जयपुर. ग्रेटर निगम में नए साल से डोर-टू डोर कचरा कलेक्शन पर 20 रुपए से लेकर 150 रुपए का यूजर चार्ज चुकाना (User charge on garbage collection in Jaipur) होगा. निगम इस व्यवस्था को अब जनवरी में शुरू करने जा रहा है. शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए कचरा कलेक्शन की रियल मॉनटरिंग और आरएफआईडी को 1 लाख 80 हजार घरों पर व्यवस्था को स्थापित कर दिया है. इसे लेकर शहरवासी अब मोबाइल एप में अपने घर कचरे की गाड़ी पहुंचने और नहीं पहुंचने पर आासानी से शिकायत दर्ज करा सकेंगे. इस समेत कई सुविधाएं निगम एप में उपलब्ध करवाएगा.
राजधानी के ग्रेटर निगम के 7 में से 2 जोन, मालवीय नगर और मुरलीपुरा जोन में डोर-टू डोर कचरा कलेक्शन की नई व्यवस्था लागू की जा चुकी है. साथ ही इस जोन के 1 लाख 80 हजार हाउस होल्ड के लिए आरएफआईडी आधारित इस व्यवस्था को शुरू कर दिया गया है. कचरा उठाने की व्यवस्था को यूजर फ्रेंडली बनाने के मकसद से बुधवार को विधायक कालीचरण सराफ, मेयर सौम्या गुर्जर और कमिश्नर महेन्द्र सोनी ने डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन मोबाइल एप को लॉन्च किया.
इस दौरान विधायक सराफ ने कहा कि निगम की कचरा कलेक्शन में तकनीक के उपयोग से शहर की सफाई व्यवस्था में काफी हद तक सुधार हो सकेगा. साथ ही लोगों को ये भी पता लग पाएगा कि उनके घर पर कचरे की गाड़ी कब पहुंच रही है. गाड़ी नहीं पहुंचने पर इसकी शिकायत मोबाइल एप में दिए गए सुपरवाइजर और कस्टमर केयर नंबर पर की जा सकेगी. निगम के प्रोग्रामर भी जीपीएस आधारित इस व्यवस्था पर निगरानी रखेंगे. वहीं मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि अब तक राजधानी में कचरा कलेक्शन के वजन के आधार पर भुगतान किया जाता था, लेकिन अब इस व्यवस्था को यूजर आधारित किया गया है.
आरएफआईडी आधारित इस व्यवस्था के लागू होने के साथ ही कचरा कलेक्शन के लिए अब शहरवासियों को यूजर चार्ज चुकाना होगा. 50 गज के मकान पर 20 रुपए प्रतिमाह, 50 से 300 गज तक 80 रुपए, 300 गज से ऊपर 150 रुपए प्रतिमाह और इसके साथ ही कॉमर्शियल की विभिन्न कैटेगरिज में वूसली होगी. इस संबंध में निगम कमिश्नर महेन्द्र सोनी का कहना है कि इसके तहत कार्ड को स्कैन किया जाएगा और इससे मोबाइल एप पर जानकारी अपडेट होगी कि कचरा उठाया गया है या नहीं. निगम के लिए कचरे का सेग्रीगेशन करना भी आसान हो सकेगा. जोन आधारित कचरा कलेक्शन की व्यवस्था के लिए जोन डीसी को भी जिम्मेदार बनाया गया है.
बहरहाल, ग्रेटर निगम के दो जोन में नई व्यवस्था लागू कर यूजर चार्जेज भी वसूलने की तैयारी पूरी कर ली गई है. लेकिन अब भी निगम के 5 जोन में टेंडर प्रक्रिया ही चल रही है. पहले भी कंपनियों की दिलचस्पी कम रहने के कारण बाकी जोन में ये व्यवस्था लागू नहीं हो सकी थी. कचरा कलेक्शन में निगम मॉनिटरिंग को मजबूत करने को लेकर तकनीक का सहारा भी ले रहा है. लेकिन यूजर चार्जेज पर लोगों का साथ कितना मिल पाएगा, ये देखने वाली बात होगी.