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जैसलमेर: ओरण क्षेत्र में एनजीटी के आदेशों की उड़ती धज्जियां, हाईटेंशन वायर बिछाने के लिए काटे जा रहे हैं पेड़ - ओरण क्षेत्र

जैसलमेर के देगराय ओरण क्षेत्र में एनजीटी के आदेशों के बाद भी लगातार हाईटेंशन वायरों को बिछाने का काम जारी है. ओरण के संरक्षण के लिए देगराय मंदिर ट्रस्ट ने एजीटी की भोपाल बैंच में याचिका दायर की थी. जिसके बाद एनजीटी ने इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के कार्य पर रोक लगा दी थी.

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ओरण क्षेत्र में एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन
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Published : Nov 6, 2020, 7:35 PM IST

जैसलमेर. जिले के देगराय ओरण क्षेत्र में राष्ट्रीय हरित न्यायालय (NGT) के आदेशों के बाद भी हाईटेंशन वायरों को बिछाने का काम चल रहा है. लगातार ओरण क्षेत्र में हाईटेंशन वायरों के लिए खंभे खड़े किए जा रहे हैं, पेड़ों को काटा जा रहा है. जबकि भोपाल एनजीटी ने ओरण क्षेत्र में हाईटेंशन वायरों को बिछाने के काम पर रोक लगाने का आदेश दिया था.

ओरण क्षेत्र में एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन

पढ़ें: राजस्थान में बाजरे के बंपर उत्पादन पर सियासत हावी, भाजपा ने गहलोत सरकार पर लगाया आरोप

पिछले लंबे समय से ओरण क्षेत्र को बचाने के लिए ग्रामीण और पर्यावरण प्रेमी आवाज उठा रहे हैं. कई बार जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के सामने भी गुहार लगाई गई लेकिन ओरण क्षेत्र में हाईटेंशन वायरों को बिछाने का काम लगातार जारी है. ओरण के संरक्षण के लिए देगराय मंदिर ट्रस्ट ने एजीटी की भोपाल बैंच में याचिका दायर की थी. जिसके बाद एनजीटी ने इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के कार्य पर रोक लगा दी थी.

एनजीटी के आदेशों के बाद भी यहां लगातार काम जारी है. पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह भाटी का कहना है कि ओरण क्षेत्र में किसी प्रकार के कार्य नहीं करने के एनजीटी के आदेशों के बाद भी निजी कंपनी यहां मनमानी कर रही है. ओरण क्षेत्र में पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. गौरतलब है कि देगराय ओरण क्षेत्र गोडावण का विचरण क्षेत्र होने के साथ ही यहां कई प्रकार के दुर्लभ वन्यजीव निवास करते हैं. ऐसे में इस तरीके से यहां पेड़-पौधों की कटाई होती रही तो यह ओरण नष्ट हो जाएगा.

जैसलमेर. जिले के देगराय ओरण क्षेत्र में राष्ट्रीय हरित न्यायालय (NGT) के आदेशों के बाद भी हाईटेंशन वायरों को बिछाने का काम चल रहा है. लगातार ओरण क्षेत्र में हाईटेंशन वायरों के लिए खंभे खड़े किए जा रहे हैं, पेड़ों को काटा जा रहा है. जबकि भोपाल एनजीटी ने ओरण क्षेत्र में हाईटेंशन वायरों को बिछाने के काम पर रोक लगाने का आदेश दिया था.

ओरण क्षेत्र में एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन

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पिछले लंबे समय से ओरण क्षेत्र को बचाने के लिए ग्रामीण और पर्यावरण प्रेमी आवाज उठा रहे हैं. कई बार जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के सामने भी गुहार लगाई गई लेकिन ओरण क्षेत्र में हाईटेंशन वायरों को बिछाने का काम लगातार जारी है. ओरण के संरक्षण के लिए देगराय मंदिर ट्रस्ट ने एजीटी की भोपाल बैंच में याचिका दायर की थी. जिसके बाद एनजीटी ने इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के कार्य पर रोक लगा दी थी.

एनजीटी के आदेशों के बाद भी यहां लगातार काम जारी है. पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह भाटी का कहना है कि ओरण क्षेत्र में किसी प्रकार के कार्य नहीं करने के एनजीटी के आदेशों के बाद भी निजी कंपनी यहां मनमानी कर रही है. ओरण क्षेत्र में पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. गौरतलब है कि देगराय ओरण क्षेत्र गोडावण का विचरण क्षेत्र होने के साथ ही यहां कई प्रकार के दुर्लभ वन्यजीव निवास करते हैं. ऐसे में इस तरीके से यहां पेड़-पौधों की कटाई होती रही तो यह ओरण नष्ट हो जाएगा.

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