जयपुर. मई और जून के महीने में राजस्थान में हर साल होने वाली पेयजल किल्लत को लेकर रविवार को जोधपुर में आक्रोश सड़कों पर देखने को मिला. इस दौरान बनाड़ खोखरिया इलाके की महिलाएं नेशनल हाईवे को जाम करने के लिए पहुंच गई. इन महिलाओं ने रास्ता रोकने के बाद सड़क पर बैठकर ढोल बजाया और प्रशासन को जगाने की कोशिश की.
रास्ता जाम होने की सूचना पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारी महिलाओं को रास्ते से हटाने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए रास्ता खुलवाया. पुलिस कार्रवाई से नाराज महिलाओं ने इसका विरोध किया, तो शांति भंग के आरोप में कुछ महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया. पुलिसि की इस कार्रवाई के बाद इलाके में खासा आक्रोश देखने को मिला. इन महिलाओं का आरोप था कि पहले भी कई बार पानी के महत्व को परेशानी बताने के बाद भी उनके इलाके में वाटर सप्लाई नहीं सुधरी. परिणामस्वरूप गर्मी की तपिश के बीच उन्हें पानी की किल्लत से दो चार होना पड़ रहा था.
केंद्रीय मंत्री शेखावत का ट्वीट और तंज : जोधपुर में पेयजल के लिए सड़कों पर आक्रोश देता रही महिलाओं पर पुलिस बल प्रयोग को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और स्थानीय सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट किया. शेखावत ने लिखा कि जोधपुर की इन बहनों को दोष केवल इतना कि इन्होंने सरकार से पानी मांगा. उन्होंने स्थानीय अशोक गहलोत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान की मां- बहन और बेटियों को पानी की परेशानी से निजात दिलाने मोदी सरकार तो मिशन मोड पर काम कर रही है, लेकिन गहलोत सरकार को रत्तीभर का सरोकार नहीं है.
हजारों करोड़ रुपए की मदद मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन पर कछुआ चाल से काम किया. केंद्र से मिला फंड तक खर्च करने में कोताही की। उन्होंने स्थानीय सरकार पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस 'हर घर नल से जल’ पहुंचाने में भी राजनीतिक हानि-लाभ देखती है.जोधपुर के प्रति मुख्यमंत्री का नजरिया और भी रूखा है, क्योंकि यहां से मैं सांसद हूं और वे नहीं चाहते यहां जनहित के काम सुचारू रहें.