पोकरण (जैसलमेर). जिल के केरालिया गांव निवासी एक मुस्लिम परिवार ने एक अनूठी मिसाल पेश की है. केरालिया गांव निवासी नूरे खान की पत्नी माया ने हिरण के बच्चे को 7 महीने तक गाय का दूध पिला कर अपने बच्चे की तरह लालन पोषण कर जिंदा रखा.
केरालिया गांव के पास करीब सात माह पहले एक मादा हिरण ने एक बच्चे को जन्म दिया था. जन्म देने के कुछ दिन बाद मादा हिरण को आवारा श्वानों ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. जिस पर माया हिरण के बच्चे को बचाने के लिए अपने घर पर लेकर आई और हिरण के बच्चे को अपने बच्चे की तरह पालन पोषण कर गाय का दूध पिलाना शुरू किया.
बता दें कि हिरण का बच्चा अब सात माह का हो चुका हैं और अब तंदुरूस्त होकर चहल कदमी करने लगा है. माया के परिवार ने हिरण बच्चे को "डोन" नाम भी दिया है. समय-समय पर दूध-पानी देने वाले परिवारजनों से हिरण के बच्चे को इतना लगाव हो गया है कि पूरे दिन वो परिवार के इर्द-गिर्द ही रहने लगा है. थोड़ा दूर चले जाने पर जैसे ही परिवार के सदस्य उसको नाम से पुकारते हैं तो वह दौड़ते हुए उनके पास आ जाता है. ये किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं है.
इंसान और जानवरों के बीच पारिवारिक रिश्ते की ये बात इसलिए भी खास है कि वन्य प्राणियों में हिरण एक ऐसा जानवर है जो इंसानों के पास आना तो दूर, आहट सुनते ही भाग जाता हैं, लेकिन जन्म के करीब 5 दिन बाद से ही हिरण के बच्चे से उसकी मां बिछड़ गई. जिसके बाद माया ने उसे पाल कर बड़ा किया है.
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तंदुरुस्त हो जाने पर वनविभाग को किया सुपुर्द
माया ने बताया हिरण का बच्चा इतना चंचल है कि कुछ ही दिनों में वो फैमिलियर हो गया और उसका डर खत्म हो गया. बच्चों से लेकर बड़ों तक सबके हाथ से दूध पी लेता है. करीब 7 माह की देखभाल के बाद वो पूर्ण रुप से तंदुरुस्त हो गया है. अब वह घर से बाहर चला जाता है. जिससे उनको आवारा कुत्तों के हमले का डर सता रहा था, इसको देखते हुए उन्होंने वनविभाग कर्मियों को सूचित कर वन्य जीव प्रेमियों की मौजूदगी में हिरण के बच्चे को वन विभाग कर्मियों को सुपुर्द कर दिया.