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जैसलमेर : चार चिंकारा के क्षत-विक्षत शव मिलने से फैली सनसनी... - राजस्थान की खबर

सरकार के तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश में जंगली जानवरों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. जैसलमेर जिले से ऐसी ही एक खबर सामने आई है, जहां लाठी क्षेत्र के खेतोलाई गांव के पास आज यानी 13 जनवरी को चार चिंकारा के शव क्षत-विक्षत हालत में मिले.

lathi area of jaisalmer
जैसलमेर के भादरियां गांव की खबर
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Published : Jan 13, 2021, 5:25 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 6:18 PM IST

जैसलमेर. लाठी क्षेत्र में उस वक्त सनसनी फैल गई जब बुधवार को खेतोलाई गांव के पास चार चिंकारा के शव क्षत-विक्षत हालत में मिले. जिनमें दो नर और दो मादा चिंकारा बताए जा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह खेतोलाई गांव के पास स्थित जंगल में अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई सभा के तहसील संयोजक राधेश्याम विश्नोई सहित कुछ वन्यजीव प्रेमी वन्यजीवों को देखने के लिए निकले हुए थे. इस दौरान उन्हें खेतोलाई गांव के पास क्षत-विक्षत हालात में चार चिंकारा हिरणों के कंकाल बिखरे पड़े मिले. उन्होंने इसकी सूचना लाठी स्थित वन विभाग के कार्मिकों को दी. इस पर लाठी वन विभाग से वनपाल कानसिंह मेड़तिया, सवाई सिंह भाटी, वनरक्षक हमीर सिंह, पुरखाराम, भवंरुराम सहित कार्मिक मौके पर पहुंचे तथा कंकालों को एकत्र कर लाठी वन विभाग लाया गया. लेकिन लाठी में पशु-चिकित्सक का पद रिक्त होने के कारण मृत चिंकारा के कंकालों को पोस्टमार्टम के लिए पोकरण पशु-चिकित्सालय ले जाए गए. जहां पर मृत चिकारों के शव का पोस्टमार्टम किया गया. हालांकि, चिकारों की मौत का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा.

पढ़ें : यहां 3 दिनों से लगातार हो रही कौओं की मौत...प्रशासन बेपरवाह

गौरतलब है कि लाठी, भादरिया, धोलिया, खेतोलाई, ओढाणिया, चांधन, सोढाकोर सहित आसपास का क्षेत्र वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र हैं. लाठी, भादरिया के पास वन विभाग का बहुत बड़ा आरक्षित क्षेत्र होने के कारण यहां विभिन्न प्रजाति के पशु-पक्षी जंगल में स्वच्छंद विचरण करते हैं. ऐसे में यहां आए दिन चिंकारा हिरण और लोमड़ी जैसे जंगली जानवर तथा गोडावण, बाज, गिद्ध जैसे विभिन्न प्रजातियों के पशु-पक्षियों के शव मिलते रहते हैं.

वन्यजीव प्रेमियों में भारी रोष...

प्राप्त जानकारी के अनुसार चिंकारा की मौत का कारण फिलहाल साफ नहीं हो पाया है, लेकिन जंगली जानवरों या श्वानों द्वारा हमले के कारण मौत की आशंका जताई जा रही है. बता दें कि इससे पूर्व भी जिले में कई बार जंगली जानवरों द्वारा चिंकारा सहित अन्य वन्य जीवों के शिकार के मामले सामने आए हैं. वहीं, शिकार के मामले भी सामने आए हैं. ऐसे में वन्यजीव प्रेमियों में भारी रोष है.

जैसलमेर. लाठी क्षेत्र में उस वक्त सनसनी फैल गई जब बुधवार को खेतोलाई गांव के पास चार चिंकारा के शव क्षत-विक्षत हालत में मिले. जिनमें दो नर और दो मादा चिंकारा बताए जा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह खेतोलाई गांव के पास स्थित जंगल में अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई सभा के तहसील संयोजक राधेश्याम विश्नोई सहित कुछ वन्यजीव प्रेमी वन्यजीवों को देखने के लिए निकले हुए थे. इस दौरान उन्हें खेतोलाई गांव के पास क्षत-विक्षत हालात में चार चिंकारा हिरणों के कंकाल बिखरे पड़े मिले. उन्होंने इसकी सूचना लाठी स्थित वन विभाग के कार्मिकों को दी. इस पर लाठी वन विभाग से वनपाल कानसिंह मेड़तिया, सवाई सिंह भाटी, वनरक्षक हमीर सिंह, पुरखाराम, भवंरुराम सहित कार्मिक मौके पर पहुंचे तथा कंकालों को एकत्र कर लाठी वन विभाग लाया गया. लेकिन लाठी में पशु-चिकित्सक का पद रिक्त होने के कारण मृत चिंकारा के कंकालों को पोस्टमार्टम के लिए पोकरण पशु-चिकित्सालय ले जाए गए. जहां पर मृत चिकारों के शव का पोस्टमार्टम किया गया. हालांकि, चिकारों की मौत का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा.

पढ़ें : यहां 3 दिनों से लगातार हो रही कौओं की मौत...प्रशासन बेपरवाह

गौरतलब है कि लाठी, भादरिया, धोलिया, खेतोलाई, ओढाणिया, चांधन, सोढाकोर सहित आसपास का क्षेत्र वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र हैं. लाठी, भादरिया के पास वन विभाग का बहुत बड़ा आरक्षित क्षेत्र होने के कारण यहां विभिन्न प्रजाति के पशु-पक्षी जंगल में स्वच्छंद विचरण करते हैं. ऐसे में यहां आए दिन चिंकारा हिरण और लोमड़ी जैसे जंगली जानवर तथा गोडावण, बाज, गिद्ध जैसे विभिन्न प्रजातियों के पशु-पक्षियों के शव मिलते रहते हैं.

वन्यजीव प्रेमियों में भारी रोष...

प्राप्त जानकारी के अनुसार चिंकारा की मौत का कारण फिलहाल साफ नहीं हो पाया है, लेकिन जंगली जानवरों या श्वानों द्वारा हमले के कारण मौत की आशंका जताई जा रही है. बता दें कि इससे पूर्व भी जिले में कई बार जंगली जानवरों द्वारा चिंकारा सहित अन्य वन्य जीवों के शिकार के मामले सामने आए हैं. वहीं, शिकार के मामले भी सामने आए हैं. ऐसे में वन्यजीव प्रेमियों में भारी रोष है.

Last Updated : Jan 13, 2021, 6:18 PM IST
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