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धर्मांतरण के मामले को लेकर VHP सख्त, 'क्रिप्टो क्रिश्चियन' रोकने के लिए चलाएगी जनजागरण अभियान

देश में धर्मांतरण को लेकर (Vishva Hindu Parishad on Conversion) विहिप की ओर से बड़ा बयान सामने आया है, खासकर क्रिप्टो क्रिश्चियन को लेकर. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बुधवार को जयपुर में कहा कि क्रिप्टो क्रिश्चियन एससी-एसटी आरक्षण पर डाका डाल रहे हैं. इस पर रोक लगनी चाहिए.

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Published : Oct 19, 2022, 7:59 PM IST

Vishva Hindu Parishad on Conversion
Vishva Hindu Parishad on Conversion

जयपुर. क्रिप्टो क्रिश्चियन आरक्षण का मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है. विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाया है कि क्रिप्टो क्रिश्चियन एससी-एसटी आरक्षण को छीन रहे हैं. इसे रोकने के लिए विहिप जनजागरण अभियान चलाएगी. विहिप ने सरकार से भी क्रिप्टो क्रिश्चियन के मुद्दे पर (VHP Public Awareness Campaign) ठोस कदम उठाने की मांग की है.

आरक्षण पर डाका : विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाया कि मिशनरी और मौलवियों के जरिए धर्म परिवर्तन करा चुके एससी-एसटी समाज के लोगों के लिए आरक्षण के लाभ की मांग न केवल संविधान बल्कि राष्ट्र विरोधी है. यह अनुसूचित जनजाति समाज के अधिकारों पर खुला डाका है. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि देश में अनुसूचित जाति के आरक्षण पर डाका डालने का काम हो रहा है.

विजय शंकर तिवारी ने क्या कहा...

धर्मांतरित अनुसूचित समाज अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ ले रहा है, जबकि ये संविधान के खिलाफ है. वर्ष 1932 में पूना पैक्ट करते समय डॉ. भीमराव अम्बेडकर और महात्मा गांधी ने अनुसूचित जाति के लिए मिलने वाला आरक्षण धर्मांतरण करने वालों को नहीं देने पर सहमति व्यक्त की थी. उसमें कहा गया था कि धर्मांतरित अनुसूचित जाति के लोगों को दो-दो आरक्षण नहीं मिलेंगे. वर्ष 1936 में मिशनरी और मौलवियों ने इनके आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था, तब महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और डॉ. अम्बेडकर ने अनुचित ठहराया था. इसके बाद अम्बेडकर ने इसे देश विरोधी करार दिया था.

धर्मांतरण से जाती नहीं बदली जाती : विजय शंकर तिवारी ने कहा कि ईसाई मिशनरीज छद्म धर्मांतरण के जरिए एससी-एसटी व्यक्ति का धर्मांतरण करा लेती हैं. दस्तावेजों में जाति वही रहती है जिससे उन्हें लाभ मिलता रहता है. वहीं, जो व्यक्ति धर्मांतरित हो जाता है उसकी पूजा पद्धति, रीति-रिवाज आदि सब बदल जाते हैं. ऐसे में धर्मांतरण करने वालों को एससी-एसटी आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. इस बात को आम समाज तक बात को पहुंचाएंगे.

पढ़ें : धर्मांतरण पर भाजपा सांसद का दावा, लोभ के कारण बढ़ रहे मामले, कहा- आरक्षण वापसी से लगेगी लगाम

केंद्र सरकार उठाए ठोस कदम : तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार को बताएंगे कि इस आरक्षण को रोकने के लिए (Demand to Ban Crypto Christian Reservation) ठोस रणनीति बनानी चाहिये. पिछले कुछ सालों में ईसाई धर्मांतरण की तादाद बढ़ी है. 10 साल पहले 6 करोड़ उनकी आबादी थी, अब लगभग देश में ऐसे लोगो की संख्या 10 करोड़ के करीब है. जनगणना के बाद उन्होंने स्वयं ने स्वीकार किया है कि हमारी 4 फीसदी आबादी बढ़ी है और उन्हें पूर्व की जाति का भी लाभ मिल रहा है.

कांग्रेस हिंदूवादी पार्टी मानी जाती थी : तिवारी ने कहा कि देश के बंटवारे का आधार पर मुस्लिम लीग ने तैयार किया. पहले चुनाव में 90 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया, दस प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया. कांग्रेस पार्टी उस वक्त हिंदूवादी पार्टी के रूप में मानी जाती थी. दस प्रतिशत लोग कांग्रेस को वोट देकर देश और धर्म के साथ खड़े हुए जो जेहादी ताकतों के साथ नहीं थे. एक व्यक्ति भी साथ खड़ा है, उसे छोड़ना नहीं चाहिए.

जयपुर. क्रिप्टो क्रिश्चियन आरक्षण का मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है. विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाया है कि क्रिप्टो क्रिश्चियन एससी-एसटी आरक्षण को छीन रहे हैं. इसे रोकने के लिए विहिप जनजागरण अभियान चलाएगी. विहिप ने सरकार से भी क्रिप्टो क्रिश्चियन के मुद्दे पर (VHP Public Awareness Campaign) ठोस कदम उठाने की मांग की है.

आरक्षण पर डाका : विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाया कि मिशनरी और मौलवियों के जरिए धर्म परिवर्तन करा चुके एससी-एसटी समाज के लोगों के लिए आरक्षण के लाभ की मांग न केवल संविधान बल्कि राष्ट्र विरोधी है. यह अनुसूचित जनजाति समाज के अधिकारों पर खुला डाका है. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि देश में अनुसूचित जाति के आरक्षण पर डाका डालने का काम हो रहा है.

विजय शंकर तिवारी ने क्या कहा...

धर्मांतरित अनुसूचित समाज अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ ले रहा है, जबकि ये संविधान के खिलाफ है. वर्ष 1932 में पूना पैक्ट करते समय डॉ. भीमराव अम्बेडकर और महात्मा गांधी ने अनुसूचित जाति के लिए मिलने वाला आरक्षण धर्मांतरण करने वालों को नहीं देने पर सहमति व्यक्त की थी. उसमें कहा गया था कि धर्मांतरित अनुसूचित जाति के लोगों को दो-दो आरक्षण नहीं मिलेंगे. वर्ष 1936 में मिशनरी और मौलवियों ने इनके आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था, तब महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और डॉ. अम्बेडकर ने अनुचित ठहराया था. इसके बाद अम्बेडकर ने इसे देश विरोधी करार दिया था.

धर्मांतरण से जाती नहीं बदली जाती : विजय शंकर तिवारी ने कहा कि ईसाई मिशनरीज छद्म धर्मांतरण के जरिए एससी-एसटी व्यक्ति का धर्मांतरण करा लेती हैं. दस्तावेजों में जाति वही रहती है जिससे उन्हें लाभ मिलता रहता है. वहीं, जो व्यक्ति धर्मांतरित हो जाता है उसकी पूजा पद्धति, रीति-रिवाज आदि सब बदल जाते हैं. ऐसे में धर्मांतरण करने वालों को एससी-एसटी आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. इस बात को आम समाज तक बात को पहुंचाएंगे.

पढ़ें : धर्मांतरण पर भाजपा सांसद का दावा, लोभ के कारण बढ़ रहे मामले, कहा- आरक्षण वापसी से लगेगी लगाम

केंद्र सरकार उठाए ठोस कदम : तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार को बताएंगे कि इस आरक्षण को रोकने के लिए (Demand to Ban Crypto Christian Reservation) ठोस रणनीति बनानी चाहिये. पिछले कुछ सालों में ईसाई धर्मांतरण की तादाद बढ़ी है. 10 साल पहले 6 करोड़ उनकी आबादी थी, अब लगभग देश में ऐसे लोगो की संख्या 10 करोड़ के करीब है. जनगणना के बाद उन्होंने स्वयं ने स्वीकार किया है कि हमारी 4 फीसदी आबादी बढ़ी है और उन्हें पूर्व की जाति का भी लाभ मिल रहा है.

कांग्रेस हिंदूवादी पार्टी मानी जाती थी : तिवारी ने कहा कि देश के बंटवारे का आधार पर मुस्लिम लीग ने तैयार किया. पहले चुनाव में 90 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया, दस प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया. कांग्रेस पार्टी उस वक्त हिंदूवादी पार्टी के रूप में मानी जाती थी. दस प्रतिशत लोग कांग्रेस को वोट देकर देश और धर्म के साथ खड़े हुए जो जेहादी ताकतों के साथ नहीं थे. एक व्यक्ति भी साथ खड़ा है, उसे छोड़ना नहीं चाहिए.

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