ETV Bharat / state

चैत्र नवरात्र में देवी भक्तों के लिए धर्म संकट...घट स्थापना को लेकर असमंजस की स्थिति

भारतीय नववर्ष 2019 (नवसंवत्सर) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 6 अप्रैल से शुरू होंगे. इस दिन चैत्र नवरात्र भी शुरू होंगे. इस बार चैत्र प्रतिपदा पर दिनभर वैधृति योग रहेगा और इसमें घट स्थापना पूर्णतय वर्जित मानी गई है.

author img

By

Published : Mar 28, 2019, 6:06 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर


जयपुर. भारतीय नववर्ष 2019 (नवसंवत्सर) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 6 अप्रैल से शुरू होंगे. इस दिन चैत्र नवरात्र भी शुरू होंगे. इस बार चैत्र प्रतिपदा पर दिनभर वैधृति योग रहेगा और इसमें घट स्थापना पूर्णतय वर्जित मानी गई है. इसलिए घट स्थापना का कोई मुहूर्त नहीं है. हालांकि धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन दोपहर 12 बजकर 05 से 12 बजकर 55 मिनट तक घट स्थापना की जा सकेगी, ऐसे में नवरात्र में घट स्थापना के लिए सिर्फ 50 मिनट का ही समय मिलेगा. इस समय अभिजित मुहूर्त के साथ अमृत योग भी रहेगा.

देखें वीडियो.

शास्त्रों के अनुसार वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र में घट स्थापना को निषेध बताया गया है. इस बार चैत्र प्रतिपदा पर पूरे दिन वैधृति योग रहेगा. वैधृति योग एक दिन पहले ही 5 अप्रेल को रात 20 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा, जो 6 अप्रेल को रात 9 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. ऐसे में चैत्र नवरात्र के पहले दिन दिनभर वैधृति योग रहने से घट स्थापना का कोई पंचांगीय मुहूर्त नहीं है.

सम्राट पंचांग के ज्योतिषाचार्य रवि शर्मा ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र शुरू होंगे, इस बार इसदिन वैधृति योग होने से पंचांगीय मुहूर्त नहीं है. हालांकि धर्म सिंधु व निर्णय सिंधु धर्म शास्त्रों के अनुसार वैधृति योग के दो चरण समाप्त होने के बाद घट स्थापना की जा सकती है. ऐसे में इस दिन वैधृति योग के दो चरण खत्म होने के बाद अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12.05 से 12.55 बजे तक घट स्थापना की जा सकेगी. अभिजित स्वयंसिद्ध काल होने से इस समय ही घट स्थापना की जा सकती है. इस बीच अमृतयोग भी रहेगा। अमृत योग सुबह 6 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.

नवरात्र में बन रहे कई संयोग
बसंत नवरात्र में इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं. ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्र के 9 दिनों में 5 बार सवार्थसिद्धि और दो बार रवि योग आएगा, जो देवी साधना के लिए विशेष फलदायक माने गए है. नवरात्र की शुरुआत रेवती नक्षत्र से हो रही है. दूसरे दिन 7 अप्रैल यानी द्वितीय तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग (लक्ष्मी पंचमी) होगी. 11 अप्रैल को पष्ठी तिथि को फिर रवि योग होगा. 12 अप्रैल को सप्तमी पर सर्वार्थसिद्धि योग होगा. 14 अप्रैल को नवमी वैष्णव मतानुसार महानवमी रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा.

नवरात्र के 9 दिन, 9 शुभ संयोग

  • 6 अप्रैल - रेवती नक्षत्र सूर्योदय के साथ शुरू होगा नवसंवत्सर
  • 7 अप्रैल - सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह 06.15 से 08.44 तक और राज योग सुबह 8.44 बजे से अगले दिन 8 अप्रैल को सुबह 6.14 बजे तक
  • 8 अप्रैल- रवि योग, सुबह 9.43 बजे से 9 अप्रेल को सुबह 10.18 बजे तक
  • 9 अप्रैल - सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह 6.13 बजे से 10.19 बजे तक, कुमार योग शाम 4.07 बजे से 10 अप्रैल को सुबह 10.33 बजे तक
  • 10 अप्रैल - सर्वार्थ सिद्धि योग, पूरे दिन और रवि योग, सुबह 10.33 बजे से अगले दिन 11 अप्रेल सुबह 10.25 बजे तक
  • 12 अप्रैल - सर्वार्थसिद्धि योग, सुबह 9.54 बजे से 13 अप्रैल को सुबह 6.09 बजे तक
  • 13 अप्रैल - रवि योग, सुबह 8.58 बजे से 16 अप्रैल सुबह 4 बजे तक
  • 14 अप्रैल - रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह 6.08 बजे से 7.40 बजे तक



जयपुर. भारतीय नववर्ष 2019 (नवसंवत्सर) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 6 अप्रैल से शुरू होंगे. इस दिन चैत्र नवरात्र भी शुरू होंगे. इस बार चैत्र प्रतिपदा पर दिनभर वैधृति योग रहेगा और इसमें घट स्थापना पूर्णतय वर्जित मानी गई है. इसलिए घट स्थापना का कोई मुहूर्त नहीं है. हालांकि धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन दोपहर 12 बजकर 05 से 12 बजकर 55 मिनट तक घट स्थापना की जा सकेगी, ऐसे में नवरात्र में घट स्थापना के लिए सिर्फ 50 मिनट का ही समय मिलेगा. इस समय अभिजित मुहूर्त के साथ अमृत योग भी रहेगा.

देखें वीडियो.

शास्त्रों के अनुसार वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र में घट स्थापना को निषेध बताया गया है. इस बार चैत्र प्रतिपदा पर पूरे दिन वैधृति योग रहेगा. वैधृति योग एक दिन पहले ही 5 अप्रेल को रात 20 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा, जो 6 अप्रेल को रात 9 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. ऐसे में चैत्र नवरात्र के पहले दिन दिनभर वैधृति योग रहने से घट स्थापना का कोई पंचांगीय मुहूर्त नहीं है.

सम्राट पंचांग के ज्योतिषाचार्य रवि शर्मा ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र शुरू होंगे, इस बार इसदिन वैधृति योग होने से पंचांगीय मुहूर्त नहीं है. हालांकि धर्म सिंधु व निर्णय सिंधु धर्म शास्त्रों के अनुसार वैधृति योग के दो चरण समाप्त होने के बाद घट स्थापना की जा सकती है. ऐसे में इस दिन वैधृति योग के दो चरण खत्म होने के बाद अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12.05 से 12.55 बजे तक घट स्थापना की जा सकेगी. अभिजित स्वयंसिद्ध काल होने से इस समय ही घट स्थापना की जा सकती है. इस बीच अमृतयोग भी रहेगा। अमृत योग सुबह 6 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.

नवरात्र में बन रहे कई संयोग
बसंत नवरात्र में इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं. ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्र के 9 दिनों में 5 बार सवार्थसिद्धि और दो बार रवि योग आएगा, जो देवी साधना के लिए विशेष फलदायक माने गए है. नवरात्र की शुरुआत रेवती नक्षत्र से हो रही है. दूसरे दिन 7 अप्रैल यानी द्वितीय तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग (लक्ष्मी पंचमी) होगी. 11 अप्रैल को पष्ठी तिथि को फिर रवि योग होगा. 12 अप्रैल को सप्तमी पर सर्वार्थसिद्धि योग होगा. 14 अप्रैल को नवमी वैष्णव मतानुसार महानवमी रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा.

नवरात्र के 9 दिन, 9 शुभ संयोग

  • 6 अप्रैल - रेवती नक्षत्र सूर्योदय के साथ शुरू होगा नवसंवत्सर
  • 7 अप्रैल - सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह 06.15 से 08.44 तक और राज योग सुबह 8.44 बजे से अगले दिन 8 अप्रैल को सुबह 6.14 बजे तक
  • 8 अप्रैल- रवि योग, सुबह 9.43 बजे से 9 अप्रेल को सुबह 10.18 बजे तक
  • 9 अप्रैल - सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह 6.13 बजे से 10.19 बजे तक, कुमार योग शाम 4.07 बजे से 10 अप्रैल को सुबह 10.33 बजे तक
  • 10 अप्रैल - सर्वार्थ सिद्धि योग, पूरे दिन और रवि योग, सुबह 10.33 बजे से अगले दिन 11 अप्रेल सुबह 10.25 बजे तक
  • 12 अप्रैल - सर्वार्थसिद्धि योग, सुबह 9.54 बजे से 13 अप्रैल को सुबह 6.09 बजे तक
  • 13 अप्रैल - रवि योग, सुबह 8.58 बजे से 16 अप्रैल सुबह 4 बजे तक
  • 14 अप्रैल - रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह 6.08 बजे से 7.40 बजे तक


Intro:जयपुर- भारतीय नववर्ष 2019 (नवसंवत्सर) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 6 अप्रेल से शुरू होंगे। इस दिन चैत्र नवरात्र (बसंत नवरात्र) भी शुरू होंगे। इस बार चैत्र प्रतिपदा पर दिनभर वैधृति योग रहेगा और इसमें घट स्थापना पूर्णतय वर्जित मानी गई है। इसलिए घट स्थापना का कोई मुहूर्त नहीं है। हालांकि धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन दोपहर 12 बजकर 05 से 12 बजकर 55 मिनट तक घट स्थापना की जा सकेगी, एेसे में नवरात्र में घट स्थापना के लिए सिर्फ 50 मिनट का ही समय मिलेगा। इस समय अभिजित मुहूर्त के साथ अमृत योग भी रहेगा।


Body:शास्त्रों के अनुसार वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र में घट स्थापना को निषेध बताया गया है। इस बार चैत्र प्रतिपदा पर पूरे दिन वैधृति योग रहेगा। वैधृति योग एक दिन पहले ही 5 अप्रेल को रात 20 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा, जो 6 अप्रेल को रात 9 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। एेसे में चैत्र नवरात्र के पहले दिन दिनभर वैधृति योग रहने से घट स्थापना का कोई पंचांगीय मुहूर्त नहीं है। सम्राट पंचांग के ज्योतिषाचार्य रवि शर्मा ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र शुरू होंगे, इस बार इसदिन वैधृति योग होने से पंचांगीय मुहूर्त नहीं है। हालांकि धर्म सिंधु व निर्णय सिंधु धर्म शास्त्रों के अनुसार वैधृति योग के दो चरण समाप्त होने के बाद घट स्थापना की जा सकती है। एेसे में इस दिन वैधृति योग के दो चरण खत्म होने के बाद अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12.05 से 12.55 बजे तक घट स्थापना की जा सकेगी। अभिजित स्वयंसिद्ध काल होने से इस समय ही घट स्थापना की जा सकती है। इस बीच अमृतयोग भी रहेगा। अमृत योग सुबह 6 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।

नवरात्र में बन रहे कई संयोग
बसंत नवरात्र में इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्र के 9 दिनों में 5 बार सवार्थसिद्धि और दो बार रवि योग आएगा, जो देवी साधना के लिए विशेष फलदायक माने गए है। नवरात्र की शुरुआत रेवती नक्षत्र से हो रही है। दूसरे दिन 7 अप्रेल यानी द्वितीय तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग (लक्ष्मी पंचमी) होगी। 11 अप्रेल को पष्ठी तिथि को फिर रवि योग होगा। 12 अप्रेल को सप्तमी पर सर्वार्थसिद्धि योग होगा। 14 अप्रेल को नवमी वैष्णव मतानुसार महानवमी रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा।


नवरात्र के 9 दिन, 9 शुभ संयोग

6 अप्रेल - रेवती नक्षत्र सूर्योदय के साथ शुरू होगा नवसंवत्सर

7 अप्रेल - सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह 06.15 से 08.44 तक और राज योग सुबह 8.44 बजे से अगले दिन 8 अप्रेल को सुबह 6.14 बजे तक

8 अप्रेल - रवि योग, सुबह 9.43 बजे से 9 अप्रेल को सुबह 10.18 बजे तक

9 अप्रेल - सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह 6.13 बजे से 10.19 बजे तक, कुमार योग शाम 4.07 बजे से 10 अप्रेल को सुबह 10.33 बजे तक

10 अप्रेल - सर्वार्थ सिद्धि योग, पूरे दिन और रवि योग, सुबह 10.33 बजे से अगले दिन 11 अप्रेल सुबह 10.25 बजे तक

12 अप्रेल - सर्वार्थसिद्धि योग, सुबह 9.54 बजे से 13 अप्रेल को सुबह 6.09 बजे तक

13 अप्रेल - रवि योग, सुबह 8.58 बजे से 16 अप्रेल सुबह 4 बजे तक

14 अप्रेल - रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग, सुबह 6.08 बजे से 7.40 बजे तक


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.