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काम-धंघा छूटने का मलाल, लेकिन परिवार से मिलने की खुशी, तंगहाल गोलगप्पे वाले बस से यूपी रवाना

जयपुर में गुरुवार को राजस्थान रोडवेज की बस से 56 मजदूरों को प्रशासन ने यूपी भिजवाया. यात्रियों में 20 महिलाएं और 15 छोटे बच्चे शामिल थे. इससे पहले बस को सैनिटाइज करवाया गया और सभी यात्रियों को मास्क वितरित किए गए.

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काम-धंघा छूटने का मलाल
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Published : May 7, 2020, 4:25 PM IST

Updated : May 7, 2020, 7:57 PM IST

रेनवाल (जयपुर). शहर में पिछले करीब डेढ़ माह से कामधंधा बंद होने से तंगहाल पानी-पतासी, चाट-पकौड़ी से जुड़े 56 लोगों को प्रशासन ने गुरुवार को रोडवेज बस से यूपी भिजवाया है. मजदूरों की आंखों में कामधंधा छूटने का मलाल साफ झलक रहा था, लेकिन परिवार के पास पहुंचने की खुशी भी थी.

56 मजदूरों को प्रशासन ने यूपी भिजवाया

बता दें कि यात्रियों में 20 महिलाएं और 15 छोटे बच्चे शामिल थे. इससे पहले बस को सैनिटाइज करवाया गया और सभी यात्रियों को मास्क वितरित किए गए. वहीं रास्ते के लिए खाना के एक-एक पैकेट और पानी की बोतल दी गई.

पढ़ें: जयपुर से रोडवेज की 100 बसों से 3 हजार मजूदरों को यूपी किया रवाना

नायब भींवाराम वर्मा ने बताया कि सभी मजदूरों को यूपी की मथुरा बॉर्डर तक निशुल्क भिजवाया गया. वहां से आगे उन्हें घर तक भेजा जाएगा. सभी यात्रियों को रवाना होने से पहले चिकित्सक द्वारा स्क्रीनिंग की गई. इस मौके पर नायब तहसीलदार भींवाराम पटवारी, शंकरलाल मीणा, रामनिवास निठारवाल, नगरपालिका कर्मी गोपाल कुमावत, अमरचंद आदि मौजूद रहे.

पढ़ें: जालोर: 2 Corona positive मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री ने उड़ाई जिला प्रशासन की नींद

काम धंघा छूटने का मलाल

कस्बे सहित क्षेत्र में पानी-पतासी बेचकर परिवार चलाने वाले बहुत से लोग परिवार के साथ यहीं रहते है. लेकिन लॉकडाउन से डेढ़ महीने से ठेले नहीं लगने से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी थी. मजदूरों का कहना था जमा-जमाया काम धंधा छूटने का गम बहुत है. लेकिन अपने पैतृक गांव में परिवार से मिलने का खुशी भी हैं.

रेनवाल (जयपुर). शहर में पिछले करीब डेढ़ माह से कामधंधा बंद होने से तंगहाल पानी-पतासी, चाट-पकौड़ी से जुड़े 56 लोगों को प्रशासन ने गुरुवार को रोडवेज बस से यूपी भिजवाया है. मजदूरों की आंखों में कामधंधा छूटने का मलाल साफ झलक रहा था, लेकिन परिवार के पास पहुंचने की खुशी भी थी.

56 मजदूरों को प्रशासन ने यूपी भिजवाया

बता दें कि यात्रियों में 20 महिलाएं और 15 छोटे बच्चे शामिल थे. इससे पहले बस को सैनिटाइज करवाया गया और सभी यात्रियों को मास्क वितरित किए गए. वहीं रास्ते के लिए खाना के एक-एक पैकेट और पानी की बोतल दी गई.

पढ़ें: जयपुर से रोडवेज की 100 बसों से 3 हजार मजूदरों को यूपी किया रवाना

नायब भींवाराम वर्मा ने बताया कि सभी मजदूरों को यूपी की मथुरा बॉर्डर तक निशुल्क भिजवाया गया. वहां से आगे उन्हें घर तक भेजा जाएगा. सभी यात्रियों को रवाना होने से पहले चिकित्सक द्वारा स्क्रीनिंग की गई. इस मौके पर नायब तहसीलदार भींवाराम पटवारी, शंकरलाल मीणा, रामनिवास निठारवाल, नगरपालिका कर्मी गोपाल कुमावत, अमरचंद आदि मौजूद रहे.

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काम धंघा छूटने का मलाल

कस्बे सहित क्षेत्र में पानी-पतासी बेचकर परिवार चलाने वाले बहुत से लोग परिवार के साथ यहीं रहते है. लेकिन लॉकडाउन से डेढ़ महीने से ठेले नहीं लगने से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी थी. मजदूरों का कहना था जमा-जमाया काम धंधा छूटने का गम बहुत है. लेकिन अपने पैतृक गांव में परिवार से मिलने का खुशी भी हैं.

Last Updated : May 7, 2020, 7:57 PM IST
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