जयपुर. शिक्षा विभाग की रीड की हड्डी कहलाने वाले तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादलों की मांग को लेकर जयपुर में लामबंद हुए. 27 जिलों के शिक्षकों ने मंगलवार को आक्रोश रैली के रूप में शहीद स्मारक पर धरना दिया. शिक्षकों ने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि या तो सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों के 85 हजार आवेदनों पर कार्रवाई करते हुए ट्रांसफर (demand of transfer of third grade teachers) करें या फिर आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार रहें. ये भी स्पष्ट किया कि इस बार किसी मंत्री या नेता से नहीं, बल्कि सीधे मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद ही आंदोलन खत्म किया जाएगा.
प्रदेश के तृतीय श्रेणी शिक्षक पिछले करीब 4 सालों से तबादलों का इंतजार कर रहे हैं. बीते दिनों शिक्षा विभाग की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं करने की बात कही गई, जिसके बाद से तृतीय श्रेणी शिक्षकों में आक्रोश है. विरोध के चलते अब राजधानी के शहीद स्मारक पर तृतीय श्रेणी शिक्षक जुटे. राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल सिंह दादरवाल ने कहा कि शिक्षक पहले भी तबादला मांग को लेकर करीब 6 बार शहीद स्मारक पर प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन सरकार से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने से अब एक बार फिर शिक्षक ध्यानाकर्षण कराने के लिए प्रदर्शन कर रहा है.
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इस आंदोलन को अध्यापक तबादला आक्रोश रैली नाम दिया गया है. आंदोलन को लेकर पहले 27 दिनों में शिक्षकों को निमंत्रण पत्र बांट कर आंदोलन में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया. इस बार शिक्षक आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में चार साल के लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगस्त 2021 को थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. करीब 85 हजार शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किए थे, लेकिन इसके बाद भी उनके तबादले नहीं किए गए. शिक्षा मंत्री तबादला नीति पारित होने के बाद ही थर्ड ग्रेड के शिक्षकों का तबादला किए जाने की बात कहते रहे. लेकिन इस घोषणा के बाद 85 हजार आवेदन रद्दी हो गए.
वहीं आक्रोश रैली में शामिल हुई महिला शिक्षकों ने बताया कि महीनों वो अपने बच्चों और परिवार से दूर रहती हैं. उनकी पोस्टिंग कम से कम 200 से 500 किलोमीटर दूर है. जिसकी वजह से वो अपने परिवार और बच्चों पर तो ध्यान ही नहीं दे पाती. इसके अलावा पीटीआई शिक्षकों ने कहा कि पीटीआई भर्ती का रिजल्ट जारी हो चुका है और यदि नियुक्ति से पहले उनके तबादले नहीं होते हैं, तो उनके पास फिर ट्रांसफर का अवसर ही नहीं बचेगा. वहीं लंबे समय से टीएसपी से नॉन टीएसपी में जाने की मांग कर रहे शिक्षकों ने कहा कि करीब 10 साल से डार्क जोन से अपने गृह क्षेत्र में ट्रांसफर होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन सरकार अपनी ही नीतियों में उलझी हुई है. जिसकी वजह से उनके ट्रांसफर नहीं हो पा रहे. पहले भी उनसे आवेदन मांगे गए थे, लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया.
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बहरहाल, राज्य सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा करा रही है. नए शिक्षकों की नियुक्ति से पहले ही ट्रांसफर के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के तबादले संभव है. ऐसे में इस बार तृतीय श्रेणी शिक्षक पुख्ता आश्वासन के बाद ही आंदोलन खत्म करने के मूड में हैं. यही वजह है कि कुछ शिक्षक अनशन पर भी बैठ रहे हैं और इस बार सीधी सुनवाई सीएम से चाहते हैं. इसके साथ ही 9 महीने से लंबित चल रही प्रिंसिपल डीपीसी 2022-23 को तत्काल करने की मांग को लेकर राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद ने भी शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है. धरने में पुलिस और शिक्षकों की बीच गहमागहमी हुई. पुलिस ने कुछ शिक्षकों को हिरासत में ले लिया.