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Desert Storm in Jaisalmer: विश्व के पहले लिविंग फोर्ट सोनार दुर्ग की इमारतें भी थर्राई, बवंडर से अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन

जैसलमेर जिले में बुधवार देर रात डेजर्ट स्टॉर्म आने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो (Desert Storm in Jaisalmer) गया. हालांकि इस बवंडर से कोई बड़ी अनहोनी की जानकारी नहीं मिली है. तूफान से विश्व के पहले लिविंग फोर्ट सोनार दुर्ग की इमारतें भी थर्रा गई.

Desert Storm in Jaisalmer
बवंडर से अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन
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Published : Apr 21, 2022, 9:50 AM IST

Updated : Apr 21, 2022, 10:27 AM IST

जैसलमेर. बुधवार देर रात जैसलमेर जिले में आए डेजर्ट स्टॉर्म ने पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की सीमा से उठे इस रेत के बवंडर ने जैसलमेर जिले में प्रवेश किया. इसकी रफ्तार लगभग 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे थी. इस तूफान के चलते कच्ची बस्तियों और अन्य क्षेत्रों में जबरदस्त दशहत और भय का माहौल बन गया. कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कच्चे झोंपड़े और टीन शेड उड़ने लगे. हालांकि कोई बड़ी अनहोनी नहीं होने की जानकारी मिली है.

पाकिस्तान से आए रेतीले तूफान के कारण जैसलमेर के विश्व विख्यात सोनार दुर्ग की इमारतें भी एकाएक थर्रा (buildings of Sonar Fort also trembled) गई. सोनार दुर्ग की चौथी और अंतिम पोल को नुकसान हुआ और उन पर लगे कुछ पत्थर गिरकर धराशाई हो गए. गौरतलब है कि ये सोनार दुर्ग की ईमारतें 850 वर्षों से भी अधिक पुरानी हैं. बता दें सोनार दुर्ग की चौथी और अंतिम हवा पोल को भारी नुकसान हुआ है. तूफान से हवा पोल पर अद्भुत नक्काशी से बना कंगूरा और छज्जा गिर गया. देर रात तूफान के वक्त कोई आस पास नहीं था. सालों से न जाने कितने ही तूफान को यह किला झेल चुका है.

जैसलमेर में डेजर्ट स्टॉर्म

पढ़ें- चक्रवात 'आसनी' से अंडमान द्वीप समूह पर भारी बारिश, उत्तर भारत में असर नहीं: IMD

आंधी के चलते बिजली काफी देर तक बाधित रही थी. बुधवार देर रात से कई शहरी और ग्रामीण इलाकों में विद्युत (Desert Storm in Jaisalmer) व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई है. विद्युत विभाग के कर्मचारी समस्या को दुरुस्त करने में लगे हैं. लेकिन फिलहाल कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन नहीं हो पाया है. संभावना है कि सबसे अधिक नुकसान विद्युत विभाग को ही हुआ है. शहर में आयोजित कई विवाह कार्यक्रमों में इस डेजर्ट स्ट्रोम के कारण रंग में भंग पड़ गया. बिजली के जाने के कारण एक तरफ शादी वाले घरों में एकाएक अंधेरा छा गया. तो वहीं उनके विवाह कार्यक्रम भी बिगड़ गए.

Desert Storm in Jaisalmer
कंगूरा और छज्जा गिरा

जैसलमेर. बुधवार देर रात जैसलमेर जिले में आए डेजर्ट स्टॉर्म ने पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की सीमा से उठे इस रेत के बवंडर ने जैसलमेर जिले में प्रवेश किया. इसकी रफ्तार लगभग 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे थी. इस तूफान के चलते कच्ची बस्तियों और अन्य क्षेत्रों में जबरदस्त दशहत और भय का माहौल बन गया. कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कच्चे झोंपड़े और टीन शेड उड़ने लगे. हालांकि कोई बड़ी अनहोनी नहीं होने की जानकारी मिली है.

पाकिस्तान से आए रेतीले तूफान के कारण जैसलमेर के विश्व विख्यात सोनार दुर्ग की इमारतें भी एकाएक थर्रा (buildings of Sonar Fort also trembled) गई. सोनार दुर्ग की चौथी और अंतिम पोल को नुकसान हुआ और उन पर लगे कुछ पत्थर गिरकर धराशाई हो गए. गौरतलब है कि ये सोनार दुर्ग की ईमारतें 850 वर्षों से भी अधिक पुरानी हैं. बता दें सोनार दुर्ग की चौथी और अंतिम हवा पोल को भारी नुकसान हुआ है. तूफान से हवा पोल पर अद्भुत नक्काशी से बना कंगूरा और छज्जा गिर गया. देर रात तूफान के वक्त कोई आस पास नहीं था. सालों से न जाने कितने ही तूफान को यह किला झेल चुका है.

जैसलमेर में डेजर्ट स्टॉर्म

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आंधी के चलते बिजली काफी देर तक बाधित रही थी. बुधवार देर रात से कई शहरी और ग्रामीण इलाकों में विद्युत (Desert Storm in Jaisalmer) व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई है. विद्युत विभाग के कर्मचारी समस्या को दुरुस्त करने में लगे हैं. लेकिन फिलहाल कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन नहीं हो पाया है. संभावना है कि सबसे अधिक नुकसान विद्युत विभाग को ही हुआ है. शहर में आयोजित कई विवाह कार्यक्रमों में इस डेजर्ट स्ट्रोम के कारण रंग में भंग पड़ गया. बिजली के जाने के कारण एक तरफ शादी वाले घरों में एकाएक अंधेरा छा गया. तो वहीं उनके विवाह कार्यक्रम भी बिगड़ गए.

Desert Storm in Jaisalmer
कंगूरा और छज्जा गिरा
Last Updated : Apr 21, 2022, 10:27 AM IST
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