जयपुर. सीएम गहलोत ने कैबिनेट सर्कुलेशन के जरिए अहम निर्णय लिये. जिसके तहत कुलपति चयन के लिए समिति पैनल बनाया जाएगा. जिसे राज्यपाल सचिवालय की ओर से सरकार को भेजा जाएगा. इस पैनल में शामिल होने वाले लोगों के नाम के चयन के लिए सरकार की भूमिका रहेगी.
वहीं अभी तक राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपति को हटाने का प्रावधान नहीं था. लेकिन अब सरकार की सलाह पर राज्यपाल कुलपति को हटा सकेगा. इसके साथ ही कुलपति की योग्यता यूजीसी के नियमों के तहत की गई है. वहीं कुलपति बनने के लिए प्रोफेसर पद का 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए.
वहीं गहलोत सरकार ने एक और संशोधन के तहत मंत्री पद से मुक्त होने पर जिन पूर्व मंत्रियों ने सरकारी आवास खाली नहीं किया है. उन्हें 5 हजार से प्रतिमाह की बजाय 10 हजार प्रतिमाह राशि देनी होगी.इसके लिए कैबिनेट ने बड़े पुराने नियम में संशोधन का अनुमोदन किया है.
दरअसल पिछले दिनों कुलपति के चयन को लेकर काफी विवाद हुआ था बीजेपी सरकार के वक्त कुलपति के चयन में योग्यता का मापदंड को नजरअंदाज किया था. यही वजह है कि गहलोत सरकार ने अब कुलपति के चयन को लेकर उसकी योग्यता निर्धारित कर दी है.
बीजेपी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा और बीजेपी के विधायक नरपत सिंह राजवी ने भी अपना मंत्री पद खत्म होने के बावजूद अभी भी बंगला खाली नहीं किया है. ऐसे में सरकार की ओर से जो भी पूर्व मंत्री बंगला खाली नहीं करेगा.उसको दुगनी राशि जमा करनी होगी.