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कोरोना मुक्त होने के पथ पर जैसलमेर, बीते 10 दिनों में संक्रमण का एक भी केस नहीं आया सामने

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Published : May 7, 2020, 12:39 PM IST

जैसलमेर में 10 दिनों में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नजर अन्य राज्यों से आने वाले जैसलमेर मूल के प्रवासियों पर है. इसके लिए जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रवासियों को होम क्वॉरेंटाइन कर के रोजाना मॉनिटरिंग की जाए.

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प्रशासन की नजर प्रवासियों पर

जैसलमेर. जिले में कोरोना संक्रमण अब लगभग थम गया है और पिछले 10 दिनों में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नजर अन्य राज्यों से आने वाले जैसलमेर मूल के प्रवासियों पर है. यदि प्रवासियों में कोई संक्रमित मामला सामने नहीं आता है, तो जैसलमेर को जल्द ही कोरोना मुक्त किया जा सकेगा. इसके लिए जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्रवासियों को होम क्वॉरेंटाइन कर उनकी रोजाना मॉनिटरिंग की जाए.

जैसलमेर जल्द होगा कोरोना मुक्त

चैक पोस्ट पर पूर्ण विवरण का अंकन हो, सभी को क्वॉरेंटाइन किया जाए-

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिले की सीमा पर स्थापित चेक पोस्ट पर आने वाले सभी प्रवासियों से संबंधित जानकारी जिसमें नाम, पता, मोबाइल नम्बर आदि लेकर चेक पोस्ट पर से गन्तव्य स्थान के लिए रवाना करने से पूर्व प्रवासियों की आईएलआई के लक्षणों की स्क्रीनिंग की जायेगी और जिले में उनके गन्तव्य स्थल पर पहुंचने के बाद इन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाए.

पढ़ेंः कृषक कल्याण फीस के विरोध में मंडियां और मिलें 5 दिन के लिए बंद...

आदेश में कहा गया है कि श्रमिक/प्रवासी जो प्रशासन को सूचना दिए बगैर घर पहुंच जाते हैं, उनके बारे में पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी जिला स्तरीय/उपखण्ड स्तरीय नियंत्रण कक्ष पर सूचना दे, ताकि ऐसे व्यक्ति को 14 दिनों तक विधिवत क्वॉरेंटाइन किया जा सके. बॉर्डर चेक पोस्ट पर संबंधित उपखण्ड अधिकारी/विकास अधिकारी, पंचायत समिति द्वारा छाया, पेयजल, चिकित्सक जांच की सुचारू व्यवस्था की जाएगी.

बंध पत्र भरवाया जाएगा-

आदेश के अनुसार प्रवासियों को होम क्वॉरेंटाइन करने से पूर्व उनसे एक बंध पत्र भरवाया जाएगा, जिसमें वे यह शपथ लेंगे कि क्वॉरेंटाइन अवधि के दौरान वे अपने घर पर निर्धारित कमरे के अन्दर ही रहेंगें. किसी भी तरह का मूवमेंट नहीं करेंगे.

रोजाना पर्यवेक्षण होगा, जियो टैगिंग होगी-

जिला कलेक्टर के आदेशानुसार सभी उपखण्ड अधिकारी, होम क्वॉरेंटाइन को सही ढंग से क्रियान्वित करने के लिए क्षेत्रवार फील्ड स्टाफ की नियुक्ति करें. इसके लिए उसी क्षेत्र के सरकारी कार्मिकों का उपयोग प्राथमिकता से किया जाएगा. इसके साथ ही पंचायत स्तर पर पीईईओ की अध्यक्षता में जो समिति गठित की गई है वो अपने पंचायत क्षेत्र में प्रतिदिन होम क्वॉरेंटाइन प्रवासियों का पर्यवेक्षण करेगी.

पढ़ेंः बड़ा फैसला : अनाधिकृत लोगों की आवाजाही रोकने के लिए राज्य की सीमाएं सील

इसके साथ ही पीईईओ समिति द्वारा सभी प्रवासियों का जियो टैगिंग भी किया जायेगा. सभी के द्वारा प्रतिदिन निरीक्षण की सूचना निर्धारित प्रपत्र में संबंधित उपखण्ड अधिकारी को प्रेषित की जायेगी.

अंतराल में चिकित्सकीय जांच, विचरण पर नजर रहेगी-

आदेश के अनुसार होम क्वॉरेंटाइन प्रवासियों की नियमित अंतराल में चिकित्सकीय जांच और पर्यवेक्षण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर दलों का गठन करेंगे.

संयुक्त निदेशक, डीओआईटी, जैसलमेर मोबाइल नंबर से मोबाइल एप के जरिए क्वॉरेंटाइन व्यक्तियों के विचरण का परीक्षण कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर को आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे.

घर के बाहर सूचना चस्पा की जाएगी-

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बाहर से आने वाले प्रवासियों के बारे में कोविड-19 के अन्तर्गत एक प्रपत्र में सूचना भरकर उनके घर के बाहर चस्पा की जाएगी. जिसमें यह अंकित किया जाएगा कि उक्त व्यक्ति 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन है. चस्पा किया गया फोटो भी लिया जाएगा एवं कोविड-19 के ग्रुप में इसे शेयर किया जाएगा.

चौतरफा चौकसी, रेण्डम सेम्पल लिए जाने के निर्देश-

जिस जगह पर प्रवासी राजस्थानी का घर होगा, उसके पड़ोसियों को भी इस बात की सूचना दी जाएगी कि उक्त व्यक्ति राजस्थान के बाहर से आया है और होम क्वॉरेंटाइन है. यदि प्रवासी द्वारा किसी भी तरह की होम क्वॉरेंटाइन की शर्तों का उल्लंघन किया जाता है तो प्रशासन को सूचित किया जाए.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आदेशित किया गया है कि समुचित संख्या में 15 से 20 प्रतिशत प्रवासियों के रैंडम सैंपल लिए जाएंगे और जिन प्रवासियों में आईएलआई के लक्षण पाए जाते हैं, उनके प्राथमिकता से सैंपल लिए जाएं.

पढ़ेंः जयपुर: दो शराबियों ने नशे में धुत होकर मचाया उत्पात, पुलिस ने किया गिरफ्तार

साथ ही यदि प्रवासी हॉट स्पॉट या कंटेनमेंट जोन से आ रहा है तो उनके सैंपल भी प्राथमिकता से लिए जाएं और प्रवासी राजस्थानियों में जो वृद्ध, गर्भवती महिला, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हो, उनका भी प्राथमिकता के आधार पर सैंपल लिया जाए.

जैसलमेर के पोकरण कस्बे में आए प्रवासी श्रमिकों में से 53 के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे. इनमें से 39 की रिपोर्ट आई है और सभी नेगेटिव पाए गए हैं. वहीं जैसलमेर से भी 125 प्रवासियों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं.

जैसलमेर. जिले में कोरोना संक्रमण अब लगभग थम गया है और पिछले 10 दिनों में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नजर अन्य राज्यों से आने वाले जैसलमेर मूल के प्रवासियों पर है. यदि प्रवासियों में कोई संक्रमित मामला सामने नहीं आता है, तो जैसलमेर को जल्द ही कोरोना मुक्त किया जा सकेगा. इसके लिए जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्रवासियों को होम क्वॉरेंटाइन कर उनकी रोजाना मॉनिटरिंग की जाए.

जैसलमेर जल्द होगा कोरोना मुक्त

चैक पोस्ट पर पूर्ण विवरण का अंकन हो, सभी को क्वॉरेंटाइन किया जाए-

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिले की सीमा पर स्थापित चेक पोस्ट पर आने वाले सभी प्रवासियों से संबंधित जानकारी जिसमें नाम, पता, मोबाइल नम्बर आदि लेकर चेक पोस्ट पर से गन्तव्य स्थान के लिए रवाना करने से पूर्व प्रवासियों की आईएलआई के लक्षणों की स्क्रीनिंग की जायेगी और जिले में उनके गन्तव्य स्थल पर पहुंचने के बाद इन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाए.

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आदेश में कहा गया है कि श्रमिक/प्रवासी जो प्रशासन को सूचना दिए बगैर घर पहुंच जाते हैं, उनके बारे में पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी जिला स्तरीय/उपखण्ड स्तरीय नियंत्रण कक्ष पर सूचना दे, ताकि ऐसे व्यक्ति को 14 दिनों तक विधिवत क्वॉरेंटाइन किया जा सके. बॉर्डर चेक पोस्ट पर संबंधित उपखण्ड अधिकारी/विकास अधिकारी, पंचायत समिति द्वारा छाया, पेयजल, चिकित्सक जांच की सुचारू व्यवस्था की जाएगी.

बंध पत्र भरवाया जाएगा-

आदेश के अनुसार प्रवासियों को होम क्वॉरेंटाइन करने से पूर्व उनसे एक बंध पत्र भरवाया जाएगा, जिसमें वे यह शपथ लेंगे कि क्वॉरेंटाइन अवधि के दौरान वे अपने घर पर निर्धारित कमरे के अन्दर ही रहेंगें. किसी भी तरह का मूवमेंट नहीं करेंगे.

रोजाना पर्यवेक्षण होगा, जियो टैगिंग होगी-

जिला कलेक्टर के आदेशानुसार सभी उपखण्ड अधिकारी, होम क्वॉरेंटाइन को सही ढंग से क्रियान्वित करने के लिए क्षेत्रवार फील्ड स्टाफ की नियुक्ति करें. इसके लिए उसी क्षेत्र के सरकारी कार्मिकों का उपयोग प्राथमिकता से किया जाएगा. इसके साथ ही पंचायत स्तर पर पीईईओ की अध्यक्षता में जो समिति गठित की गई है वो अपने पंचायत क्षेत्र में प्रतिदिन होम क्वॉरेंटाइन प्रवासियों का पर्यवेक्षण करेगी.

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इसके साथ ही पीईईओ समिति द्वारा सभी प्रवासियों का जियो टैगिंग भी किया जायेगा. सभी के द्वारा प्रतिदिन निरीक्षण की सूचना निर्धारित प्रपत्र में संबंधित उपखण्ड अधिकारी को प्रेषित की जायेगी.

अंतराल में चिकित्सकीय जांच, विचरण पर नजर रहेगी-

आदेश के अनुसार होम क्वॉरेंटाइन प्रवासियों की नियमित अंतराल में चिकित्सकीय जांच और पर्यवेक्षण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर दलों का गठन करेंगे.

संयुक्त निदेशक, डीओआईटी, जैसलमेर मोबाइल नंबर से मोबाइल एप के जरिए क्वॉरेंटाइन व्यक्तियों के विचरण का परीक्षण कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर को आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे.

घर के बाहर सूचना चस्पा की जाएगी-

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बाहर से आने वाले प्रवासियों के बारे में कोविड-19 के अन्तर्गत एक प्रपत्र में सूचना भरकर उनके घर के बाहर चस्पा की जाएगी. जिसमें यह अंकित किया जाएगा कि उक्त व्यक्ति 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन है. चस्पा किया गया फोटो भी लिया जाएगा एवं कोविड-19 के ग्रुप में इसे शेयर किया जाएगा.

चौतरफा चौकसी, रेण्डम सेम्पल लिए जाने के निर्देश-

जिस जगह पर प्रवासी राजस्थानी का घर होगा, उसके पड़ोसियों को भी इस बात की सूचना दी जाएगी कि उक्त व्यक्ति राजस्थान के बाहर से आया है और होम क्वॉरेंटाइन है. यदि प्रवासी द्वारा किसी भी तरह की होम क्वॉरेंटाइन की शर्तों का उल्लंघन किया जाता है तो प्रशासन को सूचित किया जाए.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आदेशित किया गया है कि समुचित संख्या में 15 से 20 प्रतिशत प्रवासियों के रैंडम सैंपल लिए जाएंगे और जिन प्रवासियों में आईएलआई के लक्षण पाए जाते हैं, उनके प्राथमिकता से सैंपल लिए जाएं.

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साथ ही यदि प्रवासी हॉट स्पॉट या कंटेनमेंट जोन से आ रहा है तो उनके सैंपल भी प्राथमिकता से लिए जाएं और प्रवासी राजस्थानियों में जो वृद्ध, गर्भवती महिला, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हो, उनका भी प्राथमिकता के आधार पर सैंपल लिया जाए.

जैसलमेर के पोकरण कस्बे में आए प्रवासी श्रमिकों में से 53 के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे. इनमें से 39 की रिपोर्ट आई है और सभी नेगेटिव पाए गए हैं. वहीं जैसलमेर से भी 125 प्रवासियों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं.

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