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Special : जयपुर का लक्ष्मण झूला! गुलाबी नगरी में विकसित हो रहा धार्मिक पर्यटन, रोपवे लगाएगा चार चांद

Jaipur First Ropeway, गुलाबी नगरी के टूरिस्ट डेस्टिनेशन के साथ एक नाम और जुड़ने जा रहा है. अब तक धार्मिक क्षेत्र के नाम से जाने जाने वाला दिल्ली रोड स्थित खोल के हनुमान जी मंदिर अब टूरिस्ट हब के रूप में विकसित होगा, जहां से जयपुर के विहंगम नजारे देखने को मिलेंगे. जी हां, राजधानी का पहला रोपवे जल्द शुरू होने जा रहा है.

Ropeway at Samod Jaipur
रोपवे लगाएगा चार चांद
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 17, 2023, 8:07 PM IST

जयपुर में रोपवे लगाएगा चार चांद

जयपुर. राजधानी जयपुर में जिस लक्ष्मण झूले की परिकल्पना ब्रह्मलीन पंडित राधेलाल चौबे ने की थी वो अब साकार रूप ले रहा है. जयपुर के खोल के हनुमान जी में अन्नपूर्णा मंदिर से वैष्णो देवी मंदिर तक करीब 450 मीटर लंबाई का रोपवे निर्माण किया गया है. इसके संचालक कैलाश खंडेलवाल ने बताया कि 18 करोड़ की लागत से 1 साल में इस रोपवे को तैयार किया गया है, जो हिंदुस्तान का सबसे तेज बनने वाला रोपवे है.

इसमें ऑटोमेटिक और पैनोरमिक केबिन बनाए गए हैं, जहां से चारों तरफ का नजारा देखा जा सकेगा. यहां करीब 30 सेकंड राइड को बीच में रोका भी जाएगा, ताकि पर्यटक खोले के हनुमान जी का एरियल व्यू देख सकें और इसे कैप्चर भी कर सकें. यही इस रोपवे का एक मोटो भी है कि पर्यटक यहां आकर शहर के विहंगम दृश्य को ना सिर्फ अपने कमरे में कैद कर सकें, बल्कि अपनी यादों में भी संजो सकें. रात में लाइटिंग के दौरान नजारा और भी विहंगम दिखेगा.

पढ़ें : ये न्यूयार्क और मैड्रिड के पार्क नहीं, कोटा का 'गार्डन ऑफ जॉय' है...देखें तस्वीरें

वहीं, रोपवे संचालन समिति के मनोज दीक्षित ने बताया कि पांच टावर पर संचालित इस रोपवे की ऊंचाई 85 मीटर है. यहां 12 हाई क्लास ऑटोमेटिक केबिन तैयार किए गए हैं. एक केबिन में 6 लोग बैठकर इस शानदार राइड का लुत्फ उठा सकेंगे. वहीं, एक बार में तकरीबन 72 लोग इस राइड को एंजॉय कर सकेंगे. इसका आने-जाने का शुल्क 150 रुपये निर्धारित किया गया है. इसके अलावा बुजुर्ग, दिव्यांग और बच्चों के लिए ये शुल्क 75 रुपये रखा गया है. जयपुर वासियों और टूरिस्ट सभी के लिए ये दर समान रखी गई है. यहां पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने सुरक्षा और क्षमता की जांच भी की है. जल्द सेफ्टी सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया जाएगा. फिलहाल, इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू किया गया है.

हालांकि, इस रूप में का अभी कोई ऑफिशियल नाम नहीं रखा गया है. वहीं, खोल के हनुमान जी मंदिर समिति के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि ब्रह्मलीन पंडित राधेलाल चौबे की कल्पना थी कि यहां लक्ष्मण डूंगरी से मंदिर तक लक्ष्मण झूला बने, उसी कल्पना का साकार रूप अब मिलने जा रहा है. वर्तमान में रोपवे का काम अपने अंतिम चरण में चल रहा है. मंदिर सहयोग है. ये जितना जल्दी चालू होगा उससे ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट आ सके और आने-जाने वालों को जयपुर में एक नया टूरिस्ट प्लेस मिलेगा.

आपको बता दें कि मंदिर समिति ने अपनी ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस प्रोजेक्ट को जनता के लिए उद्घाटन कर सुपुर्द करने के लिए पत्र लिखा है. जैसे ही मुख्यमंत्री कार्यालय से इस संबंध में कंफर्मेशन आ जाएगा, जयपुर का पहला रोपवे शुरू कर दिया जाएगा. बहरहाल, इस रोप वे के जरिए जब पर्यटक वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचेगा तो उसे एक तरफ जयपुर का विकसित स्वरूप तो एक तरफ पुराना परकोटा देखने को मिलेगा. जब इस विहंगम दृश्य को कमरे में कैद करेगा तो जयपुर की ख्याति विश्व पटल पर और बढ़ती हुई नजर आएगी.

जयपुर में रोपवे लगाएगा चार चांद

जयपुर. राजधानी जयपुर में जिस लक्ष्मण झूले की परिकल्पना ब्रह्मलीन पंडित राधेलाल चौबे ने की थी वो अब साकार रूप ले रहा है. जयपुर के खोल के हनुमान जी में अन्नपूर्णा मंदिर से वैष्णो देवी मंदिर तक करीब 450 मीटर लंबाई का रोपवे निर्माण किया गया है. इसके संचालक कैलाश खंडेलवाल ने बताया कि 18 करोड़ की लागत से 1 साल में इस रोपवे को तैयार किया गया है, जो हिंदुस्तान का सबसे तेज बनने वाला रोपवे है.

इसमें ऑटोमेटिक और पैनोरमिक केबिन बनाए गए हैं, जहां से चारों तरफ का नजारा देखा जा सकेगा. यहां करीब 30 सेकंड राइड को बीच में रोका भी जाएगा, ताकि पर्यटक खोले के हनुमान जी का एरियल व्यू देख सकें और इसे कैप्चर भी कर सकें. यही इस रोपवे का एक मोटो भी है कि पर्यटक यहां आकर शहर के विहंगम दृश्य को ना सिर्फ अपने कमरे में कैद कर सकें, बल्कि अपनी यादों में भी संजो सकें. रात में लाइटिंग के दौरान नजारा और भी विहंगम दिखेगा.

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वहीं, रोपवे संचालन समिति के मनोज दीक्षित ने बताया कि पांच टावर पर संचालित इस रोपवे की ऊंचाई 85 मीटर है. यहां 12 हाई क्लास ऑटोमेटिक केबिन तैयार किए गए हैं. एक केबिन में 6 लोग बैठकर इस शानदार राइड का लुत्फ उठा सकेंगे. वहीं, एक बार में तकरीबन 72 लोग इस राइड को एंजॉय कर सकेंगे. इसका आने-जाने का शुल्क 150 रुपये निर्धारित किया गया है. इसके अलावा बुजुर्ग, दिव्यांग और बच्चों के लिए ये शुल्क 75 रुपये रखा गया है. जयपुर वासियों और टूरिस्ट सभी के लिए ये दर समान रखी गई है. यहां पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने सुरक्षा और क्षमता की जांच भी की है. जल्द सेफ्टी सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया जाएगा. फिलहाल, इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू किया गया है.

हालांकि, इस रूप में का अभी कोई ऑफिशियल नाम नहीं रखा गया है. वहीं, खोल के हनुमान जी मंदिर समिति के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि ब्रह्मलीन पंडित राधेलाल चौबे की कल्पना थी कि यहां लक्ष्मण डूंगरी से मंदिर तक लक्ष्मण झूला बने, उसी कल्पना का साकार रूप अब मिलने जा रहा है. वर्तमान में रोपवे का काम अपने अंतिम चरण में चल रहा है. मंदिर सहयोग है. ये जितना जल्दी चालू होगा उससे ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट आ सके और आने-जाने वालों को जयपुर में एक नया टूरिस्ट प्लेस मिलेगा.

आपको बता दें कि मंदिर समिति ने अपनी ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस प्रोजेक्ट को जनता के लिए उद्घाटन कर सुपुर्द करने के लिए पत्र लिखा है. जैसे ही मुख्यमंत्री कार्यालय से इस संबंध में कंफर्मेशन आ जाएगा, जयपुर का पहला रोपवे शुरू कर दिया जाएगा. बहरहाल, इस रोप वे के जरिए जब पर्यटक वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचेगा तो उसे एक तरफ जयपुर का विकसित स्वरूप तो एक तरफ पुराना परकोटा देखने को मिलेगा. जब इस विहंगम दृश्य को कमरे में कैद करेगा तो जयपुर की ख्याति विश्व पटल पर और बढ़ती हुई नजर आएगी.

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