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जयपुर एयरपोर्ट पर इस बार विंटर शेड्यूल यात्रियों के लिए बना आफत

देश के सभी हवाई अड्डों पर 27 अक्टूबर से विंटर शेड्यूल लागू हो गया था. लेकिन इस बार विंटर शेड्यूल के अंतर्गत जयपुर एयरपोर्ट पर फ्लाइट का संचालन लगातार खराब रहा. 3 महीने में 300 से ज्यादा विमान जयपुर में देरी से टेकऑफ और लैंड हुए.

जयपुर एयरपोर्ट, Jaipur Airport
जयपुर एयरपोर्ट
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Published : Feb 1, 2020, 6:17 AM IST

जयपुर. 27 अक्टूबर से शुरू हुए विंटर शेड्यूल में जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों का संचालन ठंडा ही रहा है. 3 महीने में 300 से ज्यादा विमान जयपुर में देरी से टेकऑफ और लैंड हुए. जबकि 4 दर्जन विमान रद्द हुए और 1 दर्जन से ज्यादा विमान जयपुर से अहमदाबाद भी डायवर्ट हुए.

यात्रियों के लिए सही नहीं रहा विंटर शेड्यूल

वहीं, अगर विमानों के डायवर्जन की बात की जाए तो 5 दर्जन से अधिक विमान डायवर्ट हुए हैं. इस दौरान सबसे अधिक बार जयपुर से दिल्ली, देहरादून और बेंगलुरु के विमान रद्द किए गए. हर बार रद्द होने के कारण ऑपरेशनल ही बताया गया. एयरलाइंस प्रबंधन का कहना है कि विमान के रद्द होने की जानकारी यात्रियों को समय रहते दे दी जाती है. जिससे यात्रियों को असुविधा ना हो.

90 दिन में दिल्ली की जगह जयपुर उतरे 90 विमान

विंटर शेड्यूल में दिल्ली में कई बार खराब मौसम का असर देखने को मिला. दिसंबर माह के अंत तक की बात की जाए तो अलग-अलग समय में करीब 90 विमान दिल्ली उतरने की जगह जयपुर में उतरे. इनमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों विमान शामिल थे.

कई फ्लाइट अहमदाबाद डायवर्ट हुई

जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता शून्य से कम होने के कारण आधा दर्जन से अधिक विमानों को जयपुर नहीं उतारा गया. ऐसे में उन्हें अहमदाबाद डायवर्जन करना पड़ा, क्लीयरेंस के बाद ही दोपहर तक विमान वापस जयपुर पहुंचे. इससे सैकड़ों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

जयपुर. 27 अक्टूबर से शुरू हुए विंटर शेड्यूल में जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों का संचालन ठंडा ही रहा है. 3 महीने में 300 से ज्यादा विमान जयपुर में देरी से टेकऑफ और लैंड हुए. जबकि 4 दर्जन विमान रद्द हुए और 1 दर्जन से ज्यादा विमान जयपुर से अहमदाबाद भी डायवर्ट हुए.

यात्रियों के लिए सही नहीं रहा विंटर शेड्यूल

वहीं, अगर विमानों के डायवर्जन की बात की जाए तो 5 दर्जन से अधिक विमान डायवर्ट हुए हैं. इस दौरान सबसे अधिक बार जयपुर से दिल्ली, देहरादून और बेंगलुरु के विमान रद्द किए गए. हर बार रद्द होने के कारण ऑपरेशनल ही बताया गया. एयरलाइंस प्रबंधन का कहना है कि विमान के रद्द होने की जानकारी यात्रियों को समय रहते दे दी जाती है. जिससे यात्रियों को असुविधा ना हो.

90 दिन में दिल्ली की जगह जयपुर उतरे 90 विमान

विंटर शेड्यूल में दिल्ली में कई बार खराब मौसम का असर देखने को मिला. दिसंबर माह के अंत तक की बात की जाए तो अलग-अलग समय में करीब 90 विमान दिल्ली उतरने की जगह जयपुर में उतरे. इनमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों विमान शामिल थे.

कई फ्लाइट अहमदाबाद डायवर्ट हुई

जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता शून्य से कम होने के कारण आधा दर्जन से अधिक विमानों को जयपुर नहीं उतारा गया. ऐसे में उन्हें अहमदाबाद डायवर्जन करना पड़ा, क्लीयरेंस के बाद ही दोपहर तक विमान वापस जयपुर पहुंचे. इससे सैकड़ों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

Intro:जयपुर एंकर-- देश के सभी हवाई अड्डों पर 27 अक्टूबर से विंटर शेड्यूल लागू हो गया था, लेकिन इस बार विंटर शेड्यूल के अंतर्गत जयपुर एयरपोर्ट पर फ्लाइट का संचालन लगातार गड़बडाया रहा , जहां 4 दर्जन विमानों को रद्द किया गया , तो 5 दर्जन से ज्यादा विमान डायवर्ट और करीब 300 से ज्यादा विमान जयपुर से लेट टेकऑफ और लैंड करें, जिससे इस विंटर शेड्यूल में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ा,




Body:जयपुर-- 27 अक्टूबर से शुरू हुए विंटर शेड्यूल में जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों का संचालन ठंडा ही रहा है, आंकड़े भी इसके गवाह हैं , 3 महीने में हवाई अड्डे पर 300 से ज्यादा विमान जयपुर में देरी से टेकऑफ और लैंड हुए, जबकि 4 दर्जन विमान रद्द हुए, तो 1 दर्जन से ज्यादा विमान जयपुर से अहमदाबाद भी डायवर्ट हुए, विमानों के डायवर्जन की बात की जाए तो 5 दर्जन से अधिक विमान डायवर्ट हुए हैं , इस दौरान सबसे अधिक बार जयपुर से दिल्ली , देहरादून और बेंगलुरु के विमान रद्द किए गए, हर बार रद्द होने के कारण भी ऑपरेशनल ही बताया गया, एयरलाइंस प्रबंधन का कहना है कि विमान के रद्द होने की जानकारी यात्रियों को समय रहते दे दी जाती है, जिससे यात्रियों को असुविधा नहीं हो इधर कई एयरलाइंस के मैनेजर का दावा है कि, इस विंटर सीजन में एक भी उड़ान रद्द नहीं हुई, देरी होने पर विमान को रीशेड्यूल करा गया और उसकी जानकारी यात्रियों को दे दी गई, जिससे यात्रियों को बुकिंग को कैंसिलेशन नहीं करना पड़ा,

-यह है ऑपरेशनल कारण

एयर क्राफ्ट या स्टाफ उपलब्ध न होना इसके अलावा एयरक्राफ्ट को अन्य स्थानों से चलाना आमतौर पर एयरलाइंस कंपनी यह कारण बताती है, सूत्रों के अनुसार साल के अंत में रिलायंस कंपनी फायदे वाले रूट पर एयरक्राफ्ट को चलाती है, और ऑपरेशनल का कारण बताकर विमान को री शेड्यूल व कैंसिल करने के लिए यात्रियों को मैसेज भी भेज देती है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है,

- 90 दिन में दिल्ली की वजह है यहां उतरे 90 विमान

इस विंटर शेड्यूल में दिल्ली में कई बार खराब मौसम का असर देखने को मिला , दिसंबर माह के अंत तक की बात की जाए तो अलग-अलग समय में करीब 90 विमान दिल्ली उतरने की वजह वह जयपुर में उतरे , इनमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों विमान शामिल थे , जहां रात में महज 7 ही विमानों के नाइट होल्ट संभव है, ऐसे में पार्किंग वे की संख्या कम होने से हवाई अड्डा प्रशासन के सर्दी में ही पसीने छूट गए , स्थिति तब बढ़ी जब एयरलाइंस के पायलट ने जहाज उड़ाने से मना कर दिया , ऐसे में हवाई अड्डा प्रशासन के कई बार हाथ पांव फूल गए,

-इस विंटर शेड्यूल में कई फ्लाइट हुई अहमदाबाद डायवर्ट

इधर जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता शून्य से कम होने के कारण, आधा दर्जन से अधिक विमानों को जयपुर नहीं उतारे गया , ऐसे में उन्हें अहमदाबाद डायवर्जन करना पड़ा, क्लीयरेंस के बाद ही दोपहर तक विमान वापस जयपुर पहुंचे, इससे सैकड़ों यात्री भी परेशान हुए ,,


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