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World Hypertension Day 2023: अगर आपकी उम्र 30 के पार हैं तो हो जाएं सावधान! ये साइलेंट किलर ले सकता है जान

चलिए आज हम आपको एक ऐसे साइलेंट किलर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आप के लिए घातक नहीं, बल्कि (high blood pressure dangerous for youth) महाघातक है.

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Published : May 17, 2023, 10:35 AM IST

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गर्ग

जयपुर. रोजमर्रा की तनाव भरी जिंदगी के बीच आज के दौर में हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप जीवन शैली के साथ-साथ एक साइलेंट किलर के रूप में उभर कर सामने आया है. विशेषज्ञों के मुताबिक मौजूदा वक्त में हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है, जिसे सामान्यतः लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं और यह बीमारी साइलेंट किलर बनकर जीवन को संकट में डाल देती है. विशेष तौर पर 30 साल से अधिक उम्र के लोगों में इस बीमारी का असर इन दिनों ज्यादा दिखा जा रहा है. हर साल इस बीमारी से जागरूक करने के लिए 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है. ताकि लोग अपने हाई ब्लड प्रेशर को लेकर जागरूक और स्वस्थ रहें.

ये होता है BP का सही लेवल - हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गर्ग कहते हैं कि हमारे देश में 50 फीसदी लोगों को इस बात का अनुमान नहीं है कि वह हाइपरटेंशन जैसी बीमारी से ग्रसित है. अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके कारण जानलेवा बीमारियां शरीर को घेर लेती है. डॉ. गर्ग के मुताबिक जिन लोगों को अपने शरीर में इस बीमारी का ध्यान होता है, उनमें से भी महज 25 फीसदी ही ऐसे हैं, जो ठीक से उपचार लेते हैं या फिर अपना ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखते हैं.

इसे भी पढ़ें - No Diet Day : डाइटिंग और फास्टिंग घटाएगा मोटापा! एक्सपर्ट से जानिए एक दिन भोजन छोड़ने के मायने

उन्होंने बताया कि आमतौर पर रक्तचाप के ऊपरी स्तर को 140 अंक से नीचे रखा जाना चाहिए, जबकि ब्लड प्रेशर के लो लेवल को 90 अंक के नीचे रखा जाना चाहिए. अगर बीपी की जांच में 140 और 90 से ऊपर यह दर्ज किया जाता है, तो फिर तुरंत चिकित्सक से मिलकर उनके परामर्श लेना चाहिए. शुरुआत में बिना दवा के जीवन शैली को अनुशासित करके भी ब्लड प्रेशर को काबू में किया जा सकता है. डॉ. गर्ग ने बताया कि नेशनल हेल्थ सर्वे 2019 20 में कुछ आंकड़े सामने आए थे जिनके मुताबिक हमारे देश में 25% पुरुष यानी हर चार व्यक्ति में से एक और 20 फ़ीसदी महिलाएं यानी हर पांच में से एक औरत को हाइपरटेंशन होता है.

हाई ब्लड प्रेशर में नहीं होते कोई विशेष लक्षण - हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर और इसमें आमतौर पर कोई विशेष लक्षण देखने को नहीं मिलता है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गर्ग के मुताबिक आमतौर पर थकान का रहना, आंखों पर धुंधलापन छाना, सिर में भारीपन का होना और हल्के चक्कर आना जैसे लक्षण अगर शरीर में नजर आते हैं तो फिर डॉक्टर से मिलकर ब्लड प्रेशर की जांच करवाना जरूरी है. चिकित्सक के नजरिए से समझे तो कहा जाता है कि शरीर की धमनियों में जब रक्तचाप जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो ये हाई ब्लड प्रेशर कहलाता है.

आमतौर पर खराब जीवनशैली और ठीक से डाइट नहीं लेने की वजह से व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार हो जाता है. हाइपरटेंशन का अगर वक्त पर इलाज नहीं किया जाता है तो हृदय रोग या स्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है. आज के दौर में युवाओं में खासतौर पर इस बीमारी का असर अधिक देखा जा रहा है. पहले हाई ब्लड प्रेशर को ओल्ड एज डिजीज के रूप में देखा जाता था.

बचाव के यै हैं उपाय - डॉ. गर्ग के मुताबिक अगर हाइपरटेंशन से बचाव रखना है तो व्यक्ति को नियमित रूप से कम नमक का और हल्का वसायुक्त भोजन करना चाहिए. रोजाना की जिंदगी में योग, व्यायाम और सुबह की सैर को शामिल करना चाहिए.

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गर्ग

जयपुर. रोजमर्रा की तनाव भरी जिंदगी के बीच आज के दौर में हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप जीवन शैली के साथ-साथ एक साइलेंट किलर के रूप में उभर कर सामने आया है. विशेषज्ञों के मुताबिक मौजूदा वक्त में हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है, जिसे सामान्यतः लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं और यह बीमारी साइलेंट किलर बनकर जीवन को संकट में डाल देती है. विशेष तौर पर 30 साल से अधिक उम्र के लोगों में इस बीमारी का असर इन दिनों ज्यादा दिखा जा रहा है. हर साल इस बीमारी से जागरूक करने के लिए 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है. ताकि लोग अपने हाई ब्लड प्रेशर को लेकर जागरूक और स्वस्थ रहें.

ये होता है BP का सही लेवल - हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गर्ग कहते हैं कि हमारे देश में 50 फीसदी लोगों को इस बात का अनुमान नहीं है कि वह हाइपरटेंशन जैसी बीमारी से ग्रसित है. अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके कारण जानलेवा बीमारियां शरीर को घेर लेती है. डॉ. गर्ग के मुताबिक जिन लोगों को अपने शरीर में इस बीमारी का ध्यान होता है, उनमें से भी महज 25 फीसदी ही ऐसे हैं, जो ठीक से उपचार लेते हैं या फिर अपना ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखते हैं.

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उन्होंने बताया कि आमतौर पर रक्तचाप के ऊपरी स्तर को 140 अंक से नीचे रखा जाना चाहिए, जबकि ब्लड प्रेशर के लो लेवल को 90 अंक के नीचे रखा जाना चाहिए. अगर बीपी की जांच में 140 और 90 से ऊपर यह दर्ज किया जाता है, तो फिर तुरंत चिकित्सक से मिलकर उनके परामर्श लेना चाहिए. शुरुआत में बिना दवा के जीवन शैली को अनुशासित करके भी ब्लड प्रेशर को काबू में किया जा सकता है. डॉ. गर्ग ने बताया कि नेशनल हेल्थ सर्वे 2019 20 में कुछ आंकड़े सामने आए थे जिनके मुताबिक हमारे देश में 25% पुरुष यानी हर चार व्यक्ति में से एक और 20 फ़ीसदी महिलाएं यानी हर पांच में से एक औरत को हाइपरटेंशन होता है.

हाई ब्लड प्रेशर में नहीं होते कोई विशेष लक्षण - हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर और इसमें आमतौर पर कोई विशेष लक्षण देखने को नहीं मिलता है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गर्ग के मुताबिक आमतौर पर थकान का रहना, आंखों पर धुंधलापन छाना, सिर में भारीपन का होना और हल्के चक्कर आना जैसे लक्षण अगर शरीर में नजर आते हैं तो फिर डॉक्टर से मिलकर ब्लड प्रेशर की जांच करवाना जरूरी है. चिकित्सक के नजरिए से समझे तो कहा जाता है कि शरीर की धमनियों में जब रक्तचाप जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो ये हाई ब्लड प्रेशर कहलाता है.

आमतौर पर खराब जीवनशैली और ठीक से डाइट नहीं लेने की वजह से व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार हो जाता है. हाइपरटेंशन का अगर वक्त पर इलाज नहीं किया जाता है तो हृदय रोग या स्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है. आज के दौर में युवाओं में खासतौर पर इस बीमारी का असर अधिक देखा जा रहा है. पहले हाई ब्लड प्रेशर को ओल्ड एज डिजीज के रूप में देखा जाता था.

बचाव के यै हैं उपाय - डॉ. गर्ग के मुताबिक अगर हाइपरटेंशन से बचाव रखना है तो व्यक्ति को नियमित रूप से कम नमक का और हल्का वसायुक्त भोजन करना चाहिए. रोजाना की जिंदगी में योग, व्यायाम और सुबह की सैर को शामिल करना चाहिए.

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