जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझुनू की विभिन्न पीएचसी और सीएचसी में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों का तबादला सुदूर जिलों बाड़मेर, जोधपुर और जैसलमेर में करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अधिकरण ने तबादला आदेशों की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. वहीं, अधिकरण ने मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित झुंझुनू सीएमएचओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अधिकरण ने यह आदेश सुभिता और मनेश सहित अन्य कई नर्सिंगकर्मियों की ओर से पेश अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.
अपील में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी नर्सिंगकर्मी जिले की विभिन्न पीएचसी और सीएचसी में अन्य स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत हैं और उसी स्वीकृत पद का वेतन भी ले रहे हैं. राज्य सरकार ने इन स्वीकृत पदों में से एक भी पद पर किसी कर्मचारी का पदस्थापन नहीं किया है. इसके बावजूद स्वास्थ्य निदेशक ने गत 3 सितंबर को विभिन्न आदेश जारी कर अपीलार्थी नर्सिंगकर्मियों को सरप्लस दर्शाकर उनका तबादला सैकड़ों किलोमीटर दूर बाड़मेर, जोधपुर और जैसलमेर जैसे जिलों में कर दिया गया है.
अपील में कहा गया कि अपीलार्थी दूसरे स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत होकर नर्सिंगकर्मी का काम देख रहे हैं और दूसरे स्वीकृत पद पर किसी अन्य कर्मचारी को पदस्थापित नहीं किया गया है. ऐसे में उन्हें सरप्लस किस आधार पर दिखाया गया है. ऐसे में विभाग के तबादला आदेशों की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने अपीलार्थियों के तबादला आदेशों की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.