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24 साल बाद कांग्रेस को मिला गैर गांधी अध्यक्ष, राजस्थान में नियुक्तियों का 2 साल से हो रहा इंतजार अब होगा पूरा - Rajasthan Congress Election Poll

कांग्रेस पार्टी को आज 24 साल बाद गैर गांधी अध्यक्ष मिल गया. इन नतीजों का असर राजस्थान पर भी व्यापक तौर पर पड़ने जा रहा है. अब प्रदेश अध्यक्ष समेत पूरी कार्यकारिणी को या तो एक्सटेंशन मिलेगा या फिर चेहरों में बदलाव देखने को मिलेगा. देखिए ये रिपोर्ट...

Rajasthan Congress
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Published : Oct 19, 2022, 2:26 PM IST

जयपुर. कांग्रेस पार्टी को आज 24 साल बाद गैर गांधी अध्यक्ष मिल गया. मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के नए चीफ बने. बता दें, मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) को 7897 वोट मिले. जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे शशि थरूर (Shashi Tharoor) को 1072 वोट मिले. वहीं, 416 वोट अमान्य हो गए. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को हुई वोटिंग में कुल 9385 प्रतिनिधियों ने वोट डाले थे.

इन नतीजों का असर राजस्थान पर भी व्यापक तौर पर पड़ने जा रहा है. पहली बात तो कांग्रेस पार्टी के तमाम पदाधिकारी निवर्तमान हो गए, यानी कि एआईसीसी से लेकर सभी प्रदेशों के संगठन आज से निवर्तमान हो गए. बात करें राजस्थान की तो राजस्थान में भी संगठन पर इसका व्यापक असर पड़ेगा और प्रदेश अध्यक्ष समेत पूरी कार्यकारिणी को या तो एक्सटेंशन मिलेगा या फिर चेहरों में बदलाव देखने को मिलेगा. लेकिन राजस्थान को संगठन के तौर पर सबसे बड़ा फायदा यह होने जा रहा है कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष आने के बाद राजस्थान में पिछले 2 साल से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपनी जिस ब्लॉक और जिला कांग्रेस के अध्यक्षों के साथ ही कार्यकारिणी बनाने का इंतजार कर रहे हैं, वह इंतजार पूरा हो जाएगा. खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी यह उम्मीद जताई है कि अब 180 दिनों में सारे फैसले कर लिए जाएंगे. लेकिन यह इंतजार 180 दिन की प्रक्रिया तक नहीं पहुंचेगा बल्कि उससे पहले ही यह निर्णय ले लिए जाएंगे.

पढ़ें- मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने, 7897 वोट मिले; थरूर को 1072 वोट

डोटासरा को भी लेकर होगा निर्णय- कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के साथ ही पूरे देश की प्रदेश कांग्रेस कमेटियां भी तकनीकी रूप से निवर्तमान हो गई है. वैसे भी देश की सभी कांग्रेस कमेटी की ओर से अध्यक्ष पद पर किसे निर्वाचित किया जाए, इसे लेकर प्रस्ताव एआईसीसी के नए बनने वाले अध्यक्ष को पहले ही सौंप दिया गया है. ऐसे में अब खड़गे पर निर्भर करेगा कि वह प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को कंटिन्यू रखते हैं या फिर उसमें बदलाव करते हैं. यही हाल राजस्थान में भी होगा और अगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को कंटिन्यू रखा जाता है, तो फिर राजस्थान कांग्रेस के संगठन के लिए सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि 2 साल से जो जिला अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणी का गठन राजस्थान में नहीं हो पा रहा है उनका गठन अब आगामी 1 महीने में कर दिया जाएगा. अगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर कंटिन्यू करते हैं तो फिर 2023 के विधानसभा चुनाव में डोटासरा ही करवाएंगे.

तकनीकी रूप से नए अध्यक्ष की घोषणा ही होती है पुराने अध्यक्ष को हटाने की घोषणा - बता दें कि कांग्रेस पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलते ही कांग्रेस का चाहे एआईसीसी संगठन हो या फिर पीसीसी के संगठन सभी निवर्तमान हो गए. लेकिन संगठन के पदाधिकारी तब तक अपने पदों पर काम करते रहेंगे जब तक की उनके पदों पर कोई नई नियुक्ति नहीं कर दी जाती है. दरअसल कांग्रेस पार्टी में किसी पदाधिकारी को पद से हटाने के आदेश जारी नहीं होते, बल्कि नई नियुक्ति के ही आदेश जारी होते हैं. ऐसे में अगर नई नियुक्ति के आदेश जारी नहीं होते हैं तो पुरानी कार्यकारिणी को ही कंटिन्यू मान लिया जाता है.

जयपुर. कांग्रेस पार्टी को आज 24 साल बाद गैर गांधी अध्यक्ष मिल गया. मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के नए चीफ बने. बता दें, मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) को 7897 वोट मिले. जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे शशि थरूर (Shashi Tharoor) को 1072 वोट मिले. वहीं, 416 वोट अमान्य हो गए. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को हुई वोटिंग में कुल 9385 प्रतिनिधियों ने वोट डाले थे.

इन नतीजों का असर राजस्थान पर भी व्यापक तौर पर पड़ने जा रहा है. पहली बात तो कांग्रेस पार्टी के तमाम पदाधिकारी निवर्तमान हो गए, यानी कि एआईसीसी से लेकर सभी प्रदेशों के संगठन आज से निवर्तमान हो गए. बात करें राजस्थान की तो राजस्थान में भी संगठन पर इसका व्यापक असर पड़ेगा और प्रदेश अध्यक्ष समेत पूरी कार्यकारिणी को या तो एक्सटेंशन मिलेगा या फिर चेहरों में बदलाव देखने को मिलेगा. लेकिन राजस्थान को संगठन के तौर पर सबसे बड़ा फायदा यह होने जा रहा है कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष आने के बाद राजस्थान में पिछले 2 साल से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपनी जिस ब्लॉक और जिला कांग्रेस के अध्यक्षों के साथ ही कार्यकारिणी बनाने का इंतजार कर रहे हैं, वह इंतजार पूरा हो जाएगा. खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी यह उम्मीद जताई है कि अब 180 दिनों में सारे फैसले कर लिए जाएंगे. लेकिन यह इंतजार 180 दिन की प्रक्रिया तक नहीं पहुंचेगा बल्कि उससे पहले ही यह निर्णय ले लिए जाएंगे.

पढ़ें- मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने, 7897 वोट मिले; थरूर को 1072 वोट

डोटासरा को भी लेकर होगा निर्णय- कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के साथ ही पूरे देश की प्रदेश कांग्रेस कमेटियां भी तकनीकी रूप से निवर्तमान हो गई है. वैसे भी देश की सभी कांग्रेस कमेटी की ओर से अध्यक्ष पद पर किसे निर्वाचित किया जाए, इसे लेकर प्रस्ताव एआईसीसी के नए बनने वाले अध्यक्ष को पहले ही सौंप दिया गया है. ऐसे में अब खड़गे पर निर्भर करेगा कि वह प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को कंटिन्यू रखते हैं या फिर उसमें बदलाव करते हैं. यही हाल राजस्थान में भी होगा और अगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को कंटिन्यू रखा जाता है, तो फिर राजस्थान कांग्रेस के संगठन के लिए सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि 2 साल से जो जिला अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणी का गठन राजस्थान में नहीं हो पा रहा है उनका गठन अब आगामी 1 महीने में कर दिया जाएगा. अगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर कंटिन्यू करते हैं तो फिर 2023 के विधानसभा चुनाव में डोटासरा ही करवाएंगे.

तकनीकी रूप से नए अध्यक्ष की घोषणा ही होती है पुराने अध्यक्ष को हटाने की घोषणा - बता दें कि कांग्रेस पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलते ही कांग्रेस का चाहे एआईसीसी संगठन हो या फिर पीसीसी के संगठन सभी निवर्तमान हो गए. लेकिन संगठन के पदाधिकारी तब तक अपने पदों पर काम करते रहेंगे जब तक की उनके पदों पर कोई नई नियुक्ति नहीं कर दी जाती है. दरअसल कांग्रेस पार्टी में किसी पदाधिकारी को पद से हटाने के आदेश जारी नहीं होते, बल्कि नई नियुक्ति के ही आदेश जारी होते हैं. ऐसे में अगर नई नियुक्ति के आदेश जारी नहीं होते हैं तो पुरानी कार्यकारिणी को ही कंटिन्यू मान लिया जाता है.

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