जयपुर. नेक्सा एवरग्रीन फ्रॉड मामले में पीड़ितों ने बुधवार को एडीजी क्राइम दिनेश एमएन से मुलाकात की है. पीड़ितों ने जांच अधिकारी पर मिली भगत का आरोप लगाते हुए जांच अधिकारी रामचंद्र मूड को बदलने की मांग की हैं. साथ ही नामजद आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की उन्होंने मांग रखी. नेक्सा एवरग्रीन कंपनी फ्रॉड पीड़ित टीम लीडर सतवीर सिंह चौधरी ने आरोपियों के गुर्गों पर भी कानूनी कार्रवाई की मांग की.
गौरतलब है कि मंगलवार को पीड़ित अपनी मांगों को लेकर जयपुर में ज्योति नगर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए थे. इसके बाद कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें नीचे उतार गया था. पीड़ित सतवीर सिंह चौधरी ने बताया कि नेक्सा एवरग्रीन कंपनी के खिलाफ पीड़ितों की ओर से दर्ज मुकदमे में शामिल नामजद आरोपी अभी खुलेआम घूम रहे हैं. बुधवार को बड़ी संख्या में पीड़ितों ने राजस्थान पुलिस मुख्यालय पर पहुंचकर एडीजी क्राइम दिनेश एमएन से मुलाकात की है.
ये हैं प्रमुख मांगें :
- आरोपियों और कंपनी से संबंधित सभी बैंक खातों की जांच की जाए.
- जिन मुकदमों में चार्जशीट पेश नहीं की गई है, उनमें जल्द कार्रवाई की जाए.
- जिन मुकदमों में सीकर जांच अधिकारी की ओर से चार्जशीट पेश की गई है, उनकी जांच दोबारा करवाई जाए.
- जांच अधिकारी चेंज किया जाए.
- नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए.
- ठगी का पैसा जल्द मिले.
पीड़ितों ने बताया कि आरोपियों ने हमें लालच दिया था कि 14 महीनों में आपका पैसा डबल हो जाएगा, लेकिन हमें अभी तक कोई पैसा नहीं मिला है. शुरुआत में इन लोगों ने बिजनेस के तौर पर हमें जानकारी देकर पैसा निवेश करवाया. इसको लेकर पूरा प्रोसेस लीगल बताया गया था, लेकिन बाद में पता चला कि ये अनलीगल काम है. इस कंपनी में 80 प्रतिशत एक्स सर्विसमैन जोड़े गए थे.
इसे भी पढ़ें : नेक्सा एवरग्रीन घोटाला : ठगी के शिकार पीड़ित पानी की टंकी पर चढ़े, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
जानिए इस घोटाले के बारे में : पीड़ितों के मुताबिक जनवरी 2023 में ठगी हुई थी. 2700 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया था. प्रदेश भर में इसको लेकर 103 एफआईआर दर्ज हुई है. पुलिस ने अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. जमीन और इंडस्ट्री में पैसे लगाने के नाम पर यह ठगी हुई थी. 2018 और 2019 में यह कंपनी राजस्थान और देशभर में एक्टिव हुई थी, जिसमें काम करने वाले अधिकांश लोग आर्मी पर्सन थे. 2 जनवरी 2023 के बाद ये सभी आरोपी फरार हो गए. कंपनी ने पैसा देने से भी इनकार कर दिया था. धोलेरा सिटी में निवेश के नाम पर ये ठगी की गई थी. इस ठगी में करीब 70,000 से अधिक पीड़ित शिकार हो चुके हैं.