पोकरण: शराब की दुकानें रामदेवरा कस्बा आबादी से बाहर शिफ्ट होंगी (Shifting liquor Shops from Ramdevra). सरकार और लिकर बैन की वकालत कर रहे आनंद सिंह तंवर के बीच समझौता हो गया है. उन्होंने 6 दिन पहले लोक देवता रामदेव बाबा आत्मदाह की चुनौती दी थी. सीएम को खत लिख चेताया था कि अगर शराब बैन की बात नहीं मानी गई तो आत्मदाह कर लेंगे. समझौते के साथ ही स्थानीय प्रशासन ने राहत की सांस ली है.
समझौता वार्ता सफल होने के बाद तंवर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार प्रकट किया (liquor Ban in Ramdevra). रामदेवरा में समाजसेवी ने शराब ठेके हटाने की मांग को लेकर 3 साल पहले भी धरना दिया गया था. तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जूस पिलाकर समझाइश के बाद तंवर ने 7 मार्च 2019 को धरना समाप्त किया था. उसके ठीक 3 साल बाद यानी 2022 में आबकारी विभाग ने दोबारा यहां पर लीकर बैन के खिलाफ काम शुरू कर दिया. इसे मनमानी बताते हुए तंवर ने सीएम को 20 अगस्त 2022 को खत लिखा. चेताया कि अगर बात नहीं मानी गई तो 27 अगस्त को वो आत्मदाह कर लेंगे.
आत्मदाह की चेतावनी देने के 6 दिन बाद प्रशासन हरकत में आया. प्रशासनिक अधिकारियों ने 2 दिनों में दुकानें रामदेवरा कस्बा आबादी से बाहर शिफ्ट करने का समाजसेवी को आश्वासन दिया. समाजसेवी से जिला आबकारी अधिकारी, एसडीएम, सीओ, सरपंच, रामदेवरा एसएचओ ने समझाइश करते हुए कहा कि 2 दिनों में बाबा रामदेव मेला क्षेत्र से शराब की दुकानें हटा दी जाएंगी. इस आश्वासन के बाद तंवर मान गए और उन्होंने इन तमाम कोशिशों के लिए सीएम को धन्यवाद दिया.
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क्या कहा तंवर ने?: तंवर ने सीएम की कोशिशों के लिए धन्यवाद अदा किया है. उन्होंने कहा- पवित्र स्थान बाबा रामदेव मेला क्षेत्र रामदेवरा कस्बा आबादी में शराब बिकने से धार्मिक स्थान की छवि खराब होती है. जिससे आहत होकर पूर्व में मैंने धरना व अनशन शुरू किया था. प्रशासन की समझाइश पर धरना उठाया था. रामदेवरा क्षेत्र में आबकारी विभाग की मिलीभगती से शराब ठेके बंद नहीं हुए जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इससे आहत होकर मैंने 27 अगस्त को आत्मदाह की चेतावनी दी थी. लेकिन अब मैं उसे वापस लेता हूं और सीएम को आभार ज्ञापित करता हूं.