जैसलमेर. जिले के नाचना में स्थित कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में रह रही बच्चियों को भरपेट भोजन नहीं मिल पाने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक छात्राओं की इस शिकायत पर प्रशासन की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसे लेकर प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं की है. छात्राओं का आरोप था कि यहां कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में छात्राओं को खाने में सिर्फ दो रोटी सुबह व दो रोटी शाम को मिलती है और विद्यालय में दूध तो दिया ही नहीं जाता है. कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में कुल नामांकन 109 है.
वहीं कई छात्राओं का कहना रहा कि उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिलता और मात्र दो चपाती सुबह व कुछ चावल और शाम को भी दो चपाती और चावल ही मिलते हैं. जानकारी के मुताबिक लगातार मिल रही शिकायतों पर कोई अधिकारी जांच के लिए जैसलमेर से रवाना होता है तो उससे पहले ही यहां स्टाफ को फोन से सूचना मिल जाती है कि आज जांच आ रही है. जिसके चलते वास्तविक एवं सही जांच नहीं हो पाती है.
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छात्राओं ने बताया कि महीने में एक-दो बार ही फल वितरण होता है. वहीं उन्हें दूध तो आज तक दिया ही नहीं गया है. केवल चाय ही मिलती है. छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोप कहीं न कहीं विभाग एवं प्रबंधन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करते हैं.
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वहीं इस संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र व्यास का कहना है कि पूर्व में उन्होंने वहां का दौरा किया था, लेकिन ऐसी कोई बात उनके सामने नहीं आई थी. फिर भी अगर इस संबंध में कोई शिकायत है तो इस संबंध में एक कमेटी गठित कर दी गई है. जो अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी.
ऐसे में सरकार की ओर से पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अब इन कस्तूरबा आवासीय स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें एवं सीसीटीवी कैमरों को लगवाना चाहिए. जिससे बच्चों को अच्छी और नियमित शिक्षा के साथ सभी मूलभूत सुविधाएं मिल सके और शांत वातावरण में वो शिक्षा अर्जित कर अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें.