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Rajasthan Assembly Election 2023 : वसुंधरा समर्थक अशोक लाहोटी का टिकट कटने से वैश्य समाज नाराज, कहा- पुनर्विचार नहीं तो दूसरी सीट पर करें एडजस्ट - sitting MLA Ashok Lahoti

BJP denied ticket to MLA Ashok Lahoti, सांगानेर विधानसभा सीट से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काट कर उनकी जगह ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला है. वहीं, लाहोटी का टिकट कटने पर वैश्य समाज उनके समर्थन में उतर आया और समाज के लोगों ने शुक्रवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

Rajasthan Assembly Election 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 27, 2023, 3:57 PM IST

अशोक लाहोटी का टिकट कटने से वैश्य समाज नाराज

जयपुर. भाजपा की पहली और दूसरी सूची जारी होने के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन का दौर अब भी जारी है. इससे पार्टी की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को दूसरी सूची में जयपुर की सांगानेर सीट से मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट कटने से नाराज वैश्य समाज ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. लाहोटी समर्थकों ने पार्टी से प्रत्याशी चयन पर पुनर्विचार करने या फिर मौजूदा विधायक को किसी अन्य सीट से प्रत्याशी घोषित करने की मांग की. इतना ही नहीं वैश्य समाज की ओर से चेतावनी दी गई कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर समाज खुले तौर पर चुनाव में भाजपा का विरोध करेगा.

टिकट नहीं तो वोट नहीं : माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष केदार मल भालू ने कहा कि वैश्य समाज भाजपा का परंपरागत वोटर है. 85 फीसदी से ज्यादा वैश्य समाज भाजपा को वोट करता है, लेकिन पार्टी ने जिस तरह से समाज के युवा नेता को दरकिनार किया है वो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि अशोक लाहोटी समाज के एक युवा और लोकप्रिय नेता हैं. यूनिवर्सिटी से लेकर उन्होंने विधानसभा तक चुनाव लड़े हैं और जीत दर्ज की है. वो माहेश्वरी समाज के साथ ही अन्य समाज में भी खासा लोकप्रिय हैं. ऐसे में उनकी लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए पार्टी को प्रत्याशी चयन पर पुनर्विचार करना चाहिए. यदि बदलाव संभव नहीं है तो फिर उन्हें किसी अन्य सीट से प्रत्याशी घोषित किया जाए. आगे उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर समाज के लोग एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ उतरेंगे.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा की अगली सूची के लिए मंथन आज, शेष 76 में से 66 सीटों पर पिछली बार मिली थी हार

पुनर्विचार नहीं तो किसी अन्य जगह एडजस्ट करें : माहेश्वरी समाज के पूर्व अध्यक्ष सत्यनारायण काबरा ने कहा कि पार्टी को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना ही पड़ेगा. वैश्य समाज देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभाता है और यह समाज हमेशा से ही भाजपा का वोट बैंक रहा है, लेकिन जिस तरह से पार्टी ने वैश्य समाज के नेताओं को टिकट वितरण में नजरअंदाज किया है, उससे समाज में भारी आक्रोश है. समाज के लक्ष्मीकांत मुछाल ने कहा कि भाजपा या तो सांगानेर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी के चयन को लेकर पुनर्विचार करे या फिर किसी अन्य सीट से अशोक लाहोटी को मैदान में उतारे. यदि भाजपा ऐसा नहीं करती है तो फिर वैश्य समाज भाजपा का विरोध करेगा और नोटा का बटन दबाने के लिए मजबूर होगा.

राजे के करीबी का कटा टिकट : बता दें कि अशोक लाहोटी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं. लाहोटी के साथ ही झोटवाड़ा से पूर्व में भाजपा के प्रत्याशी रहे राजपाल शेखावत भी राजे के समर्थक माने जाते हैं और इन दोनों का पार्टी ने टिकट काट दिया है. इसको लेकर लगातार विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है.

अशोक लाहोटी का टिकट कटने से वैश्य समाज नाराज

जयपुर. भाजपा की पहली और दूसरी सूची जारी होने के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन का दौर अब भी जारी है. इससे पार्टी की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को दूसरी सूची में जयपुर की सांगानेर सीट से मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट कटने से नाराज वैश्य समाज ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. लाहोटी समर्थकों ने पार्टी से प्रत्याशी चयन पर पुनर्विचार करने या फिर मौजूदा विधायक को किसी अन्य सीट से प्रत्याशी घोषित करने की मांग की. इतना ही नहीं वैश्य समाज की ओर से चेतावनी दी गई कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर समाज खुले तौर पर चुनाव में भाजपा का विरोध करेगा.

टिकट नहीं तो वोट नहीं : माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष केदार मल भालू ने कहा कि वैश्य समाज भाजपा का परंपरागत वोटर है. 85 फीसदी से ज्यादा वैश्य समाज भाजपा को वोट करता है, लेकिन पार्टी ने जिस तरह से समाज के युवा नेता को दरकिनार किया है वो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि अशोक लाहोटी समाज के एक युवा और लोकप्रिय नेता हैं. यूनिवर्सिटी से लेकर उन्होंने विधानसभा तक चुनाव लड़े हैं और जीत दर्ज की है. वो माहेश्वरी समाज के साथ ही अन्य समाज में भी खासा लोकप्रिय हैं. ऐसे में उनकी लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए पार्टी को प्रत्याशी चयन पर पुनर्विचार करना चाहिए. यदि बदलाव संभव नहीं है तो फिर उन्हें किसी अन्य सीट से प्रत्याशी घोषित किया जाए. आगे उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर समाज के लोग एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ उतरेंगे.

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पुनर्विचार नहीं तो किसी अन्य जगह एडजस्ट करें : माहेश्वरी समाज के पूर्व अध्यक्ष सत्यनारायण काबरा ने कहा कि पार्टी को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना ही पड़ेगा. वैश्य समाज देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभाता है और यह समाज हमेशा से ही भाजपा का वोट बैंक रहा है, लेकिन जिस तरह से पार्टी ने वैश्य समाज के नेताओं को टिकट वितरण में नजरअंदाज किया है, उससे समाज में भारी आक्रोश है. समाज के लक्ष्मीकांत मुछाल ने कहा कि भाजपा या तो सांगानेर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी के चयन को लेकर पुनर्विचार करे या फिर किसी अन्य सीट से अशोक लाहोटी को मैदान में उतारे. यदि भाजपा ऐसा नहीं करती है तो फिर वैश्य समाज भाजपा का विरोध करेगा और नोटा का बटन दबाने के लिए मजबूर होगा.

राजे के करीबी का कटा टिकट : बता दें कि अशोक लाहोटी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं. लाहोटी के साथ ही झोटवाड़ा से पूर्व में भाजपा के प्रत्याशी रहे राजपाल शेखावत भी राजे के समर्थक माने जाते हैं और इन दोनों का पार्टी ने टिकट काट दिया है. इसको लेकर लगातार विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है.

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