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गहलोत सरकार ने सर्कुलेशन के जरिए लिए तीन अहम निर्णय - jaipur

गहलोत सरकार ने सर्कुलेशन के जरिये तीन अहम निर्णय  लिए हैं. पहला निर्णय आवास खाली नहीं करने वाले मंत्रियों को देनी होगी दोगुनी राशि, दूसरा निर्णय 3 विश्वविद्यालयों में कुलपति योग्यता नियम में हुआ संशोधन, तीसरा निर्णय कुलपति का चयन और हटाने में अब सरकार की अहम भूमिका रहेगी.

सर्क्युकेशन के जरिए लिए तीन अहम निर्णय
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Published : Jul 16, 2019, 10:35 AM IST

Updated : Jul 16, 2019, 12:50 PM IST

जयपुर. सीएम गहलोत ने कैबिनेट सर्कुलेशन के जरिए अहम निर्णय लिये. जिसके तहत कुलपति चयन के लिए समिति पैनल बनाया जाएगा. जिसे राज्यपाल सचिवालय की ओर से सरकार को भेजा जाएगा. इस पैनल में शामिल होने वाले लोगों के नाम के चयन के लिए सरकार की भूमिका रहेगी.

सर्क्युकेशन के जरिए लिए तीन अहम निर्णय

वहीं अभी तक राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपति को हटाने का प्रावधान नहीं था. लेकिन अब सरकार की सलाह पर राज्यपाल कुलपति को हटा सकेगा. इसके साथ ही कुलपति की योग्यता यूजीसी के नियमों के तहत की गई है. वहीं कुलपति बनने के लिए प्रोफेसर पद का 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए.

वहीं गहलोत सरकार ने एक और संशोधन के तहत मंत्री पद से मुक्त होने पर जिन पूर्व मंत्रियों ने सरकारी आवास खाली नहीं किया है. उन्हें 5 हजार से प्रतिमाह की बजाय 10 हजार प्रतिमाह राशि देनी होगी.इसके लिए कैबिनेट ने बड़े पुराने नियम में संशोधन का अनुमोदन किया है.

दरअसल पिछले दिनों कुलपति के चयन को लेकर काफी विवाद हुआ था बीजेपी सरकार के वक्त कुलपति के चयन में योग्यता का मापदंड को नजरअंदाज किया था. यही वजह है कि गहलोत सरकार ने अब कुलपति के चयन को लेकर उसकी योग्यता निर्धारित कर दी है.

बीजेपी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा और बीजेपी के विधायक नरपत सिंह राजवी ने भी अपना मंत्री पद खत्म होने के बावजूद अभी भी बंगला खाली नहीं किया है. ऐसे में सरकार की ओर से जो भी पूर्व मंत्री बंगला खाली नहीं करेगा.उसको दुगनी राशि जमा करनी होगी.

जयपुर. सीएम गहलोत ने कैबिनेट सर्कुलेशन के जरिए अहम निर्णय लिये. जिसके तहत कुलपति चयन के लिए समिति पैनल बनाया जाएगा. जिसे राज्यपाल सचिवालय की ओर से सरकार को भेजा जाएगा. इस पैनल में शामिल होने वाले लोगों के नाम के चयन के लिए सरकार की भूमिका रहेगी.

सर्क्युकेशन के जरिए लिए तीन अहम निर्णय

वहीं अभी तक राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपति को हटाने का प्रावधान नहीं था. लेकिन अब सरकार की सलाह पर राज्यपाल कुलपति को हटा सकेगा. इसके साथ ही कुलपति की योग्यता यूजीसी के नियमों के तहत की गई है. वहीं कुलपति बनने के लिए प्रोफेसर पद का 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए.

वहीं गहलोत सरकार ने एक और संशोधन के तहत मंत्री पद से मुक्त होने पर जिन पूर्व मंत्रियों ने सरकारी आवास खाली नहीं किया है. उन्हें 5 हजार से प्रतिमाह की बजाय 10 हजार प्रतिमाह राशि देनी होगी.इसके लिए कैबिनेट ने बड़े पुराने नियम में संशोधन का अनुमोदन किया है.

दरअसल पिछले दिनों कुलपति के चयन को लेकर काफी विवाद हुआ था बीजेपी सरकार के वक्त कुलपति के चयन में योग्यता का मापदंड को नजरअंदाज किया था. यही वजह है कि गहलोत सरकार ने अब कुलपति के चयन को लेकर उसकी योग्यता निर्धारित कर दी है.

बीजेपी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा और बीजेपी के विधायक नरपत सिंह राजवी ने भी अपना मंत्री पद खत्म होने के बावजूद अभी भी बंगला खाली नहीं किया है. ऐसे में सरकार की ओर से जो भी पूर्व मंत्री बंगला खाली नहीं करेगा.उसको दुगनी राशि जमा करनी होगी.

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जयपुर

गोहलोत सरकार ने सर्क्युकेशन के जरिये तीन अहम निर्णय , आवास खाली नहीं करने वाले मंत्रियों को देनी दुगनी राशि , 3 विश्वविद्यालयों में कुलपति के योग्यता नियम में हुआ संशोधन

एंकर:- कुलपति के चयन और उसे हटाने में अब सरकार की अहम भूमिका रहेगी साथ गहलोत सरकार ने कैबिनेट मुक्त हुए पूर्व मंत्रियों के आवास खाली नहीं करने पर उनकी ओर से भरे जाने वाले राशि को दोगुना कर कर दिया है गैलेट कैबिनेट ने आज सरकुलेशन सीएम निर्णय लिए



Body:VO:- सीएम गहलोत ने कैबिनेट सरकुलेशन के जरिये हम निर्णय लिए , इनमे कुलपति चयन को लेकर है जिसके तहत कुलपति चयन समिति राज्यपाल को पैनल बनाकर जिसे राज्यपाल सचिवालय की ओर से सरकार को भेजा जाएगा , इस पैनल में एक के नाम के चयन में अब सरकार की भूमिका रहेगी वहीं अब तक राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपति को हटाने का एक का प्रावधान नहीं था , अब इसे हटाने का प्रावधान किया गया है , माना जा रहा है कि सरकार की चलाह पर राज्यपाल कुलपति को हटा सकेगा , इसके साथ ही कुलपति की योग्यता यूजीसी के नियमों के तहत की गई है , इस कदर कुलपति बनने के लिए प्रोफेसर पद का 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए , वहीं गहलोत सरकार ने एक और संशोधन के तहत मंत्री पद से मुक्त होने पर दो बाद बाद पूर्व मंत्रियों ने सरकारी आवास खाली नही किया है , तो 5 हजार से प्रतिमाह की बजाय 10 हजार प्रतिमाह राशि देनी होगी , इसके लिए कैबिनेट ने बड़े पुराने नियम में संशोधन का अनुमोदन किया है ।


Conclusion:VO:- दरअसल पिछले दिनों कुलपति के चयन को लेकर काफी विवाद हुआ था बीजेपी सरकार के वक्त कुलपति के चयन में योग्यता का मापदंड को नजरअंदाज किया था यही वहज है की गहलोत सरकार ने अब कुलपति के चयन को लेकर उसकी योग्यता निर्धारित कर दी है वही बीजेपी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा और बीजेपी के विधायक नरपत सिंह राजवी ने भी अपना मंत्री पद खत्म होने के बावजूद अभी भी बंगला खाली नहीं किया है ऐसे में सरकार द्वारा अब जो भी पूर्व मंत्री बंगला खाली नहीं करेगा तो उसको दुगनी राशि जमा कराने के लिए लाए जाने वाले को सर्कुलेशन तेज रे मंजूरी दी गई ।
Last Updated : Jul 16, 2019, 12:50 PM IST
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