जयपुर. राजस्थान को क्राइम फ्री स्टेट बनाने की कवायद में जुटी राजस्थान पुलिस एक साथ कई मोर्चों पर अपराधियों पर नकेल कसने में जुटी है. एक तरफ लगातार सामूहिक छापेमारी और दबिश देकर एक ही समय पर सैकड़ों बदमाशों को हवालात पहुंचाया जा रहा है. दूसरी तरफ पुलिस बदमाशों की संपत्ति पर भी चोट करने की कवायद में जुटी है. ताकि उनकी कमर तोड़ी जा सके. इस तरह की रणनीति से पुलिस कई मकसद एक साथ हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है. अब उत्तर प्रदेश पुलिस की राह पर चलते हुए राजस्थान पुलिस बदमाशों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए प्रदेशभर के 10 हजार से ज्यादा बदमाशों की संपत्ति का ब्यौरा जुटाया जा रहा है. इसमें से जो संपत्ति अवैध या गलत तरीके से अर्जित पाई जाएगी. उसे ध्वस्त किया जाएगा. अब 'ऑपरेशन वज्र प्रहार' अभियान के तहत बदमाशों द्वारा काली कमाई से अर्जित की गई संपत्तियों पर पुलिस की टेढ़ी नजर है. अब पुलिस का 'वज्र' अपराधियों की संपत्तियों पर भी चलेगा. इसके लिए प्रदेशभर में 10 हजार से ज्यादा अपराधियों की संपत्ति की जानकारी हासिल करने में पुलिस के अधिकारी और जवान जुटे हुए हैं.
सीआईडी सीबी के डीआईजी राहुल प्रकाश बताते हैं कि प्रदेशभर के सभी अपराधियों को लेकर बड़े पैमाने पर होमवर्क एडीजी क्राइम दिनेश एमएन की मॉनिटरिंग में किया गया है. इसके तहत प्रदेशभर के आदतन अपराधियों (तीन या तीन से ज्यादा अपराध करने वाले) की पूरी सूची तैयार की है. अब उनकी संपत्तियों की सूची करवाई जा रही है. इसके लिए सभी जिलों के एसपी को निर्देश जारी किए गए हैं.
आदतन अपराधियों की खोल रहे हिस्ट्रीशीट : डीआईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि ऐसे अपराधियों का पूरा क्राइम रिकॉर्ड तैयार किया गया है और जो बदमाश हिस्ट्रीशीट खोलने लायक हैं. उनकी हिस्ट्रीशीट भी खोली गई है. बड़ी संख्या में आदतन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट भी खोली जा रही है. इसके अलावा इनकी संपत्ति को चिह्नित किया जा रहा है. इसके बाद जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी.
इनकम टैक्स और निकायों को भेजी जाएगी सूची : डीआईजी राहुल प्रकाश का कहना हैं कि अगर बदमाशों की संपत्ति उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा पाई जाती है तो आयकर विभाग को सूचित किया जा रहा है. ऐसे बदमाशों द्वारा बनाई गई संपत्ति में अगर स्थानीय निकायों के प्रावधानों का उल्लंघन पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए स्थानीय निकाय विभाग को जानकारी देकर एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा. राहुल प्रकाश ने बताया कि अभी तक प्रदेशभर के 10 हजार से ज्यादा आदतन अपराधियों की सूची तैयार की गई है. इस पर लगातार काम चल रहा है. इसके अलावा 11 हजार बदमाशों की हिस्ट्रीशीट पहले से ही खुली हुई हैं.
'ऑपरेशन वज्र प्रहार' में पकड़े 30 हजार बदमाश : उन्होंने बताया कि इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक ऑपरेशन वज्र प्रहार के तहत व्यापक छापामार कार्रवाई और दबिश दी गई हैं. उसमें करीब 30 हजार बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें कई बदमाश गंभीर धाराओं के मामलों में गिरफ्तार किए गए हैं. जबकि कई बदमाश अन्य प्रकरणों में वांछित थे.
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बदमाशों का हौसला और कमर तोड़ना है मकसद : बदमाशों की धरपकड़ और संपत्ति पर कार्रवाई करने से एक तो उनके हौसले पस्त होंगे. दूसरा जो युवा जाने-अनजाने में इन बदमाशों को अपना हीरो मानने लगते हैं. उनको भी हकीकत का एहसास होगा और अपराध की दुनिया की ओर उनके बढ़ते कदमों को पहले ही रोका जा सकेगा. इन्हीं मकसद को लेकर राजस्थान पुलिस संगठित अपराधियों, माफिया, हार्डकोर बदमाशों और आदतन अपराधियों के खिलाफ 'ऑपरेशन वज्र प्रहार' अभियान चला रही है.
उदयपुर और कोटा पुलिस ने पेश की मिसाल
कोटा पुलिस ने आदतन अपराधियों की संपत्तियों का लेखा-जोखा तैयार करने के लिए एक बदमाश एक पुलिसकर्मी अभियान शुरू किया है. एसपी शरद चौधरी के अनुसार, इस अभियान के तहत जिले के सभी थानों के चिह्नित बदमाशों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा रखा जाएगा और गलत तरीके से अर्जित संपत्ति पर कार्रवाई की जाएगी. अपराधियों पर नजर रखने के लिए एक पुलिस अधिकारी और एक पुलिसकर्मी को जिम्मा दिया गया है.
उदयपुर में हिरणमगरी थाने के हिस्ट्रीशीटर किरण मेनारिया उर्फ कांचा ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रेस्टोरेंट खोल रखा था. इस पर पुलिस और हाउसिंग बोर्ड की टीम ने कार्रवाई करते हुए जेसीबी चलाकर ध्वस्त कर दिया है. एसपी विकास कुमार के अनुसार, हिस्ट्रीशीटर किरण व साथियों का यह रेस्टोरेंट झामर-कोटड़ा रोड पर था. जो हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर कब्जा कर बनाया गया था. जिसे ध्वस्त किया गया है. किरण उर्फ कांचा के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, फिरौती के लिए धमकाने और आर्म्स एक्ट के 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं.
उदयपुर के ही किशन मेनारिया और दीपक मेनारिया के राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित ढाबे पर भी पिछले दिनों बुलडोजर गरजा. दोनों बदमाशों ने राष्ट्रीय राजमार्ग की जमीन पर भी कब्जा किया हुआ था. इस ढाबे का जो हिस्सा कब्जा कर बनाया गया था. उसे ध्वस्त किया गया है. किशन और दीपक को पुलिस ने अपहरण के एक मामले में हथियारों के साथ पकड़ा गया था. उसके बाद से दोनों जेल में हैं. उनके खिलाफ उदयपुर और राजसमंद जिले के थानों में कई मामले दर्ज हैं.