जैसलमेर. आजादी के 75वें स्थापना दिवस आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जैसलमेर की चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में स्काई डाइविंग प्रदर्शन समारोह आयोजित किया गया. भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रतीक स्वरूप 75 पैरा सैनिकों ने एक साथ स्काई डाइव का जीवंत प्रदर्शन करते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
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स्काई डाइविंग प्रदर्शन में थल सेना, नौ सेना और वायु सेना के जांबाज शूरवीरों ने स्काई डाइविंग का प्रदर्शन कर एकता और सेनाओं की ताकत का परिचय दिया. इस अवसर पर एयर मार्शल संदीप सिंह ( अति विशिष्ट सेवा मेडल, वायु सेना मेडल) ने कहा कि जैसलमेर की भूमि 1965 व 1971 के भारत-पाक युद्ध की विजय की साक्षी है.
एयर मार्शल के अलावा इस मौके पर बैटलैक्स डिवीजन के जीओसी (GOC) मेजर जनरल अजयसिंह गहलोत एवं थल सेना, नौसेना और वायु सेना के कई अधिकारी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस को इस बार बेहद वृहद स्तर पर मनाया जा रहा है. इसके तहत ही फील्ड फायरिंग रेंज में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
"बैटल ऑफ लोंगेवाला" का साक्षी है जैसलमेर: दक्षिणी पश्चिमी वायु कमान के कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल संदीप सिंह ने इस सरजमीं को नमन किया. स्काईडाइविंग के आयोजन को इस भूमि के लिए एकदम मुफीद बताया. कहा- जैसलमेर इस प्रदर्शन के लिए उचित स्थान है क्योंकि जैसलमेर की भूमि 1971 के भारत-पाक युद्ध जो कि "बैटल ऑफ लोंगेवाला" के नाम से प्रसिद्ध है. उस दौरान भारतीय थल सेना की 23वीं पंजाब रेजीमेंट के जवानों और भारतीय वायुसेना के हंटर विमान के पायलट ने बहादुरी दिखाते हुए पाकिस्तानी टैंक को नेस्तनाबूद किया था.
उन्होंने कहा कि स्काईडाइविंग एक साहसिक कार्य है और इसके लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है. सभी पैरा जंपर्स की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पैरा जंपर सशस्त्र बलों की वीर छवि को आगे बढ़ाने और देश के युवाओं में साहसिक कार्यों के प्रति उत्साह बढ़ाने और उन्हें सशस्त्र सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
स्काईडाइविंग ने बांधा समां: स्काईडाइविंग के लिए भारतीय वायुसेना के चार MI-17 हेलीकॉप्टर ने जैसलमेर स्थित वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरी. इसमें वायु सेना के 40, थल सेना के 20 एवं नेवी के 15 चुने हुए पैरा जंपर शामिल थे. जिन्होंने मिलकर एक साथ जमीन से 8000 फीट ऊंचाई से स्काईडाइव किया और एकता एवं समन्वयक द्वारा भारतीय सेनाओं की ताकत का प्रदर्शन करने के साथ हवा में कई कलाबाजियां दिखाई. इन वायुवीरों में एक महिला पैरा जंपर भी शामिल थी.