जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान दौरे पर सवाल उठाया तो प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया. गहलोत के बयान के बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत के वश में हो तो केंद्रीय मंत्रियों के राजस्थान आने पर बैन लगा दें. वहीं, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने सीएम गहलोत की ओर से की गई टिप्पणी को अशोभनीय बताया.
गहलोत ने उठाए सवाल : गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सीएम गहलोत हार से इतने डरे हुए हैं कि उन्हें उपराष्ट्रपति का अपने ही राज्य में आगमन भी खटक रहा है. केंद्र से तो वैसे ही उन्होंने तकरीबन सारे संबंध काट लिए हैं, अब उनका वश चले तो केंद्रीय मंत्रियों के आने पर बैन लगा दें. बाड़ेबंदी की तो सीएम गहलोत की आदत है. शेखावत ने कहा कि एक मुख्यमंत्री की गरिमा के अनुरूप गहलोत बहुत हल्की बातें करते हैं. अब क्या कांग्रेस राजस्थान आने के लिए वीजा देगी?
कर्मचारियों का भुगतान रोकना अन्याय : वहीं, कर्मचारियों के भुगतान रुकने की खबरों पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने तंज कसते हुए कहा कि कौन कहता है कि जनता को राहत न दो ? लेकिन साढ़े चार साल सोने के बाद चुनावी लाभ के लिए सफेद हाथी जैसी इतनी घोषणाएं कर दो कि कर्मचारियों को भुगतान का संकट हो जाए, क्या ये अन्याय नहीं है ? उन्होंने कहा कि दीपावली का त्योहार सामने है और राज्य सरकार आमजन का दीवाला निकालने में जुटी प्रतीत हो रही है.
गहलोत ने ये कहा था : बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में मिशन 2030 के लिए जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लगातार राजस्थान दौरे को लेकर सवाल खड़े किए थे. गहलोत ने कहा कि था कि पहले प्रधानमंत्री आए और अब उपराष्ट्रपति अप-डाउन कर रहे हैं. राज्यपाल हो या उपराष्ट्रपति हम सबका सम्मान करते हैं और अगर उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति बनेंगे तो भी हम स्वागत करेंगे, लेकिन अभी मेहरबानी रखें, बार-बार सुबह-शाम आ रहे हैं. राजस्थान में चुनाव हैं और वो दौरे कर रहे हैं, इसका कोई तुक नहीं है.
सीएम की ओर से की गई टिप्पणी अशोभनीय : केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर की गई टिप्पणी अशोभनीय है. उपराष्ट्रपति धनखड़ की ओर से बीकानेर में क्षेत्रीय मूंगफली अनुसंधान केंद्र और गुड़ामालानी (बाड़मेर) में क्षेत्रीय बाजरा अनुसंधान केंद्र की सौगात से शायद मुख्यमंत्री गहलोत खफा है और बौखला गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह लगता है कि प्रदेश के किसानों का रुझान लगातार पीएम मोदी की ओर बढ़ रहा है. भारतीय संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति का पद गैर राजनीतिक और मर्यादित होता है, इसलिए मुख्यमंत्री गहलोत को देश के किसानों से माफी मांगते हुए अपने शब्द वापस लेने चाहिए.