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इंदिरा गांधी नहर की फिलहाल नहीं होगी मरम्मत, किसानों को 30 जुलाई तक मिलेगा पानी - Indira Gandhi Canal Repair

जैसलमेर में अब किसानों को आगामी 30 जुलाई तक खरीफ की फसलों सिंचाई के लिए और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा. कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि नहरबंदी के बाद अब किसानों को सिंचाई के लिए पानी नियमित रूप से मिलेगा. अब सिंचाई के लिए इंदिरा गांधी मुख्य नहर से जुड़ी नहरों के चार में दो समूह में पानी चलाया जाएगा.

Farmers get Indira Gandhi Canal water, किसानों को मिलेगा इंदिरा गांधी नहर का पानी
किसानों को मिलेगा इंदिरा गांधी नहर का पानी
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Published : May 31, 2020, 6:43 PM IST

जैसलमेर. नहरी क्षेत्र के किसानों के लिए अच्छी खबर है कि अब उन्हें आगामी दो महीने तक खरीफ की फसलों के लिए पानी दिया जाएगा. हालांकि पहले सरकार द्वारा रेगुलेशन के तहत 26 अप्रैल से 30 मई तक पानी दिया जाना था, इसके बाद मरम्मत के लिए नहरबंदी की जानी थी, लेकिन रेगुलेशन में संशोधन करते हुए सरकार ने 30 मई से आगामी 30 जुलाई तक किसानों को खरीफ की फसल और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा.

किसानों को मिलेगा इंदिरा गांधी नहर का पानी

नहरों के 4 समूह में से इन अवधि में दो समूह चलाएं जाएंगे, जिसमें जैसलमेर और पोकरण भी शामिल है, इसके साथ ही बाड़मेर लिफ्ट परियोजना के लिए भी पानी छोड़ा जाएगा. जिला कलेक्टर नमित मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि नहरबंदी के बाद अब किसानों को सिंचाई के लिए पानी नियमित रूप से मिलेगा. अब सिंचाई के लिए इंदिरा गांधी मुख्य नहर से जुड़ी नहरों के चार में दो समूह में पानी चलाया जाएगा.

पढ़ेंः कोरोना से लड़ाई में काढ़ा बना मददगार, Corona संक्रमित मरीज 5 से 6 दिन में हो रहे Negative

जिससे खरीफ फसल की बुआई की जा सके. जिला कलेक्टर मेहता ने कहा कि इन दिनों जैसलमेर में बुआई अधिक नहीं की हुई है और नहर में पानी प्रयाप्त मात्रा में आ रहा है, ऐसे में जहां से डिमांड आ रही है, उस क्षेत्र में पानी दिया जा रहा है. वहीं इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग ने काश्तकारों से अपील की है कि सिंचाई पानी की मात्रा को ध्यान में रखते हुए कम पानी के उपयोग वाली फसलों की सिंचाई करे.

नहरों में दो समूह में चलने वाला पानी एक समूह में साढ़े आठ दिन तक चलता है, इसके बाद दूसरा समूह शुरू होता है. इसी क्रम से नहरी पानी का शिड्यूल 34 दिनों तक निर्धारित होता है. उधर सिंचित पानी का बेसब्री से इंतजार कर रहे किसानों ने भी खरीफ की बुआई की तैयारियां शुरू कर दी है. भाखडा व्यास मैनेजमेंट कमेटी की तकनीकी सलाहकार समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राजस्थान में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है.

पढ़ेंः सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठाने वालों पर होगी कार्रवाईः खाद्य मंत्री मीणा

इसके तहत खरीफ की भरपूर बिंजाई की जा सकेगी. पंजाब के साथ अब राजस्थान सीमा में भी नहर की मरम्मत नहीं होगी, क्योंकि 4 समूह में पानी देने के लिए नहर में हरिके बैराज से 11 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है. इतने पानी में नहर का जलस्तर ज्यादा रहेगा. जिससे किसी भी प्रकार की मरम्मत संभव नहीं है.

जैसलमेर. नहरी क्षेत्र के किसानों के लिए अच्छी खबर है कि अब उन्हें आगामी दो महीने तक खरीफ की फसलों के लिए पानी दिया जाएगा. हालांकि पहले सरकार द्वारा रेगुलेशन के तहत 26 अप्रैल से 30 मई तक पानी दिया जाना था, इसके बाद मरम्मत के लिए नहरबंदी की जानी थी, लेकिन रेगुलेशन में संशोधन करते हुए सरकार ने 30 मई से आगामी 30 जुलाई तक किसानों को खरीफ की फसल और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा.

किसानों को मिलेगा इंदिरा गांधी नहर का पानी

नहरों के 4 समूह में से इन अवधि में दो समूह चलाएं जाएंगे, जिसमें जैसलमेर और पोकरण भी शामिल है, इसके साथ ही बाड़मेर लिफ्ट परियोजना के लिए भी पानी छोड़ा जाएगा. जिला कलेक्टर नमित मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि नहरबंदी के बाद अब किसानों को सिंचाई के लिए पानी नियमित रूप से मिलेगा. अब सिंचाई के लिए इंदिरा गांधी मुख्य नहर से जुड़ी नहरों के चार में दो समूह में पानी चलाया जाएगा.

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जिससे खरीफ फसल की बुआई की जा सके. जिला कलेक्टर मेहता ने कहा कि इन दिनों जैसलमेर में बुआई अधिक नहीं की हुई है और नहर में पानी प्रयाप्त मात्रा में आ रहा है, ऐसे में जहां से डिमांड आ रही है, उस क्षेत्र में पानी दिया जा रहा है. वहीं इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग ने काश्तकारों से अपील की है कि सिंचाई पानी की मात्रा को ध्यान में रखते हुए कम पानी के उपयोग वाली फसलों की सिंचाई करे.

नहरों में दो समूह में चलने वाला पानी एक समूह में साढ़े आठ दिन तक चलता है, इसके बाद दूसरा समूह शुरू होता है. इसी क्रम से नहरी पानी का शिड्यूल 34 दिनों तक निर्धारित होता है. उधर सिंचित पानी का बेसब्री से इंतजार कर रहे किसानों ने भी खरीफ की बुआई की तैयारियां शुरू कर दी है. भाखडा व्यास मैनेजमेंट कमेटी की तकनीकी सलाहकार समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राजस्थान में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है.

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इसके तहत खरीफ की भरपूर बिंजाई की जा सकेगी. पंजाब के साथ अब राजस्थान सीमा में भी नहर की मरम्मत नहीं होगी, क्योंकि 4 समूह में पानी देने के लिए नहर में हरिके बैराज से 11 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है. इतने पानी में नहर का जलस्तर ज्यादा रहेगा. जिससे किसी भी प्रकार की मरम्मत संभव नहीं है.

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