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कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं को भरपेट नहीं मिलता भोजन ! - Kasturba School nachana

जैसलमेर जिले में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं की ओर से उन्हें विद्यालय में भरपेट भोजन नहीं दिए जाने का आरोप लगाए जाने का मामला सामने आया है. हालांकि इस मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से एक कमेटी गठित कर दी गई है. जो अपनी विस्तृत रिपोर्ट विभाग को देंगे. उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई करने का दावा किया जा रहा है.

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Published : Sep 21, 2019, 9:11 PM IST

जैसलमेर. जिले के नाचना में स्थित कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में रह रही बच्चियों को भरपेट भोजन नहीं मिल पाने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक छात्राओं की इस शिकायत पर प्रशासन की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसे लेकर प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं की है. छात्राओं का आरोप था कि यहां कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में छात्राओं को खाने में सिर्फ दो रोटी सुबह व दो रोटी शाम को मिलती है और विद्यालय में दूध तो दिया ही नहीं जाता है. कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में कुल नामांकन 109 है.

जैसलमेर जिले में नाचना का कस्तूरबा विद्यालय

वहीं कई छात्राओं का कहना रहा कि उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिलता और मात्र दो चपाती सुबह व कुछ चावल और शाम को भी दो चपाती और चावल ही मिलते हैं. जानकारी के मुताबिक लगातार मिल रही शिकायतों पर कोई अधिकारी जांच के लिए जैसलमेर से रवाना होता है तो उससे पहले ही यहां स्टाफ को फोन से सूचना मिल जाती है कि आज जांच आ रही है. जिसके चलते वास्तविक एवं सही जांच नहीं हो पाती है.

यह भी पढ़ें : राजस्थान में उपचुनाव की घोषणा, खींवसर 15 साल तो मंडावा 10 साल से कांग्रेस की पहुंच से दूर

छात्राओं ने बताया कि महीने में एक-दो बार ही फल वितरण होता है. वहीं उन्हें दूध तो आज तक दिया ही नहीं गया है. केवल चाय ही मिलती है. छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोप कहीं न कहीं विभाग एवं प्रबंधन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करते हैं.

यह भी पढ़ें : सिरोही में राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता शुरू, प्रदेशभर से पहुंची 28 टीमें

वहीं इस संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र व्यास का कहना है कि पूर्व में उन्होंने वहां का दौरा किया था, लेकिन ऐसी कोई बात उनके सामने नहीं आई थी. फिर भी अगर इस संबंध में कोई शिकायत है तो इस संबंध में एक कमेटी गठित कर दी गई है. जो अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी.

ऐसे में सरकार की ओर से पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अब इन कस्तूरबा आवासीय स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें एवं सीसीटीवी कैमरों को लगवाना चाहिए. जिससे बच्चों को अच्छी और नियमित शिक्षा के साथ सभी मूलभूत सुविधाएं मिल सके और शांत वातावरण में वो शिक्षा अर्जित कर अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें.

जैसलमेर. जिले के नाचना में स्थित कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में रह रही बच्चियों को भरपेट भोजन नहीं मिल पाने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक छात्राओं की इस शिकायत पर प्रशासन की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसे लेकर प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं की है. छात्राओं का आरोप था कि यहां कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में छात्राओं को खाने में सिर्फ दो रोटी सुबह व दो रोटी शाम को मिलती है और विद्यालय में दूध तो दिया ही नहीं जाता है. कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में कुल नामांकन 109 है.

जैसलमेर जिले में नाचना का कस्तूरबा विद्यालय

वहीं कई छात्राओं का कहना रहा कि उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिलता और मात्र दो चपाती सुबह व कुछ चावल और शाम को भी दो चपाती और चावल ही मिलते हैं. जानकारी के मुताबिक लगातार मिल रही शिकायतों पर कोई अधिकारी जांच के लिए जैसलमेर से रवाना होता है तो उससे पहले ही यहां स्टाफ को फोन से सूचना मिल जाती है कि आज जांच आ रही है. जिसके चलते वास्तविक एवं सही जांच नहीं हो पाती है.

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छात्राओं ने बताया कि महीने में एक-दो बार ही फल वितरण होता है. वहीं उन्हें दूध तो आज तक दिया ही नहीं गया है. केवल चाय ही मिलती है. छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोप कहीं न कहीं विभाग एवं प्रबंधन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करते हैं.

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वहीं इस संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र व्यास का कहना है कि पूर्व में उन्होंने वहां का दौरा किया था, लेकिन ऐसी कोई बात उनके सामने नहीं आई थी. फिर भी अगर इस संबंध में कोई शिकायत है तो इस संबंध में एक कमेटी गठित कर दी गई है. जो अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी.

ऐसे में सरकार की ओर से पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अब इन कस्तूरबा आवासीय स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें एवं सीसीटीवी कैमरों को लगवाना चाहिए. जिससे बच्चों को अच्छी और नियमित शिक्षा के साथ सभी मूलभूत सुविधाएं मिल सके और शांत वातावरण में वो शिक्षा अर्जित कर अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें.

Intro:Body:Note : खबर में वीओ नहीं किया गया है।

कस्तूरबा विद्यालय में बच्चों को नहीं मिलता भरपेट भोजन
क्यों भूखी रही 109 छात्रा
मात्र दो चपाती और कुछ चावल पर होना होना पड़ता है संतुष्ट

छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय देश भर में खोले गये है। यहां शिक्षा से लेकर भोजन तक की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाती है,बावजूद इसके जैसलमेर जिले के नाचना स्थित कस्तूरबा विद्यालय में कई अव्यवस्थाओं की खबरें आती रहती हैं। सरकारी आवासीय विद्यालय में यदि बच्चों को भरपेट भोजन भी न मिले, तो यह चिंता की बात है।

जैसलमेर के नाचना में स्थित कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय से खबर आयी है कि यहां की 109 बच्चियों को भूखे-प्यासे रहना पड़ा। छात्राओं की शिकायत पर प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसको लेकर प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नही की है। छात्राओं का कहना हैं कि कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में 109 छात्राओं को को खाने मे मात्र दो रोटी सुबह व दो रोटी शाम को मिलती है।और विद्यालय में दुघ तो दिया ही नही जाता है। कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में नामांकन 109 है वही आज 75 बालिकाएं उपस्थित मिली और 36 बालिकाएं अनुपस्थित मिली जिनका आउटडोर रजिस्टर में विवरण इंद्राज तक नहीं था ।

छात्राओं ने बताया कि उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिलता, और मात्र दो चपाती सुबह वह कुछ चावल और शाम को भी दो चपाती और चावल ही मिलते हैं । वही इस दौरान कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की वार्डन व चौकीदार दोनों विद्यालय से नदारद मिले और अध्यापिका ने बताया कि आज वो किसी काम से बाहर हैं।
लगातार मिल रही शिकायतों पर कोई अधिकारी जांच के लिए जैसलमेर से रवाना होता है तो विभाग के कर्मचारियों द्वारा उन्हें फोन पर सूचित किया जाता है कि आज जांच आ रही है जिसके चलते वास्तविक एवं सही जांच नही हो पाती है।

छात्राओं ने बताया की महीने में एक-दो बार ही फल वितरण होता है वहीं दूध तो आज तक दिया ही नहीं गया है केवल चाय ही मिलती है।
ऐसे में छात्राओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप कहीं न कही विभाग एवं संचालकों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है।

ऐसे में सरकार की ओर से पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अब इन कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में बायोमेट्रिक मशीनों एवं सीसीटीवी कैमरों को लगवाना चाहिए जिससे बच्चों को अच्छी और नियमित शिक्षा के साथ सभी मूलभूत सुविधाएं मिल सके और शांत वातावरण में वो शिक्षा अर्जित कर अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें।Conclusion:
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