जयपुर. पेपर लीक मामले को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार पर विपक्ष का हमला कम नहीं हो रहा है. शुक्रवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस सरकार पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि राजस्थान के युवाओं का सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी सरकार में हुआ है तो वो कांग्रेस सरकार में. पॉलिटिकल नुकसान अपनी जगह, लेकिन जो भविष्य का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने में लंबा समय लगेगा.
प्रधानमंत्री का रोजगार मेला : सीतापुरा में महात्मा गांधी अस्पताल सभागार में आयोजित प्रधानमंत्री के रोजगार मेला कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हुए. कार्यक्रम के बाद शेखावत ने मीडियाकर्मियों से कहा कि पेपर लीक के कारण राजस्थान के युवाओं और गरीबों का नुकसान हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान जो प्रगति के पथ पर चल रहा था, लेकिन वह आज पिछड़ कर अंतिम पायदान के राज्यों की श्रेणी में पहुंच चुका है.
लीपापोती की कोशिश : शेखावत ने कहा कि हमारी सरकार के समय इस तरह से पेपर लीक नहीं होते थे. 18 बार पेपर लीक होने के बाद भी लीपापोती की कोशिश हो रही है. शेखावत ने सीएम गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कि कहा कि यह मैं नहीं कह रहा, बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी के ही बड़े नेता ने प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं कि जब इस प्रकरण में एक भी अधिकारी-कर्मचारी शामिल नहीं था तो फिर 'जादू की तिजोरी' से निकलकर पेपर बाहर कैसे पहुंच गए थे ?
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बता दें कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने किसान सम्मेलन में पेपर लीक मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला था. पायलट ने पेपर लीक मामले में पेपर पहुंचाने वाले आरोपियों पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि जिन्होंने पेपर आलमारी से निकालकर आरोपरियों को दिए, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई. झुंझुनू में आयोजित किसान सम्मेलन में पायलट ने कहा था कि यदि पेपर लीक मामले में कोई अधिकारी व नेता शामिल नहीं है तो फिर क्या कोई जादूगरी हो गई कि तिजोरी में बंद पेपर बच्चों तक पहुंच गए.
केंद्र सरकार 10 लाख लोगों को रोजगार दे रही है : शेखावत ने इस दौरान मिशन कर्मयोगी ऐप भी लांच किया. शेखावत ने कहा कि पीएम मोदी को इस बात की चिंता है कि रोजगार के क्षेत्र में नए-नए विकल्प तलाशे जाएं. तीसरे चरण में 71 हजार युवाओं को नौकरी मिली है. पीएम खुद कहते हैं कि व्यक्ति को अपने जीवन में हमेशा सीखते रहने चाहिए. सरकारी नौकरी में आते ही ऑटोनोमस मोड में चले जाते हैं, जबकि सरकारी क्षेत्र में काम करने वालों को भी निरंतर सीखते रहना चाहिए. मिशन कर्मचोगी ऐप के जरिए सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले अपनी क्षमता का विकास कर पाएंगे.