बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत करवाया गया है. मामले में शीघ्र कार्रवाई कर पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने और सहायता राशि के लिए मांग की गई है. शाले मोहम्मद ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए बताया कि पीडि़त परिवार को विधायक मद से पांच-पांच लाख रुपए तथा अपनी ओर से 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की.
कलेक्टर और एसपी पहुंचे धरना स्थल
आरोपियों को दस्तयाब करने के बाद जिला कलक्टर आशीष मोदी, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ.अजयसिंह धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने धरनार्थियों से मुलाकात कर वार्ता की तथा आरोपियों के दस्तयाब होने की जानकारी दी. धरनार्थियों ने परिजनों को 50 लाख रुपए की सहायता राशि दिलाने, आश्रित को सरकारी नौकरी दिलाने और पोस्टमार्टम के बाद अनुसंधान में हत्या की धारा जोडऩे की मांग की. जिस पर जिला कलक्टर ने पोस्टमार्टम के बाद अन्य मांगों पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया. इसके बाद धरनार्थियों ने धरना समाप्त करने की घोषणा की.
सेना ने जताई संवेदना
सेना की ओर से एक बयान सामने आया है. इसमें बताया कि कि घटना की सच्चाई का पता लगाने के लिए सेना ने राजस्थान पुलिस और स्थानीय लोगों को पूरा समर्थन दिया. दुर्घटना में शामिल कर्मियों की पहचान करते हुए पुलिस कार्रवाई के लिए सामने लाया गया. इस घटना पर सेना ने खेद जताते हुए शोक संतृप्त परिवार के प्रति संवेदना जताई है.